देव दीपावली के मौके पर भगवान शिव की नगरी काशी पूरी तरह से सज चुकी है। इस साल देव दीपावली 15 नवंबर को मनाई जाएगी। वाराणसी में इस दिन गंगा के घाटों पर हजारों दीप जलाए जाते हैं और घाटों को रंग-बिरंगे झालरों से सजाया जा रहा है। इस दिन काशी में रूट डायवर्जन भी रहेगा।
देव दीपावली के लिए सजकर तैयार काशी : रोशनी से जगमगाएगी गंगा की धरती, जानें क्या है रूट डायवर्जन
Nov 15, 2024 00:43
Nov 15, 2024 00:43
- कई रूटों पर वाहनों का रहेगा प्रतिबंध
- लहुराबीर से गोदौलिया तक वाहनों की संख्या सीमित
- सुरक्षा के लिए की गई विशेष व्यवस्थाएं
देव दीपावली के लिए तैयार काशी
वाराणसी, जो धर्म और अध्यात्म की नगरी मानी जाती है, में इस बार देव दीपावली की तैयारियां महीनों से चल रही हैं। इस दिन मोक्ष नगरी पूरी तरह से देवों की तरह रोशन नजर आती है, और देश-विदेश से लोग इसे देखने के लिए आते हैं। इस बार घाटों को रंग-बिरंगे दीपों और झालरों से सजाया गया है, जिसमें खास तौर पर दीपों के रंगों को प्रमुखता दी गई है। नमो घाट और राजघाट पुल को भी खूबसूरती से सजाया गया है, साथ ही गंगा में खंभों पर भी झालरें लगाई गई हैं। नावों पर भी विभिन्न रंगों की लाइट्स लगी हुई हैं, जो पर्यटकों का ध्यान आकर्षित करती हैं। इसके अलावा राजघाट और भैसासुर घाट भी सजे हुए हैं, और नमो घाट पर इस अवसर पर विशेष सांस्कृतिक कार्यक्रम भी आयोजित किए जाएंगे।
इन रूटों पर वाहनों का रहेगा प्रतिबंध
पुलिस कमिश्नर मोहित अग्रवाल ने देव दीपावली की तैयारियों की समीक्षा करने के बाद महत्वपूर्ण निर्णय लिया। 15 नवंबर को होने वाली देव दीपावली के दिन मैदागिन से गोदौलिया, अस्सी, बैंक ऑफ बड़ौदा और लंका जाने वाले रास्तों पर वीवीआईपी समेत सभी प्रकार के वाहनों की आवाजाही पर प्रतिबंध रहेगा। इसके अलावा, पड़ोसी जिलों से आने वाली नावों को आदिकेशव घाट और गड़वा घाट पर रोका जाएगा। लहुराबीर से गोदौलिया तक जाने वाले रास्ते पर भी वाहनों की संख्या सीमित की जाएगी, ताकि भीड़-भाड़ को नियंत्रित किया जा सके और सुरक्षा व्यवस्था बनी रहे।
सुरक्षा के लिए की गई विशेष व्यवस्थाएं
देव दीपावली के मौके पर वाराणसी में सुरक्षा के लिए व्यापक इंतजाम किए गए हैं। गंगा में जल पुलिस लगातार पेट्रोलिंग करेगी, जबकि सुरक्षा और भीड़ प्रबंधन के लिए सीसीटीवी कैमरे और ड्रोन से निगरानी की जाएगी। चेन स्नेचिंग जैसी घटनाओं को रोकने के लिए सादे कपड़ों में पुलिसकर्मी तैनात रहेंगे। साथ ही, कई पाबंदियां भी लागू की गई हैं। लाइफ जैकेट के बिना कोई भी नाव पर सवार नहीं हो सकेगा, और पतवार वाली नावों का संचालन पूरी तरह से प्रतिबंधित रहेगा। घाटों पर तेज ध्वनी और अश्लील संगीत व नृत्य पर भी पाबंदी रहेगी। इस बार घाटों को पीले रंग के झालरों से सजाया गया है, जबकि राजघाट पुल के पिलर भी रंग-बिरंगे झालरों से सजाए गए हैं।
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