डॉ. आशाराम ने खुलासा किया कि उन्होंने दो बार - 7 अगस्त और 11 अक्टूबर 2024 को लखनऊ में मुख्यमंत्री से मिलकर राज्य मंत्री के खिलाफ जांच की मांग की थी। उनका आरोप है कि मंत्री ने कानूनी आय से कई गुना अधिक सम्पत्ति अर्जित की है।
जौनपुर में राज्यमंत्री गिरीश चंद्र यादव पर लगे आरोप : पूर्व चेयरमैन ने की जांच की मांग, बोले- प्रशासन पर दबाव डाला
Dec 06, 2024 16:20
Dec 06, 2024 16:20
आशाराम का आरोप: अवैध संपत्ति अर्जन और प्रशासन पर दबाव
उन्होंने बताया कि मुख्यमंत्री को इस संदर्भ में दो बार, 07 अगस्त और 11 अक्टूबर 2024 को लखनऊ में मिलकर आवेदन सौंपा था। उन्होंने राज्य मंत्री गिरीश चंद्र यादव पर गंभीर आरोप लगाए थे, जिनकी जांच प्रदेश की सतर्कता आयोग द्वारा की जा रही थी। हालांकि, अब तक इस मामले में कोई ठोस परिणाम सामने नहीं आए हैं।
प्रोफेसर आशाराम ने कहा कि मुख्यमंत्री से अपेक्षाएं हैं कि वे जांच को शीघ्र पूरा करें और गिरीश चंद्र यादव के खिलाफ उचित कार्रवाई की जाए। इससे प्रदेश सरकार की छवि को बनाए रखा जा सकेगा।
आशाराम ने अपनी शिकायत में कहा था कि गिरीश चंद्र यादव ने विधिक आय से कई गुना अधिक अवैध संपत्ति अर्जित की है। उन्होंने कई जिलों में कीमती जमीनों, मकानों और गाड़ियों की खरीदारी की है। साथ ही, धर्मापुर विकास खंड के पिण्डरा गांव में सरकारी आदेशों के पालन में रुकावट डालने की कोशिश की है। आशाराम के अनुसार, राज्य मंत्री ने पिण्डरा के अपने करीबी व्यक्ति मुन्ना लाल यादव को लाभ पहुंचाने के लिए प्रशासन पर दबाव डाला और उनकी जमीनों पर कब्जा करवा लिया।
आशाराम का दावा : 50 अधिकारियों से दबाव बनाने का प्रमाण मौजूद
आशाराम ने यह भी दावा किया कि राज्य मंत्री ने 50 अधिकारियों और कर्मचारियों से टेलीफोन के माध्यम से दबाव बनाया और इसके प्रमाण उनके पास हैं, जो सीडीआर रिकॉर्ड में देखे जा सकते हैं। आशाराम का कहना है कि इस प्रकार के कृत्य से सरकार की छवि पर नकारात्मक प्रभाव पड़ रहा है और यह जनता के बीच गलत संदेश भेज रहा है।
मुख्यमंत्री से शीघ्र जांच और कार्रवाई की मांग
उन्होंने यह भी कहा कि मुख्यमंत्री से उम्मीद है कि वे इस मामले की जांच को शीघ्र पूरा कर उचित कार्रवाई करेंगे, ताकि भ्रष्टाचार के खिलाफ सख्त संदेश दिया जा सके और सरकार पर जनता का विश्वास बना रहे।
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