वाराणसी में करोड़पति कारोबारी राजेंद्र गुप्ता के परिवार के पांच सदस्यों की 5 नवंबर को गोली मारकर हत्या कर दी गई। यह घटना पूरे इलाके में सनसनी का कारण बनी हुई है...
कारोबारी परिवार के पांच सदस्यों की सामूहिक हत्या का मामला : हमले के बाद पुलिस को मिला नया सुराग, हरिश्चंद्र घाट पर मृतकों का हुआ अंतिम संस्कार
Nov 08, 2024 01:13
Nov 08, 2024 01:13
पुलिस जांच में सीसीटीवी फुटेज खंगाले
इस हत्याकांड के बाद पुलिस ने घटनास्थल पर गहन जांच शुरू की है। जांच में पुलिस ने अब तक 500 से अधिक सीसीटीवी फुटेज खंगाले हैं और संदिग्धों की पहचान के लिए अहम सुराग जुटाए हैं। प्रारंभिक जांच में यह अंदेशा जताया जा रहा है कि इस हत्या में चार से पांच अपराधी शामिल थे, जिन्होंने इस वारदात को अंजाम देने के लिए पिस्टल और रिवॉल्वर दोनों का उपयोग किया। घटनास्थल से फोरेंसिक सबूत भी एकत्र किए गए हैं, जिनका विश्लेषण जारी है।
पोस्टमार्टम रिपोर्ट में चौंकाने वाले खुलासे
पुलिस के अनुसार, गुप्ता परिवार पर हमला करने के लिए 15 गोलियां चलाई गई थीं, हालांकि घटनास्थल से सिर्फ तीन खोखे बरामद हुए हैं। भदैनी स्थित मकान में तीन किराएदार भी रह रहे थे, जो घटना की रात से ही गायब हैं और उनके मोबाइल फोन बंद हैं। ये किराएदार पुलिस जांच में मुख्य कड़ी बन गए हैं। राजेंद्र गुप्ता के परिवार की पोस्टमार्टम रिपोर्ट भी सामने आ गई है, जिसमें कई चौंकाने वाले खुलासे हुए हैं। रिपोर्ट के मुताबिक, राजेंद्र को तीन गोलियां मारी गई थीं—दो गोली सिर पर और एक सीने पर। उनके बड़े बेटे नमनेंद्र को चार गोलियां लगीं, जिसमें दो सिर पर और दो सीने पर मारी गई थीं। उनकी पत्नी को भी चार गोलियां मारी गईं, जबकि बेटी गौरांगी और छोटे बेटे सुबेंद्र को दो-दो गोलियां मारी गईं।
भतीजे पर बढ़ा शक
जांच में एक नया मोड़ तब आया जब पुलिस को यह पता चला कि राजेंद्र गुप्ता का भतीजा विक्की, जो बेंगलुरु में काम करता था, दीपावली के समय वाराणसी आया था। विक्की ने अपनी दादी शारदा देवी को बताया था कि वह एक खास काम निपटाने के बाद ही वापस जाएगा। घटना के बाद से विक्की का मोबाइल बंद है और पुलिस उसके ठिकानों का पता लगाने की कोशिश कर रही है। पुलिस ने यह भी जानकारी दी है कि भदैनी स्थित मकान में किसी प्रकार की जबरन घुसपैठ के निशान नहीं मिले हैं, जिससे यह अनुमान लगाया जा रहा है कि अपराधियों ने किसी प्रकार के संघर्ष के बिना ही घटना को अंजाम दिया। साथ ही, पुलिस का ध्यान मृतक राजेंद्र गुप्ता के पुराने मामले पर भी गया है, जिसमें 1997 में उनके खिलाफ अपने छोटे भाई, उसकी पत्नी और पिता की हत्या का आरोप था।
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