वाराणसी जिला न्यायालय के वकीलों की हड़ताल के चलते ज्ञानवापी से जुड़े दो मामले की सुनवाई टल गई है। दरअसल 1991 के प्राचीन मूर्ति स्वयंभू ज्योतिर्लिंग लॉर्ड विश्वेश्वरनाथ...
Gyanvapi Case : वकीलों की हड़ताल के चलते टली सुनवाई, जानिए क्या मिली अगली तारीख
Apr 06, 2024 16:45
Apr 06, 2024 16:45
बात दें कि अविमुक्तेश्वर महादेव की ओर से विश्व हिंदू सेना के राष्ट्रीय अध्यक्ष विष्णु गुप्ता और अजीत सिंह की तरफ से पूजन, ज्ञानवापी में गैर हिंदुओ के प्रवेश वर्जित करने और मालिकाना हक घोषित करने की मांग व परिसर में अमीन सर्वें की मांग को लेकर दाखिल वाद पर भी सुनवाई टल गई।
क्या था मामला
वर्ष 1991 में प्राचीन मूर्ति स्वयंभू ज्योतिर्लिंग भगवान विश्वेश्वरनाथ की ओर से पं.सोमनाथ व्यास तथा अन्य पक्षकारों ने ज्ञानवापी में नए मंदिर के निर्माण तथा हिंदुओं को पूजा पाठ करने के अधिकार देने को लेकर मुकदमा दायर किया गया था। 7 मार्च 2000 को पं सोमनाथ व्यास का निधन हो गया। तत्पश्चात उनके स्थान पर मुकदमे में पैरवी करने के लिए पूर्व जिला शासकीय अधिवक्ता विजय शंकर रस्तोगी वादमित्र नियुक्त किए गए। सुनवाई के दौरान सुन्नी सेंट्रल वक्फ बोर्ड तथा अंजुमन इंतजामिया मसाजिद की ओर से मुकदमे की सुनवाई करने के सिविल जज न्यायालय के क्षेत्राधिकार को चुनौती दी गई। इनकी ओर से दलील दी गई थी कि वक्फ न्यायाधिकरण के गठन के बाद उक्त मामले की सुनवाई का सिविल जज की अदालत को क्षेत्राधिकार नहीं है। इस पर वादी पक्ष की ओर से आपत्ति जताई गई कि उक्त विवादित परिसर स्वयंभू ज्योतिर्लिंग भगवान विश्वेश्वरनाथ मंदिर का अंश है। सिविल जज ने दोनों पक्षों की बहस सुनने तथा नजीरों के अवलोकन के पश्चात् 25 फरवरी 2020 को सुन्नी सेंट्रल वक्फ बोर्ड तथा अंजुमन इंतजामिया मसाजिद कमेटी की चुनौती को खारिज कर दिया। अदालत ने अपने निर्णय में कहा कि मुसलमानों के मध्य विवाद की सुनवाई का क्षेत्राधिकार वक्फ न्यायाधिकरण को है जबकि गैर मुस्लिम के स्वामित्व के मामलों की सुनवाई का क्षेत्राधिकार सिविल कोर्ट को है।
Also Read
22 Nov 2024 08:47 PM
नगर निगम के मीटिंग सभागार में शुक्रवार को नगर आयुक्त अक्षत वर्मा की अध्यक्षता में "स्वच्छ सर्वेक्षण 2024" के तहत किए जा रहे कार्यों की समीक्षा बैठक आयोजित की गई। और पढ़ें