अतुल सुभाष की आत्महत्या के मामले ने पूरे देश में हलचल मचा दी है। वकील आभा सिंह ने इस मामले को "कानून के घोर दुरुपयोग" का उदाहरण बताया।
Atul Subhash suicide Case : अतुल सुभाष की आत्महत्या पर देश के हर कोने में इंसाफ की मांग, सिस्टम पर पक्षपात का लगा आरोप
Dec 11, 2024 12:17
Dec 11, 2024 12:17
मामले ने पूरे देश में हलचल मचा दी है
अतुल सुभाष की आत्महत्या के मामले ने पूरे देश में हलचल मचा दी है। वकील आभा सिंह ने इस मामले को "कानून के घोर दुरुपयोग" का उदाहरण बताया। उन्होंने मांग की कि सुभाष के खिलाफ झूठे मामले दर्ज करने वाले पुलिस अधिकारियों पर भी कार्रवाई की जाए। साथ ही पुरुष अधिकार कार्यकर्ता बरखा त्रेहन ने कहा कि यह घटना समाज और कानूनी व्यवस्था में पुरुषों के खिलाफ हो रहे पक्षपात को उजागर करती है। उन्होंने आरोप लगाया कि भारतीय दहेज कानूनों का दुरुपयोग बड़े पैमाने पर हो रहा है और 95% मामले फर्जी पाए गए हैं। बरखा त्रेहन ने कहा कि ये कानून महिलाओं की सुरक्षा के लिए बनाए गए है लेकिन कुछ महिलाएं उनका दुरुपयोग कर रही है।
दहेज कानूनों के दुरुपयोग का मुद्दा
अतुल सुभाष ने सुसाइड नोट में दहेज कानूनों के कथित दुरुपयोग पर भी सवाल उठाए गए। मृतक ने लिखा कि दहेज कानून को न्याय के लिए इस्तेमाल किया जाना चाहिए, न कि किसी को प्रताड़ित करने या ब्लैकमेल करने के लिए। उसने इस स्थिति को "कानून का घोर दुरुपयोग" करार दिया।
सुभाष ने सुसाइड नोट में लिखा, "न्याय मिलना बाकी"
सुभाष का शव बंगलूरू के मंजूनाथ लेआउट क्षेत्र में उनके आवास पर फंदे से लटका हुआ पाया गया। कमरे में एक तख्ती भी लटकी मिली, जिस पर लिखा था, "न्याय मिलना बाकी है।" पुलिस के अनुसार सुभाष ने सुसाइड नोट में अपनी शादी के बाद शुरू हुए तनाव पत्नी और उसके परिजनों द्वारा की गई परेशानियों तथा उत्तर प्रदेश के एक न्यायाधीश की प्रताड़ना का जिक्र किया है।
'न्याय न मिलने तक अस्थियों का विसर्जन न करें'
सुभाष ने अपने सुसाइड नोट में लिखा कि उनकी पत्नी और उसके परिवार को उनके शव के पास जाने की अनुमति न दी जाए। उन्होंने अपने परिजनों से अपील की कि जब तक उनके उत्पीड़न करने वालों को सजा नहीं मिल जाती, उनकी अस्थियों का विसर्जन न करें। यदि न्याय नहीं मिलता तो उनकी अस्थियां अदालत के नाले के बाहर फेंकने का भी उल्लेख किया।
वैवाहिक कलह बना आत्महत्या की वजह
2019 में शादी के बाद सुभाष का वैवाहिक जीवन तनावपूर्ण हो गया। उन्होंने आरोप लगाया कि उनकी पत्नी और ससुराल पक्ष बार-बार रुपयों की मांग करते थे। जब उन्होंने रुपये देने से इनकार किया, तो उनकी पत्नी 2021 में बेटे को लेकर घर छोड़कर चली गई। सुभाष ने यह भी दावा किया कि उनकी पत्नी ने उन्हें अपने बेटे से मिलने से रोका और बेटे को ब्लैकमेलिंग के साधन के रूप में इस्तेमाल किया। सुभाष के खिलाफ हत्या, दहेज उत्पीड़न और घरेलू हिंसा जैसे झूठे आरोपों के तहत 9 पुलिस शिकायतें दर्ज की गई थीं। उन्होंने कहा कि दहेज कानूनों और महिलाओं के लिए बनाए गए अन्य सुरक्षा कानूनों का उनके खिलाफ हथियार की तरह इस्तेमाल किया गया।
पुलिस जांच
पुलिस ने बताया कि सुभाष का शव बेंगलुरु के मंजूनाथ लेआउट स्थित उनके आवास पर फंदे से लटका हुआ पाया गया। कमरे में एक तख्ती भी लटकी मिली, जिस पर लिखा था, "न्याय मिलना बाकी है।" प्रारंभिक जांच में पता चला कि सुभाष के खिलाफ दहेज उत्पीड़न और अन्य झूठे मामलों के चलते उनका मानसिक तनाव बढ़ गया था।
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