Lok Sabha Elections 2024 : कैराना का इतिहास बदलती रही सरताज, इस बार किसके सिर सजेगा ताज

कैराना का इतिहास बदलती रही सरताज, इस बार किसके सिर सजेगा ताज
UPT | Lok Sabha Elections 2024

Feb 20, 2024 20:44

लोकसभा चुनाव से पहले समाजवादी पार्टी अपने उम्मीदवारों की सूची से लगातार हलचल पैदा कर रही हैं। एक के बाद एक मंगलवार को सपा ने अपने उम्मीदवारों की तीसरी सूची जारी करते हुए राजनीतिक समीकरणों को नया आयाम दिया है।

Feb 20, 2024 20:44

Kairana News : लोकसभा चुनाव से पहले समाजवादी पार्टी अपने उम्मीदवारों  की सूची से लगातार हलचल पैदा कर रही हैं। एक के बाद एक मंगलवार को सपा ने अपने उम्मीदवारों की तीसरी सूची जारी करते हुए राजनीतिक समीकरणों को नया आयाम दिया है। वहीं लोकसभा की हॉट सीट मानी जाने वाली कैराना सीट से इकरा हसन को अपना उम्मीदवार बनाकर सटीक निशाना लगाया है। सपा ने उत्तर प्रदेश की पांच और सीटों पर अपने उम्मीदवारों का एलान करते हुए कैराना सीट से भी अपने उम्मीदवार की घोषण की है। जानिए कौन हैं इकरा हसन और अब क्या होंगे यहां के राजनीतिक समीकरण।

कैराना लोकसभा सीट पर नए समीकरण
लोकसभा की हॉट सीट मानी जाने वाली कैराना सीट पर अब भाजपा और सपा के बीच कांटे की टक्कर होने की संभावना जताई जा रही है। जहां भाजपा से वर्तमान में सांसद प्रदीप चौधरी को एक बार फिर टिकट मिलने की उम्मीद जताई जा रही हैं। बता दें कि इकरा हसन समाजवादी पार्टी से कैराना लोकसभा प्रभारी भी हैं। इकरा पूर्व सांसद रहे मनव्वर हसन की बेटी और विधायक नाहिद हसन की बहन हैं। पिछले काफी समय से इकरा हसन कैराना लोकसभा सीट पर तैयारियों में जुटी हुई थीं। जहां सपा से अन्य दावेदारों में इकरा हसन के साथ प्रोफेसर सुधीर पंवार, पूर्व मंत्री यशपाल सिंह के पुत्र रुद्र सैन का नाम भी शामिल था। लेकिन सभी को दरकिनार करते हुए सपा मुखिया अखिलेश यादव ने इकरा हसन को उम्मीदवार घोषित किया। कैराना लोकसभा सीट की बात करें तो यहां 18 लाख के करीब मतदाता है, जिनमें करीब साढ़े पांच लाख मुस्लिम मतदाता शामिल हैं। जबकि इस संख्या में बाकी अन्य हिंदू मतदाता है।

बदलते रहे सरताज, इस बार किसके नाम होगा ताज
इकरा को टिकट मिलने के बाद कैराना लोकसभा सीट पर नए समीकरण खड़े हो गए हैं। जहां भाजपा और सपा में कांटे का मुकाबला होना तय है। इसके साथ ही बसपा भी यहां मोर्चा संभालने को जुगत लगा रही है। बसपा के पश्चिमी उत्तर प्रदेश के प्रभारी शमसुद्दीन राइन के अनुसार बसपा सभी सीटों पर अकेले ही चुनाव लड़ेगी। दो दिन में प्रत्याशियों की घोषणा कर दी जाएगी। बता दें कि इकरा हसन के पिता स्वर्गीय मुनव्वर हसन कैराना लोकसभा सीट से सांसद रहे हैं। वहीं, उनकी माता तबस्सुम बेगम भी कैराना लोकसभा सीट से दो बार सांसद रह चुकी हैं। वहीं इकरा हसन के बड़े भाई नाहिद हसन कैराना विधानसभा सीट से लगातार तीसरी बार विधायक हैं। माना जा रहा है कि इकरा हसन को पुराने राजनीतिक संबंधों का लाभ मिलेगा।

कैराना सीट का इतिहास
प्रदेश की लोकसभा सीटों में शामिल कैराना हॉट सीट मानी जाती है। कैराना सीट पर सात बार दिवंगत सांसद व पूर्व मंत्री हुकुम सिंह विधायक बने। वहीं, 2014 में विधायक हुकुम सिंह के सांसद बनने पर कैराना विधानसभा सीट पर पहली बार विधायक नाहिद हसन विजयी हुए थे। 2017 में नाहिद हसन दूसरी बार कैराना सीट से विधायक बने थे। बता दें कि विधायक नाहिद हसन व उनकी माता पूर्व सांसद तबस्सुम हसन के खिलाफ गैंगस्टर एक्ट में मुकदमा पंजीकृत हुआ था। जिसके चलते पुलिस ने विधायक नाहिद हसन को कैराना शामली बाईपास से गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था। 

बहन इकरा ने संभाली थी भाई की कमान
2022 में विधानसभा चुनाव के दौरान सपा गठबंधन ने नाहिद हुसैन को प्रत्याशी घोषित किया था। जहां नाहिद हसन के जेल में होने के कारण उनकी चुनावी बागडोर पूरी तरह से उनकी छोटी बहन इकरा हसन ने संभाली थी। भाई व माता की गैरमौजूदगी में इकरा हसन दिन-रात एक करके बड़े भाई को जिताने में जुट गई थीं। इस चुनाव का परिणाम यह रहा था कि विधायक नाहिद हसन भाजपा प्रत्याशी मृगांका सिंह से लगभग 26 हजार से अधिक मत पाकर कैराना विधानसभा से लगातार तीसरी बार विधायक बने थे। विधायक नाहिद हसन के जेल में होने के बावजूद उन्हें तीसरी बार हैट्रिक बनाने में उनकी बहन इकरा हसन सूत्रधार बनी थीं।

कैराना का राजनीतिक इतिहास एक नजर में :-
वर्ष           सदस्य                          दल

1962       यशपाल सिंह               स्वतंत्र
1967       ग़यूर अली खान           संयुक्त सोशलिस्ट पार्टी
1971       शफ़क़त जंग               भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस
1977       चंदन सिंह                   जनता पार्टी
1980       गायत्री देवी                  जनता पार्टी (सेक्युलर)
1984       अख्तर हसन                भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस
1989        हरपाल सिंह पंवार        जनता दल
1991        हरपाल सिंह पंवार        जनता दल
1996        मुनव्वर हसन              समाजवादी पार्टी
1998       वीरेंद्र वर्मा                    भारतीय जनता पार्टी
1999       अमीर आलम खान         राष्ट्रीय लोक दल
2004       अनुराधा चौधरी              राष्ट्रीय लोक दल
2009       तबस्सुम हसन               बहुजन समाज पार्टी
2014      हुकुम सिंह                     भारतीय जनता पार्टी
2018^   तबस्सुम हसन                  राष्ट्रीय लोक दल
2019      प्रदीप चौधरी                  भारतीय जनता पार्टी

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