सावन के पहले सोमवार को काशी केसरिया रंग में रंगी दिखी। रविवार रात से ही भक्त बाबा विश्वनाथ के जलाभिषेक के लिए जुटने लगे थे।
सावन का पहला सोमवार : काशी विश्वनाथ मंदिर में उमड़ा भक्तों का सैलाब, 2.6 लाख से अधिक लोगों ने किया दर्शन
Jul 22, 2024 20:55
Jul 22, 2024 20:55
- इंद्रदेव ने भी बाबा विश्वनाथ के प्रति निवेदित की श्रद्धा, बारिश से बाबा के भक्तों को मिली राहत
- श्रावण के पहले सोमवार को केसरिया रंग में रंगी नजर आई बाबा की काशी, देर रात से ही लग गई थी भक्तों की लाइन
- मंगला आरती के बाद मंदिर का कपाट खुलने के साथ ही हर-हर महादेव के जयकारों से गूंज उठी काशी
- यादव बंधुओं ने गगरे में जल लेकर बाबा को जल चढ़ाकर निभाई परंपरा
जलाभिषेक के लिए देर रात ही काशी पहुंचे बाबा के भक्त
सावन के पहले सोमवार को काशी केसरिया रंग में रंगी दिखी। रविवार रात से ही भक्त बाबा विश्वनाथ के जलाभिषेक के लिए जुटने लगे थे। मंदिर का कपाट खुलते ही श्रद्धालुओं ने बाबा पर जल चढ़ाया और शीश नवाया। पूरी काशी "हर-हर महादेव" और "बोल बम" के जयघोष से गूंज उठी। बाबा की चल प्रतिमा का विशेष श्रृंगार किया गया, जिसके दर्शन से भक्त निहाल हुए। यादव बंधुओं ने परंपरानुसार गगरे में जल लेकर बाबा को अर्पित किया। केवल विश्वनाथ मंदिर ही नहीं, काशी के सभी शिवालयों में भी भक्तों की भारी भीड़ देखी गई। इस प्रकार, आस्था और उत्साह के साथ काशी में सावन का आगाज हुआ। इस प्रकार, श्रावण मास का पहला सोमवार भक्तिमय माहौल में मनाया गया, जिसमें शाम 8 बजे तक 269309 श्रद्धालुओं ने दर्शन-पूजा की।
बाबा विश्वनाथ का इंद्रदेव ने भी किया जलाभिषेक
इंद्रदेव ने भी बाबा विश्वनाथ के प्रति श्रद्धा निवेदित की। दोपहर बाद वाराणसी में हल्की बारिश हुई। मौसम का मिज़ाज़ बदलने के बाद कतार में लगे बाबा के भक्तों को काफी राहत मिली। वाराणसी में कई दिनों से उमस भरी गर्मी से लोग बेहाल थे। धूप से बचनेके लिए लगे जर्मन हैंगर और शेड पानी से भी बचाव के काम आया। वहीं बारिश से तपिश कम हुई और मौसम खुशनुमा हो गया।
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