पू्र्वांचल विश्वविद्यालय में हुआ दीक्षांत समारोह : राज्यपाल ने छात्रों को किया सम्मानित, गतिमान पत्रिका का किया विमोचन

राज्यपाल ने छात्रों को किया सम्मानित, गतिमान पत्रिका का किया विमोचन
UPT | पू्र्वांचल विश्वविद्यालय में हुआ दीक्षांत समारोह

Sep 22, 2024 19:56

वीर बहादुर सिंह पूर्वांचल विश्वविद्यालय के महंत अवेद्यनाथ संगोष्ठी भवन में विश्वविद्यालय का 28वां दीक्षांत समारोह रविवार को मनाया गया। इस अवसर पर कुलाधिपति, श्री राज्यपाल उत्तर प्रदेश श्रीमती आनंदीबेन पटेल ने सर्वोच्च अंक प्राप्त करने वाले स्नातक और स्नातकोत्तर मेधावियों को 96 स्वर्ण पदक प्रदान किए।

Sep 22, 2024 19:56

Jaunpur News : वीर बहादुर सिंह पूर्वांचल विश्वविद्यालय के महंत अवेद्यनाथ संगोष्ठी भवन में विश्वविद्यालय का 28वां दीक्षांत समारोह रविवार को मनाया गया। इस अवसर पर कुलाधिपति, श्री राज्यपाल उत्तर प्रदेश श्रीमती आनंदीबेन पटेल ने सर्वोच्च अंक प्राप्त करने वाले स्नातक और स्नातकोत्तर मेधावियों को 96 स्वर्ण पदक प्रदान किए। स्वर्ण पदक पाते ही विद्यार्थियों के चेहरे खिल उठे। इस अवसर पर प्रदेश की राज्यपाल एवं कुलाधिपति श्रीमती आनंदीबेन पटेल ने कहा कि प्रदेश के विश्वविद्यालय में प्रतिभा की कमी नहीं है, बस इन्हें प्रेरणा देकर सकारात्मक दिशा में इनकी ऊर्जा का उपयोग करने की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि सभी संसाधन होने के बावजूद नैक मूल्यांकन से विश्वविद्यालय घबराते थे, लेकिन राजभवन ने इसे जरूरी किया और सहयोग एवं प्रशिक्षण देकर उनके संसाधनों को व्यवस्थित रूप से बनाकर ए डबल प्लस की श्रेणी में पहुंचाया। प्रदेश के सात और एक कृषि विश्वविद्यालय ए डबल प्लस की श्रेणी में हैं।

गुजरात की स्थिति पर चर्चा
उनका कहना था कि मानव में संकल्प शक्ति का होना बहुत जरूरी है। उन्होंने बताया कि नैक मूल्यांकन के कई फायदे हैं; ए डबल प्लस पाने वाले विश्वविद्यालयों को 100 करोड़ रुपये और बाकी विश्वविद्यालयों को 20 करोड़ की धनराशि दी गई है। उन्होंने कहा कि नैक प्रैक्टिस से विश्वविद्यालय के ढांचे में बेहतर परिवर्तन आया है। अब राजभवन का जोर एनआईआरएफ पर है। इस मूल्यांकन और रेटिंग से विश्वविद्यालय में विदेशी छात्रों और मेधावी छात्रों की आमद होगी और यहां के विद्यार्थियों का विदेश जाने का मार्ग प्रशस्त होगा। उन्होंने कहा कि देश का भविष्य आपके सामर्थ्य से बढ़ेगा। हर चुनौती एक नए अवसर लेकर आती है, गुजरात का कच्छ इसका उदाहरण है। सरकार के सतत प्रयासों से आज गुजरात की स्थिति बदल गई है, वहां विदेशी कंपनियां निवेश कर रही हैं। उनका मानना है कि आज का युग तकनीक का युग है। इसका उपयोग जन कल्याण के हित में होना चाहिए, विनाश के लिए नहीं। दुनिया में जो कुछ अच्छी और नई चीजें हो रही हैं, उनसे हमें जुड़ने का प्रयास करना चाहिए।

