पूर्व प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री की जन्मस्थली के विकास की उपेक्षा से नाराज लाल बहादुर शास्त्री जन्मभूमि सेवा न्यास के सदस्यों ने जन्मस्थली पर दस दिवसीय धरना शुरू कर दिया है।
चंदौली में धरना : लाल बहादुर शास्त्री के जन्मस्थल के विकास की मांग को लेकर न्यास सक्रिय, 10 मांगों को लेकर हो रहा है प्रदर्शन
Jan 03, 2025 12:43
Jan 03, 2025 12:43
धरने की मुख्य मांगें
धरनारत सदस्यों की मांग है कि शास्त्री जी के जन्म स्थल को राष्ट्रीय धरोहर के रूप में घोषित किया जाए। इसके अलावा, मुगलसराय जंक्शन का नाम शास्त्री जी के नाम पर रखा जाए, ताकि उनकी स्मृति को और सम्मान मिल सके। उनकी अन्य मांगों में देश के सभी दिव्यांगों को प्रतिमाह तीन हजार रुपये की पेंशन देने की मांग भी शामिल है। इसके अलावा, सेंट्रल कॉलोनी में स्थित बाबा साहब डॉ. भीमराव अंबेडकर की प्रतिमा को पावर हाउस रेलवे की चारदीवारी से बाहर निकाल कर सार्वजनिक रूप से स्थापित किया जाए।
शास्त्री जी की जन्मस्थली के विकास में रेलवे की अनदेखी
धरनारत लोगों का कहना है कि शास्त्री जी भारतीय रेलवे के पूर्व मंत्री भी रह चुके थे, बावजूद इसके रेलवे विभाग ने उनकी जन्मस्थली के विकास के लिए कोई पहल नहीं की। यह धरना लगातार दस दिनों तक चलेगा, और 11 जनवरी को शास्त्री जी की पुण्यतिथि पर इसका समापन किया जाएगा।
धरने में शामिल लोग और नेतृत्व
धरने में शामिल प्रमुख सदस्य शंकर चौहान, पवन शर्मा, सुजीत गुप्ता, सुरेश यादव, अभिषेक नारायण, दिनेश यादव, नंदलाल, पारसनाथ समेत दिव्यांग सदस्य जितेंद्र भारती, मुन्ना, बिंदु बिद, धर्मेंद्र यादव, संजय चौहान, शिव कुमार, और दिलीप चौहान शामिल थे। धरने का नेतृत्व 'लाल बहादुर शास्त्री जन्मस्थली सेवा न्यास' के संयोजक कृष्णा गुप्ता द्वारा किया जा रहा है। धरने का समापन शास्त्री जी की पुण्यतिथि 11 जनवरी को होगा, और न्यास द्वारा किए गए 12 सूत्री मांगों पर आगे की रणनीति बनाई जाएगी।
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