एशिया के सबसे बड़े गहमर गांव की दलित बस्ती समस्याओं के दर्द से सुबक रही है। यहां गंदे पानी का जलजमाव, बजबजाती नालियां, बदबू व सड़ांध से संक्रामक रोगों का खतरा लोगों का जीना...
Ghazipur News : एशिया के सबसे बड़े गांव गहमर की दलित बस्ती में जलभराव से ग्रामीण परेशान, संक्रामक रोगों का बढ़ा खतरा
Aug 10, 2024 19:57
Aug 10, 2024 19:57
Ghazipur News : एशिया के सबसे बड़े गहमर गांव की दलित बस्ती समस्याओं के दर्द से सुबक रही है। यहां गंदे पानी का जलजमाव, बजबजाती नालियां, बदबू व सड़ांध से संक्रामक रोगों का खतरा लोगों का जीना मुश्किल कर दिया है। यह कहने के लिए देश में सैनिकों का सबसे बड़ा गांव भी है। लेकिन गलियों में खुलेआम बहता गंदा पानी लोगों का जीना दूभर कर दिया है। बीते कई वर्षों से गांव के पूरब टोला की दलित बस्ती विकास से कोसों दूर व उपेक्षित है। इस बस्ती की की सुधि लेने वाला कोई नहीं है। यहां के जनप्रतिनिधि उदासीन तथा प्रशासनिक अधिकारी मौन है। जबकि उस मोहल्ले में रहने वाले कई घरों के लोग देश की सीमाओं की रक्षा कर रहे हैं। साथ में कई लोग देश कोने-कोने में बड़े पदों पर सरकारी नौकरी कर रहे हैं। इस बस्ती के रहने वाले रेलवे के क्लास वन ऑफिसर मनोज कुमार छुट्टियों में अपने गांव आए और यहां की दशा देखकर दंग रह गए।
हमेशा बना रहता है संक्रामक रोग का खतरा
उन्होंने इस संबंध में जिलाधिकारी सहित कुछ उच्चाधिकारियों को पत्र लिखने को कहा। उस मोहल्ले की गलियों का आज तक निर्माण नहीं हो सका और न ही नाली का निर्माण हुआ। जबकि इसकी सूचना मोहल्लेवासियों ने लिखित रूप से कई बार ग्राम प्रधान, खंड विकास अधिकारी एवं क्षेत्रीय विधायक को दी है। लेकिन इसको देखने तक की किसी ने जहमत नहीं उठाई। बरसात के दिनों में यह गलियां पूरी तरह गंदे नालों के पानी से भर जाती हैं। लोग घुटने भर पानी में घुसकर अपने घरों तक जाते हैं। नाली का निर्माण न होने से पानी निकास की कोई व्यवस्था नहीं है। बरसात के दिनों में लोगों के घरों में नाली का गंदा पानी उफन कर घर के अंदर तक चला जाता है। इससे संक्रामक रोग का खतरा हमेशा बना रहता है। इस दशा को देखकर जब भी कोई आर्मी का जवान या नौकरी करने वाला बाहर से अपने घर को लौटता है, तो यह सोचने पर मजबूर हो जाता है कि देश की सेवा करने के बाद हमें वापस गांव जाकर यह नरक की जिंदगी देखने को मिलती है।
इस पर सरकार ध्यान नहीं देती
गांव के रहने वाले मुन्ना लाल रवि जो आर्मी का रिटायर्ड है। उन्होंने कहा कि कई ग्राम प्रधान के कार्यकाल आए और चले गए लेकिन इस मोहल्ले की ना तो गली का निर्माण हो पाया और न ही नाली का निर्माण। जिससे हम और हमारे बाल बच्चे इस गंदे वातावरण में रहने के लिए मजबूर हैं। मोहल्ले में रहने वाले स्थानीय कारोबारी ओमप्रकाश का कहना है कि बारिश के दिनों में हम लोगों का घर से बाहर निकलना मुश्किल हो जाता है क्योंकि गलियां पूरी तरह कीचड़ और पानी से भर जाता है और ऐसे में हम लोग अपने घरों से पानी को साफ करने में ही लगे रहते हैं। रेलवे विभाग के जॉइंट सेक्रेटरी पद को सुशोभित करने वाले मनोज राम का कहना है कि गहमर पूरब टोला के दलित बस्ती की लगभग 500 मीटर गालियों में कीचड़ से भरा पड़ा है। जिसमें आवा-जाही पूरी तरह से बाधित है। गालियों का गंदा पानी घर में प्रवेश कर रहा है। इससे लगभग 500 लोग पर प्रभावित है जिसमें लगभग 100 घर शामिल हैं। इसका संज्ञान संबंधित प्रधान/अधिकारी को पूर्व में दिया जा चुका है। गंदगी के चलते बीमारियां फैलने की प्रबल संभावना बनी हुई हैं। दलित बस्ती में रहने वाली महिलाओं और पुरुषों का कहना है कि यदि इस पर सरकार ध्यान नहीं देती है तो हम लोग आंदोलन करने के लिए बाध्य होंगे। जिसका जिम्मेवार जिला प्रशासन होगा।
Also Read
9 Sep 2024 10:48 PM
नगर निगम वाराणसी ने आगामी त्योहारों को ध्यान में रखते हुए बरसात के दौरान खराब हुई सड़कों की मरम्मत का कार्य युद्ध स्तर पर शुरू कर दिया है। महापौर अशोक कुमार तिवारी के निर्देश पर नगर आयुक्त ने इस संबंध में कार्रवाई तेज कर दी है। और पढ़ें