वन नेशन, वन इलेक्शन का किया जिक्र
उन्होंने "वन नेशन, वन इलेक्शन" का जिक्र करते हुए कहा कि इससे देश की आर्थिक बचत होगी। केंद्र की महत्वाकांक्षी योजना का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि अब हमारी तैयारी अंतरिक्ष पर है। अंतरिक्ष के पाठ्यक्रम को विश्वविद्यालय में शामिल करना चाहिए। एमओयू साइन पर उन्होंने कहा कि दोनों के बीच गतिविधियां भी अच्छी हो तभी इसका मतलब है। उन्होंने पूर्वांचल विश्वविद्यालय के खेलकूद की तारीफ करते हुए कहा कि खेल के क्षेत्र में अच्छा प्रदर्शन कर रहे हैं। इससे और भी अच्छा करने के लिए और अधिक गोल्ड मेडल लाने के लिए और अच्छे कोच की जरूरत है। उन्होंने आंगनबाड़ी को संसाधनयुक्त करने की योजना पर जोर दिया। कहा कि इससे वहां पढ़ने वाले गरीब छात्रों की संख्या बढ़ेगी। उन्होंने कहा कि आंगनबाड़ी से लेकर विश्वविद्यालय तक एक सेतु बनाकर काम करें ताकि शिक्षा का विकास सकारात्मक दिशा में हो सके।

प्राचीन अनुसंधान को सराहा
विशिष्ट अतिथि उच्च शिक्षा मंत्री योगेंद्र उपाध्याय ने कहा कि स्वर्ण पदक पाने वालों में जुनून होता है, लेकिन उसके पीछे अभिभावक और गुरु के समर्पण को भी नहीं भूलना चाहिए। शिक्षण संस्थान "जय जवान, जय किसान, जय विज्ञान, जय अनुसंधान" का केंद्र होना चाहिए। उन्होंने कहा कि अनुसंधान हमारे शास्त्रों में पहले से ही था, जिसका उदाहरण पीपल में ऑक्सीजन की खोज है। ऋषि अनुसंधान कर मुनि को देते थे और वह समाज में बांटता था। उच्च शिक्षा मंत्री ने कहा कि शिक्षा का उद्देश्य समाज को नई दिशा देने के साथ-साथ राष्ट्र निर्माण भी होना चाहिए। उन्होंने कहा कि चाणक्य और विवेकानंद के विचार आज भी समसामयिक हैं। शिक्षक और विद्यार्थियों को उनसे सीख लेनी चाहिए जिन्होंने बहुत पहले राष्ट्र को सर्वोपरि माना था। प्रदेश की उच्च शिक्षा राज्य मंत्री श्रीमती रजनी तिवारी ने कहा कि डिग्री और उपाधि लेने के बाद आपका बोझ और बढ़ गया है। आपके ऊपर समाज और राष्ट्र का उत्तरदायित्व है। इसे पूरा कर आप भारत को विश्व गुरु बनाने में मदद कर सकते हैं। उन्होंने कहा कि सफलता पाने के लिए संघर्ष जरूरी है। जितना बड़ा लक्ष्य होगा, उतनी बड़ी चुनौती सामने होगी। हमें सकारात्मक सोच के साथ आगे बढ़ने की आवश्यकता है।

