धर्मसंघ के मणिमंदिर में इस बार पांच हजार घरों से रसोई का भोग अर्पित करने की योजना है। मां विशालाक्षी देवी का अन्नकूट महोत्सव और वार्षिक शृंगार...
भक्ति में रंगेगा वाराणसी : अन्नपूर्णा मंदिर में 511 क्विंटल का भोग, विश्वनाथ धाम में लगेगा 56 भोग
Nov 01, 2024 15:34
Nov 01, 2024 15:34
511 क्विंटल का कच्चा और पक्का भोग तैयार किया
अन्नपूर्णा मंदिर में अन्नकूट महोत्सव की तैयारियों को अंतिम रूप दिया जा चुका है। यहां मां अन्नपूर्णा के प्रसाद के रूप में 511 क्विंटल का कच्चा और पक्का भोग तैयार किया गया है। जिसमें फल, मिठाई और व्यंजन शामिल होंगे। महंत शंकर पुरी के अनुसार इस बार अन्नकूट का प्रसाद तिरुपति बालाजी मंदिर तक पहुंचाया जाएगा। 3 नवंबर को विशेष आयोजन के बाद महंत तिरुपति बालाजी के दरबार में मां अन्नपूर्णा का प्रसाद लेकर रवाना होंगे। जिससे देशभर के श्रद्धालु मां के आशीर्वाद का लाभ ले सकें।
श्री काशी विश्वनाथ मंदिर में छप्पन भोग और विशेष शृंगार
श्री काशी विश्वनाथ मंदिर में भी अन्नकूट महोत्सव को भव्यता से मनाने की योजना है। बाबा विश्वनाथ को छप्पन भोग अर्पित किया जाएगा, जिसमें 21 क्विंटल मिठाइयों और व्यंजनों का भोग लगाया जाएगा। एसडीएम शंभूशरण सिंह ने बताया कि अन्नकूट के दिन बाबा का शृंगार विशेष ढंग से किया जाएगा। पुजारियों द्वारा बनाये गये भोग के साथ बाबा की मूर्ति को गर्भगृह में स्थापित किया जाएगा, जहां शाम 6 बजे तक श्रद्धालु बाबा का दर्शन कर सकेंगे। साथ ही भक्तों के लिए 14 क्विंटल मेवा और मिष्ठान का प्रसाद वितरण किया जाएगा।
मणिमंदिर में 5 हजार घरों से रसोई का भोग
धर्मसंघ के मणिमंदिर में इस बार पांच हजार घरों से रसोई का भोग अर्पित करने की योजना है। मां विशालाक्षी देवी का अन्नकूट महोत्सव और वार्षिक शृंगार भी 2 नवंबर को होगा, जिसमें 101 क्विंटल का छप्पन भोग सजाया जाएगा। महंत राधेश्याम दुबे ने जानकारी दी कि इस अवसर पर माता के शृंगार के बाद रात्रि 11:30 बजे शयन आरती के बाद प्रसाद का वितरण किया जाएगा।
विश्व कल्याण के लिए 11 दिवसीय मंत्र जाप और हवन अनुष्ठान
मणिमंदिर में करपात्री महाराज की तपस्थली पर 11 दिवसीय विशेष अनुष्ठान का आयोजन किया जाएगा। अन्नपूर्णा स्तोत्र, श्रीसूक्त और कनक धारा के मंत्रों का एक लाख बार जाप होगा। जिसका उद्देश्य विश्व कल्याण और देश के धन-धान्य के लिए कामना करना है। इस अनुष्ठान में धर्मसंघ के महामंत्री पंडित जगजीतन पांडेय ने बताया कि 108 बटुक प्रतिदिन नियमित रूप से मंत्रों का जाप करेंगे, जिसका समापन 11वें दिन हवन और पूर्णाहुति के साथ होगा।
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