डॉ.राजेंद्र प्रसाद और शहीद खुदीराम बोस की जयंती : दोनों को श्रद्धांजलि देकर देश की एकता, अखंडता की रक्षा का संकल्प लिया

दोनों को श्रद्धांजलि देकर देश की एकता, अखंडता की रक्षा का संकल्प लिया
UPT | डॉ राजेंद्र प्रसाद की जयंती मनाते कायस्थ सभा के कार्यकर्ता व सदस्य।

Dec 03, 2024 12:38

अखिल भारतीय कायस्थ महासभा गाजीपुर ने पीरनगर स्थित डॉ. राजेंद्र बाबू की प्रतिमा स्थल पर डॉ. राजेंद्र बाबू और शहीद खुदीराम बोस की जयंती पर माल्यार्पण कार्यक्रम व विचार गोष्ठी का आयोजन किया।

Dec 03, 2024 12:38

Ghazipur News : गाजीपुर के पीरनगर स्थित डॉ.राजेंद्र बाबू की प्रतिमा स्थल पर अखिल भारतीय कायस्थ महासभा के तत्वावधान में भारत के पहले राष्ट्रपति डॉ.राजेंद्र प्रसाद और अमर शहीद खुदीराम बोस की जयंती के उपलक्ष्य में माल्यार्पण एवं विचार गोष्ठी का आयोजन किया गया। कार्यक्रम में महासभा के सभी कार्यकर्ताओं और समाज के गणमान्य व्यक्तियों ने दोनों महान विभूतियों को श्रद्धांजलि अर्पित की।



संविधान और लोकतंत्र की रक्षा का लिया संकल्प
इस कार्यक्रम में उपस्थित सभी लोगों ने डॉ. राजेंद्र प्रसाद और शहीद खुदीराम बोस की प्रेरणादायी जीवन गाथाओं का स्मरण किया और देश की एकता, अखंडता, संविधान और लोकतंत्र की रक्षा का संकल्प लिया।

डॉ. राजेंद्र प्रसाद को दी गई श्रद्धांजलि
महासभा के जिलाध्यक्ष अरुण कुमार श्रीवास्तव ने डॉ. राजेंद्र प्रसाद के जीवन और व्यक्तित्व पर प्रकाश डालते हुए कहा कि वे भारतीय राजनीति और स्वतंत्रता संग्राम के एक महानायक थे। उन्होंने यह भी कहा कि भारत सरकार और प्रदेश सरकारों द्वारा संविधान दिवस पर डॉ. राजेंद्र बाबू की उपेक्षा दुर्भाग्यपूर्ण है। वे संविधान सभा के अध्यक्ष और भारत के पहले राष्ट्रपति होने के साथ-साथ नैतिकता, सादगी और विद्वता के प्रतीक थे।

जिलाध्यक्ष ने बताया कि डॉ. राजेंद्र प्रसाद का जीवन सादगी से भरा हुआ था। राष्ट्रपति का कार्यकाल समाप्त होने के बाद उनके पास निजी आवास तक नहीं था। उन्होंने बिहार कांग्रेस कमेटी के कार्यालय सदाकत आश्रम को अपना निवास बनाया। उनका जीवन प्रेरणा का स्रोत है और हमें उनकी सादगी व नैतिकता से सीखना चाहिए।

शहीद खुदीराम बोस को नमन
डॉ. प्रसाद के साथ शहीद खुदीराम बोस को भी नमन किया गया। गोष्ठी में कहा गया कि खुदीराम बोस भारत के सबसे युवा क्रांतिकारियों में से एक थे, जिन्होंने देश की आजादी के लिए अपने प्राण न्योछावर कर दिए। वे पहले क्रांतिकारी थे जिन्हें ब्रिटिश शासन द्वारा फांसी की सजा सुनाई गई। उनकी शहादत ने भारतीय स्वतंत्रता संग्राम में नई ऊर्जा भर दी।

कार्यक्रम में प्रमुख लोगों की उपस्थिति
इस अवसर पर सभासद परवेज अहमद, अशोक कुमार श्रीवास्तव, मोहन लाल श्रीवास्तव, अमरनाथ श्रीवास्तव, विभोर श्रीवास्तव, केशव श्रीवास्तव, संजय सेवराई, सत्येंद्र श्रीवास्तव, और संतोष समेत कई अन्य कार्यकर्ता उपस्थित रहे।
कार्यक्रम की अध्यक्षता महासभा के जिलाध्यक्ष अरुण कुमार श्रीवास्तव ने की, जबकि संचालन महासभा के जिला महामंत्री अरुण सहाय ने किया। 

समाज के लिए प्रेरणादायक आयोजन
इस कार्यक्रम ने गाजीपुर में समाज के सभी वर्गों को एकत्रित किया और देशभक्ति, सादगी, और नैतिकता के मूल्यों को फिर से उजागर किया। यह आयोजन युवा पीढ़ी को प्रेरित करने का माध्यम बना। 

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