जौनपुर हाईवे भूमि अधिग्रहण घोटाला : फर्जी दस्तावेजों से हुआ करोड़ों का भुगतान, 10 कर्मचारी व अधिकारी निलंबित

फर्जी दस्तावेजों से हुआ करोड़ों का भुगतान, 10 कर्मचारी व अधिकारी निलंबित
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Nov 15, 2024 00:44

राष्ट्रीय राजमार्ग संख्या-135 ए, 56-731 बी, और मडियाहूं बाईपास के निर्माण कार्य से संबंधित है। चार तहसीलों - बदलापुर, मडियाहूं, मछलीशहर, और सदर में कुल 14 गांवों की जमीन अधिग्रहीत की गई थी।

Nov 15, 2024 00:44

Short Highlights
  • राष्ट्रीय राजमार्ग के निर्माण में 4 करोड़ रुपये से अधिक का घोटाला किया गया
  • घोटाले की जांच में 10 कर्मचारी और अधिकारी दोषी पाए गए
  • फर्जी दस्तावेजों के जरिए घोटाला किया गया
Jaunpur News : जौनपुर में राष्ट्रीय राजमार्ग के निर्माण के लिए की गई भूमि अधिग्रहण प्रक्रिया में गंभीर अनियमितताएं सामने आई हैं। जांच में खुलासा हुआ कि इस अधिग्रहण में 4 करोड़ रुपये से अधिक की फर्जी भुगतान प्रक्रिया का संचालन किया गया था। इस घोटाले में फर्जी दस्तावेजों के माध्यम से 46 फर्जी काश्तकारों के नाम पर पैसा निकाला गया। जिससे शासन की वित्तीय व्यवस्था को गंभीर नुकसान हुआ। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इस मामले को गंभीरता से लेते हुए दोषी अधिकारियों पर सख्त कार्रवाई करने का निर्देश जारी किया। अब तक इस मामले में चार राजस्व निरीक्षकों सहित कुल 10 अधिकारियों और कर्मचारियों को दोषी ठहराया गया है।

4 करोड़ रुपये से अधिक का फर्जी भुगतान
यह घोटाला राष्ट्रीय राजमार्ग संख्या-135 ए, 56-731 बी और मडियाहूं बाईपास के निर्माण कार्य से संबंधित है। चार तहसीलों - बदलापुर, मडियाहूं, मछलीशहर, और सदर में कुल 14 गांवों की जमीन अधिग्रहीत की गई थी। इस अधिग्रहण में राजमार्ग कार्यालय और स्थानीय अधिकारियों की मिलीभगत से कई फर्जी दस्तावेज तैयार किए गए। जिससे फर्जी भुगतान की प्रक्रिया को अंजाम दिया गया। जांच में खुलासा हुआ कि फर्जी काश्तकारों की सहायता से कुल 4,54,42,759 रुपये का भुगतान किया गया था, जिसमें से 4,00,29,741 रुपये की राशि पहले ही जारी कर दी गई थी। जांच के दौरान शेष राशि 54,13,018 रुपये का चेक रद्द कर दिया गया है।

फर्जी काश्तकारों का खेल
जांच में सामने आया कि इन फर्जी भुगतान में 46 काश्तकारों के नाम से दस्तावेज तैयार किए गए थे, जिनके आधार पर भुगतान किया जा रहा था। इस धोखाधड़ी का मूल उद्देश्य सरकारी धन को फर्जी काश्तकारों के नाम पर निकालना था, ताकि वास्तविक लाभार्थियों की पहचान छुपाई जा सके और गैरकानूनी तरीके से राजस्व का दुरुपयोग किया जा सके। राजमार्ग कार्यालय की सहायता से फर्जी दस्तावेज बनाए गए, ताकि सरकारी तंत्र को भ्रमित किया जा सके और यह भुगतान सही प्रतीत हो। इस जालसाजी में चार राजस्व निरीक्षकों समेत कई अन्य कर्मचारी भी मिले हुए थे, जिनकी अब जांच की जा रही है।

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का कड़ा रुख
घोटाले की गंभीरता को देखते हुए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इस मामले में दोषी अधिकारियों और कर्मचारियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई के आदेश दिए हैं। उनके निर्देशानुसार इन सभी 10 दोषी कर्मचारियों और अधिकारियों को तत्काल प्रभाव से निलंबित किया गया है। मुख्यमंत्री ने स्पष्ट किया है कि किसी भी सरकारी योजना में भ्रष्टाचार बर्दाश्त नहीं किया जाएगा और दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी। इस मामले में नियुक्ति विभाग ने कार्रवाई के लिए संबंधित फाइल राजस्व विभाग को भेज दी है ताकि दोषियों के खिलाफ उचित दंडात्मक कार्यवाही की जा सके।

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राजस्व विभाग की कार्रवाई 
नियुक्ति विभाग द्वारा फाइल भेजे जाने के बाद राजस्व विभाग इन सभी दोषियों के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई करेगा। जौनपुर के राजमार्ग कार्यालय में इस प्रकार की अनियमितता के कारण सरकारी खजाने पर बड़ा वित्तीय बोझ पड़ा है जिसे अब ठीक करने के प्रयास किए जा रहे हैं। जांच समिति द्वारा की गई जांच के बाद यह सिफारिश की गई है कि सभी दोषी कर्मचारियों पर आपराधिक मामले दर्ज किए जाएं और यदि आवश्यक हो तो उनकी संपत्ति की भी जांच हो। साथ ही राजस्व विभाग ने जांच में शामिल अधिकारियों की जांच को और अधिक गहन बनाने का निर्णय लिया है ताकि भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोका जा सके।

घोटाले के कारण प्रशासनिक हलकों में मचा हड़कंप
घोटाला सामने आने के बाद जौनपुर के प्रशासनिक हलकों में हड़कंप मचा हुआ है। विभिन्न विभागों में इसे लेकर चर्चा हो रही है और अधिकारियों को अपनी जिम्मेदारी के प्रति और अधिक सतर्क होने की सलाह दी जा रही है। अब अन्य राजस्व और राजमार्ग विभागों में भी जांच की जा रही है, ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि ऐसी अनियमितताएं कहीं और न हो रही हों। 

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