Varanasi News : काशी में गंगा आरती समितियों का बड़ा फैसला, शादी समारोह में नहीं होगा दीपाराधन... 

काशी में गंगा आरती समितियों का बड़ा फैसला, शादी समारोह में नहीं होगा दीपाराधन... 
UPT | गंगा आरती समितियों की बैठक में सदस्यगण।

Oct 28, 2024 12:18

काशी में देव दीपावली के पहले गंगा आरती समितियों की महत्वपूर्ण बैठक में गंगा आरती को शादी विवाह जैसे समारोह को इवेंट के रूप में आयोजित कर लोगों के मनोरंजन का साधन बनाने को लेकर आक्रोश दिखा। समितियों ने फैसला...

Oct 28, 2024 12:18

Varaansi News : काशी में देव दीपावली के पहले गंगा आरती समितियों की महत्वपूर्ण बैठक में गंगा आरती (दीपाराधन) को शादी विवाह जैसे समारोह को इवेंट के रूप में आयोजित कर लोगों के मनोरंजन का साधन बनाने को लेकर आक्रोश दिखा। समितियों ने फैसला किया कि इस पर त्वरित रोक लगाई जाए। इसके लिए सरकार को एवं धर्मार्थ मंत्रालय को पत्र लिखकर अवगत कराया जाए, जिससे गंगा आरती को मनोरंजन के रूप में परोसने पर रोक लगाने की बात कही है।

आरती की मर्यादा का उल्लंघन बर्दाश्त नहीं 
समितियों ने एक सुर में कहा कि गंगा जी की आरती की मर्यादा, पवित्रता का उल्लंघन किसी कीमत पर नहीं बर्दाश्त किया जायेगा। आजकल ऐसा चलन में है कि कुछ इवेंट मैनेजमेंट कंपनियां और व्यक्ति धन लाभ प्राप्त करने हेतु श्रीगंगा आरती का कार्यक्रम शादी विवाह, पार्टियों और अन्य कार्यों में कर रहे हैं, जो श्रीगंगा आरती का एक तरह से अपमान है। यह सर्वथा निंदनीय है। हमारी मांग है कि इस प्रकार के कार्यों पर पूर्ण प्रतिबंध लगे। बैठक में दूसरा सबसे महत्वपूर्ण प्रस्ताव में गंगाजी की आरती के कार्यक्रम में भाग लेने के नाम पर कुछ ठगों ने फर्जी ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन शुरू किया है। गंगा आरती में भाग लेने, बैठने और दर्शन करने का कोई चार्ज नहीं है। यह कार्यक्रम पूरी तरह से नि:शुल्क है। जनता द्वारा जनता के लिए है, जो भी आस्था और श्रद्धा के भाव से देता है, लिया जाता है, कोई शुल्क नहीं हैं। इसके नाम पर हो रही ठगी को तत्काल बंद किया जाए।

समय से पूर्ण हों व्यवस्थाएं
देव दीपावली के आयोजन से पूर्व समस्त घाटों एवं कुंडों-तालाबों की साफ-सफाई, आलोक व्यवस्था, मरम्मत आदि के आवश्यक कार्य पूर्ण किए जाएं, जिससे देश-विदेश से भारी मात्रा में आने वाले श्रद्धालुओं तथा आयोजकों को किसी प्रकार की असुविधा का सामना न करना पड़े और यह महामहोत्सव अपनी ख्याति की भांति व्यवस्थित, सुनियोजित तरीके से आयोजित हो सके। गंगा सेवा निधि की ओर से बताया गया कि जिन उपकरणों से हम भगवती देवी सुरेश्वरी मां गंगा की आरती करते हैं, उन उपकरणों का प्रयोग विवाह मंडप में वर वधु की आरती उतारने में प्रयोग ना केवल एक अमर्यादित घटना है, बल्कि सनातन धर्म का घोर अपमान है। वो भी कथित हिन्दू के हाथ हिन्दू महफिल में हो रहा है।

धार्मिक अपराध के लिए हो दंड का प्रावधान
बैठक में कहा गया कि वर्तमान समाज में एक उग्र वर्ण शंकर आर्थिक संस्कृति ने सब कुछ बिकाऊ बना दिया है। उससे भी अधिक तकलीफ की बात है कि इनके आचरणों को लोग नवाचार का संज्ञा दिया है। मित्रों ऐसा अगर निर्विरोध रूप से घटता रहा तो आगामी दिनों में विवाह के पैकेज में ही पूरे 16 संस्कारों को जोड़ दिया जाएगा। अगर हमारे देश में झोला छाप डॉक्टरों को विधि के अनुसार, कारावास एवं आर्थिक दंड के प्राविधान है तो इन कथित धार्मिक अपराधियों का भी दंड होना चाहिए। मैं तो कामना करता हूं कि काशी विद्वत परिषद या काशी तीर्थ पुरोहित सामाजिक घटनाओं का संज्ञान ले और एक बृहद आंदोलन हो, तभी हम सुरक्षित हो पाएंगे।

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