प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संसदीय क्षेत्र में पिछले 20 दिनों से आमरण अनशन पर बैठे काशी हिंदू विश्वविद्यालय के वरिष्ठ हृदय रोग विशेषज्ञ प्रो. ओम शंकर का गुरुवार को महात्मा गांधी के पपौत्र तुषार गांधी ने जूस पिलाकर
Varanasi News : बीएचयू के कॉर्डियोलॉजिस्ट का आमरण अनशन बापू के प्रपौत्र ने तुड़वाया, जानें पूरा मामला
May 30, 2024 16:47
May 30, 2024 16:47
अब कानूनी लड़ाई की अपील
डॉ. ओम शंकर का लगातार 20 दिन से बीएचयू स्थित अपने चेंबर में हृदय रोग विभाग में बेड उपलब्ध कराने की मांग को लेकर आमरण अनशन किया जा रहा था। इस विषय पर वार्ता करने के लिए काशी हिंदू विश्वविद्यालय के कुलपति नहीं पहुंचे। प्रोफेसर ओम शंकर को जनता का भरपूर समर्थन मिला। लोग अपने-अपने तरीके से उनके आमरण अनशन को समर्थन देने के लिए पहुंचे थे। 20 दिनों से लगातार आमरण अनशन के बाद मांग पूरी होती ना देखकर लोगों ने प्रो. ओम शंकर से निवेदन किया कि यह लड़ाई अब कानूनी स्तर से लड़ी जाए। जिससे सफलता हासिल होगी। लोगों ने आमरण अनशन तोड़ने की अपील की।
बापू के प्रपौत्र ने तुड़वाया अनशन
अनशन तुड़वाने महात्मा गांधी के प्रपौत्र तुषार गांधी काशी हिंदू विश्वविद्यालय स्थित हॉस्पिटल के हृदय विभाग पहुंचे। तुषार गांधी ने जूस पिलाकर प्रोफेसर ओम शंकर का आमरण अनशन तुड़वाया। तुषार गांधी ने बताया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने काशी में रोड शो और जनसभा की। इसके बाद भी उन्होंने आमरण अनशन पर बैठे ओम शंकर से वार्ता नहीं की। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी चाहते तो यह मासले का हल हो सकता था, लेकिन उन्होंने इस पर ध्यान नहीं दिया।
आम जनता के लिए आमरण अनशन
काशी हिंदू विश्वविद्यालय के पूर्व छात्र नेता और पूर्व अध्यापक संघ के महामंत्री जेएनयू के प्रोफेसर आनंद कुमार भी प्रोफेसर ओम शंकर के बाबत कहा कि प्रोफेसर ओम शंकर कोई अपने निजी काम के लिए आमरण अनशन पर नहीं बैठे थे। वह गरीब जनता एवं हृदय रोग के मरीजों के लिए बेड बढ़वाने की मांग को लेकर अनशन पर बैठे थे। प्रधानमंत्री के एक फोन कॉल से मामला सही हो जाता, पर हमारी मांग है कि सुप्रीम कोर्ट के पूर्व जज से मामले की जांच कराई जाए, जिससे लोगों को इसका फायदा मिल सके।
भ्रष्टाचारियों के साथ खड़ी है सरकार
वाराणसी के प्रबुद्ध जैन समाजसेवी धर्म गुरुओं ने कहा कि देश के प्रधानमंत्री लगातार वाराणसी दौरे पर थे, मगर डॉक्टर ओम शंकर के अनशन को लेकर किसी तरह की कोई बात नहीं की। न ही हाल जाना। कहीं ना कहीं लगता है कि भ्रष्टाचारी और गलत लोगों के पक्ष में सरकार खड़ी दिखाई देती है। ओम शंकर मरीज के हित के लिए लगातार कई वर्षों से संघर्ष करते आ रहे हैं। विश्वविद्यालय प्रशासन के नहीं मानने के बाद डॉक्टर ओम शंकर ने आमरण अनशन शुरू किया था।
वार्ता के लिए नहीं आए भ्रष्ट अधिकारी
प्रोफेसर ओम शंकर ने बताया कि आमरण अनशन के 20 दिन हो जाने के बावजूद कुलपति एवं भ्रष्ट्र अधिकारी वार्ता के लिए नहीं आए हैं। जो काशी विश्व हिंदू विश्वविद्यालय एवं महामना के सपनों को बर्बाद करने का काम कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि एक जून को मतदान किया जाना है। लोगों से अपील है कि वह सोच समझकर मतदान करें। यह मतदान जनता के भविष्य को लेकर किया जाना है ।
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