विश्व आत्महत्या रोकथाम दिवस : पुरुषों में आत्महत्या की दर अधिक, लोगों को जागरूक कर बचाव का संदेश दिया

पुरुषों में आत्महत्या की दर अधिक, लोगों को जागरूक कर बचाव का संदेश दिया
UPT | कार्यक्रम में उपस्थित छात्र-छात्राएं।

Sep 10, 2024 21:09

विश्व आत्महत्या रोकथाम दिवस पर चंदौली में एक विशेष कार्यशाला आयोजित की गई। इसमें जिला मानसिक स्वास्थ्य टीम ने छात्र-छात्राओं और शिक्षकों को मानसिक स्वास्थ्य और आत्महत्या रोकथाम के महत्व के बारे में जानकारी दी।

Sep 10, 2024 21:09

Chandauli News : विश्व आत्महत्या रोकथाम दिवस के अवसर पर मंगलवार को चंदौली के राजकीय हाई स्कूल, त्रिभुवनपुर में आत्महत्या रोकथाम पर एक विशेष कार्यशाला आयोजित की गई। इस कार्यशाला में जिला मानसिक स्वास्थ्य टीम ने छात्र-छात्राओं और शिक्षकों को मानसिक स्वास्थ्य और आत्महत्या रोकथाम के महत्व के बारे में जानकारी दी। साथ ही, जागरूकता रैली भी निकाली गई, जिसमें आत्महत्या के प्रति लोगों को जागरूक करने का संदेश दिया गया।

जीवन की चुनौतियों से तनाव और आत्महत्या
कार्यशाला में उपस्थित मनोचिकित्सक डॉ. नीतेश सिंह ने बताया कि आजकल लोग जल्दी से जल्दी सब कुछ प्राप्त करने की होड़ में लगे हैं, जिससे घरेलू तनाव, कर्ज, गरीबी, बेरोजगारी, प्रेम संबंध और तलाक जैसी समस्याएं बढ़ रही हैं। इन समस्याओं के कारण लोग मानसिक तनाव का शिकार हो जाते हैं, और कई बार यह तनाव आत्महत्या तक ले जाता है। उन्होंने बताया कि आत्महत्या एक गंभीर समस्या है जिसे रोका जा सकता है, और हर साल 10 सितंबर को विश्व आत्महत्या रोकथाम दिवस मनाने का उद्देश्य इसी जागरूकता को फैलाना है।

आत्महत्या के आंकड़े और जोखिम
क्लिनिकल साइकोलॉजिस्ट अजय कुमार ने जानकारी दी कि विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) के अनुसार, हर 40 सेकेंड में एक व्यक्ति आत्महत्या करता है, जिससे प्रतिवर्ष लगभग 800,000 लोग अपनी जान गंवा देते हैं। उन्होंने यह भी बताया कि पुरुषों में आत्महत्या की दर महिलाओं से अधिक है। आत्महत्या का खतरा उन लोगों में अधिक होता है जो डिप्रेशन या पारिवारिक तनाव, बुरे संबंध, या ब्रेकअप जैसी समस्याओं से गुजर रहे होते हैं। आत्महत्या करने से पहले व्यक्ति कई संकेत देता है, जैसे बार-बार मरने की बातें करना, जीवन के प्रति लापरवाही दिखाना, और गहरे उदासी में रहना। 

मानसिक स्वास्थ्य की देखभाल
साइकियाट्रिक सोशल वर्कर डॉ. अवधेश कुमार ने बताया कि आजकल लोग तनाव, अवसाद और चिंता से निपटने के लिए नशीले पदार्थों का सहारा लेने लगे हैं, जो स्थिति को और बिगाड़ देता है। उन्होंने सुझाव दिया कि आत्महत्या करने की प्रवृत्ति वाले लोगों के भावनात्मक संकेतों को पहचानकर उनसे बात करें, उन्हें सकारात्मक दिशा में प्रेरित करें, और अकेला न छोड़ें।

जिला चिकित्सालय के मानसिक रोग विभाग ने बताया कि 2023 में आत्महत्या रोकथाम हेल्पलाइन के माध्यम से लगभग 250 लोगों की काउंसलिंग की गई, जिससे वे आत्महत्या के विचारों से उबरकर एक नई जिंदगी शुरू कर सके। 

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