विश्वविद्यालय के दो शिक्षकों को अनुशासनहीनता के चलते कार्य मुक्त कर दिया गया। सोमवार को हुई कार्य परिषद की आपात बैठक में फैसला लिया । दो शिक्षको पर कई....
कार्यपरिषद की बैठक में लिया गया फैसला : विश्वविद्यालय के दो शिक्षकों को अलग-अलग आरोपों में सेवा से कार्यमुक्त किया गया
Oct 29, 2024 01:07
Oct 29, 2024 01:07
कार्य परिषद की आपातकालीन बैठक ऑफलाइन और ऑनलाइन कुलपति प्रोफ़ेसर वन्दना सिंह की अध्यक्षता में कुलपति सभागार में हुई। विचारों प्रांत परिषद ने फैसला लिया कि दोनों लोगों का आरोप गंभीर है, जिसमें एनवायरमेंटल साइंस के शिक्षक डॉ सुधीर उपाध्याय एवं फार्मेसी संस्थान के शिक्षक डॉ विनय वर्मा को शिक्षा सेवा से कार्य मुक्त कर दिया ।
जिसमें इनवारमेंट साइंस की कई छात्राओं ने शिक्षक डॉ सुधीर उपाध्याय के ऊपर दुर्व्यवहार करने का आरोप लगाया था और यह सिलसिला बढ़ता गया इसके मामले पर ऑडियो भी वायरल हुआ जिस पर कुलपति ने एक कमेटी का गठन किया । हालांकि कमेटी ने आरोपी शिक्षक के पक्ष में ही रिपोर्ट दे दी लेकिन कार्य परिषद की बैठक में मामले को रखा गया और इनका छात्रों के प्रति आचरण काफी दिनों से गलत पाया गया। कई बार शिकायत थी, जिसको संज्ञान में लेते हुए परिषद ने उनके शिक्षा सेवा से कार्य मुक्त कर दिया।
दूसरा मामला फार्मेसी संस्थान के डॉ विनय वर्मा का था जिन पर गलत ढंग से मूल्यांकन करने और शिक्षकों के साथ मारपीट करने करवाने का आरोप था, जिस पर मुकदमा भी दर्ज हुआ और मामले पर काफी तूल पकड़ा था, जिसमे भी परिषद में संज्ञान में लेते हुए फार्मेसी संस्थान के शिक्षक डॉ विनय वर्मा को कार्य मुक्त कर दिया। इसके अलावा पिछले दिनों हुई विद्या परिषद अध्ययन परिषद परीक्षा समिति की बैठकों की पुष्टि की गई। बैठक का संचालन कुलसचिव महेंद्र कुमार ने किया।
ये लोग रहे मौजूद
इस अवसर पर प्रोफेसर जगदीश सिंह दीक्षित ,प्रो अजय द्विवेदी, परीक्षा नियंत्रक डॉ विनोद कुमार सिंह, वित्त अधिकारी संजय कुमार राय, डॉ मोहन पांडे, डॉ सुशील कुमार, डॉ मनीष गुप्ता कार्य परिषद के अन्य सदस्य शामिल रहे।
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