लोक आस्था का पर्व छठ मनाने के लिए लोग अपने गांव और शहर पहुंचने की होड़ में तमाम कवायद कर रहे हैं। बावजूद इसके लोगों को सफलता नहीं मिल पा रही है। ट्रेनों के कोचों में तिल रखने की भी जगह नहीं मिल पाने से यात्री.../
Chandauli News : ट्रेनों में तिल रखने की भी जगह नहीं, छठ पर्व पर घर जाने में परेशान हो रहे यात्री...
Nov 04, 2024 14:42
Nov 04, 2024 14:42
- यात्रियों को ट्रेन में चढ़ाने में आरपीएफ और जीआरपी के छूट रहे पसीने।
- दिल्ली से दीनदयाल नगर पहुंचने में बदलीं तीन ट्रेनें, फिर भी मंजिल दूर।
क्या कहते हैं मुसाफिर
बक्सर निवासी अंकित राय को दिल्ली से दीनदयाल नगर पहुंचने में तीन ट्रेनें बदलनी पड़ीं। उनकी मंजिल अब भी दूर है। कहा कि छठ पर घर पहुंचना आवश्यक है। ऐसा केवल अंकित राय के साथ नहीं हो रहा, बल्कि ट्रेन में सवार अन्य यात्रियों की भी यही स्थिति है। छठ के पूर्व डाउन की ट्रेनों में अत्यधिक भीड़ हो रही है। भीड़ को संभालने में आरपीएफ जीआरपी और वाणिज्य विभाग के अधिकारियों के भी पसीने छूट रहे हैं।
रेलवे की सारी कवायद फेल
सूर्याेपासना का पर्व चार दिवसीय डाला छठ को अत्यंत कठिन व्रत माना जाता है। यही कारण है कि महानगरों में रहने वाले लोग किसी हाल में घर पहुंचना चाहते हैं। यात्रियों की भीड़ को देखते हुए रेलवे ने छठ पूजा स्पेशल ट्रेने चला रही है, लेकिन यात्रियों की भीड़ के आगे सारी कवायद फेल नजर आ रही है। सोमवार को पीडीडीयू जंक्शन पर यात्रियों की गहमा गहमी दिखी। स्थिति यह है कि डाला छठ व्रत करने से भी कठिन महानगरों से घर पहुंचना हो गया है।
कठिन परीक्षा दे रहे यात्री
दिल्ली, मुंबई, सिकंदराबाद, सूरत से घर पहुंचने के लिए यात्री कठिन परीक्षा दे रहे हैं। ट्रेनों के प्लेटफार्म पर पहुंचते ही आपाधापी की स्थिति बन जा रही है। ट्रेन के पहुंचते ही चढ़ने उतरने वालों के बीच अफरा तफरी दिख रही है। स्थिति यह रही कि स्लीपर में गेट पर चढ़ना मुश्किल रहा है। कोच संख्या एस-12 में एक महिला लगातार ट्रेन पर चढ़ने के लिए मिन्नत करती रही, लेकिन गेट पर बैठे युवक हटने का नाम नहीं ले रहे थे। हो हल्ला के बाद वे हटे और महिला चढ़ी, लेकिन अंदर भीड़ देखकर वह स्वयं ही नीचे उतर आई।
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