कुलपति ने किया अतिथियों का स्वागत
विश्वविद्यालय की कुलपति प्रो. वंदना सिंह ने अतिथियों का स्वागत करते हुए कहा कि कुलाधिपति जी के सक्षम एवं प्रेरणादायी निर्देशन में उत्तर प्रदेश के सम्पूर्ण विश्वविद्यालयों में उच्च शिक्षा के क्षेत्र में व्यापक परिवर्तन और सुधारों को जन्म दिया है। आपकी गरिमामय उपस्थिति से हम सभी आह्लादित एवं स्पंदित हैं। आपके प्रेरक शब्द और मार्गदर्शन हमारे विद्यार्थियों के लिए बहुत महत्वपूर्ण होंगे, और हमें यह विश्वास है कि वे इससे प्रेरित होकर अपने जीवन में उच्चतम स्तर को प्राप्त करेंगे। आज मैं सभी उपाधि और स्वर्णपदक प्राप्त करने वाले विद्यार्थियों को बधाई देती हूँ, जिन्होंने अपने अनवरत परिश्रम के बल पर ज्ञान अर्जित कर जीवन का एक अहम पड़ाव पार किया है। माननीय कुलाधिपति जी के कुशल दिशा निर्देशन में विश्वविद्यालय को नैक ए प्लस ग्रेड प्राप्त हुआ, जो हमारी शिक्षा प्रणाली की गुणवत्ता को प्रमाणित करता है। अखिल भारतीय अन्तरविश्वविद्यालयीय टीम स्पर्धा प्रतियोगिताओं में हमारे खिलाड़ियों ने कुल 52 पदक प्राप्त किए।

शोभायात्रा निकालकर हुई शुरुआत
दीक्षांत समारोह की शुरुआत में शोभायात्रा निकाली गई, जिसका नेतृत्व कुलसचिव महेंद्र कुमार ने किया। शोभायात्रा में अतिथियों के साथ कार्य परिषद और विद्या परिषद के सदस्य शामिल हुए। दीक्षांत समारोह का संचालन जनसंचार विभागाध्यक्ष प्रो. मनोज मिश्र और धन्यवाद ज्ञापन परीक्षा नियंत्रक डॉ. विनोद कुमार सिंह ने किया। इसके पूर्व पौध लगाओ कार्यक्रम गीत के साथ किया गया। इस अवसर पर राज्यसभा सदस्य सीमा द्विवेदी, एमएलसी बृजेश सिंह प्रिंसु, प्रो. मानस पांडेय, प्रो. अजय प्रताप सिंह, डॉ. जगदीश सिंह दीक्षित, प्रो. अविनाश पाथर्डीकर, प्रो. अजय प्रताप सिंह, प्रो. राजेश शर्मा, वित्त अधिकारी संजय राय, परीक्षा नियंत्रक डॉ. विनोद कुमार सिंह, डॉ. विजय सिंह, डॉ. राहुल सिंह, प्रो. एके श्रीवास्तव, प्रो. रजनीश भास्कर, प्रो. देवराज सिंह, प्रो. बीडी शर्मा, प्रो. संदीप सिंह, प्रो. प्रदीप कुमार, डॉ. मनीष गुप्ता, प्रो. राकेश यादव, एनएसएस समन्वयक डॉ. राज बहादुर यादव, डॉ. संतोष कुमार, डॉ. सुनील कुमार, डॉ. दिग्विजय सिंह राठौर, डॉ. रशिकेश, डॉ. अनु त्यागी, डॉ. जाह्नवी श्रीवास्तव, डॉ. अमरेंद्र सिंह, डॉ. आशुतोष सिंह, कर्मचारी संघ के अध्यक्ष नंदकिशोर, महामंत्री रमेश यादव, उप कुलसचिव अमृतलाल, एआर अजीत सिंह, बबिता सिंह, दीपक सिंह आदि शिक्षक और कर्मचारी मौजूद थे।

गतिमान पत्रिका का हुआ विमोचन
विश्वविद्यालय के 28वें दीक्षांत समारोह में "गतिमान" वार्षिक पत्रिका का विमोचन राज्यपाल श्रीमती आनंदीबेन पटेल ने किया। इस पत्रिका में विश्वविद्यालय की वर्षभर की गतिविधियाँ, स्वर्ण पदक धारकों की सूची, अतिथियों का परिचय समेत विश्वविद्यालय की विविध गतिविधियों को बड़े आकर्षक ढंग से प्रकाशित किया गया है। विमोचन के अवसर पर कुलपति, दीक्षांत समारोह के मुख्य अतिथि, प्रधान संपादक प्रो. मनोज मिश्र, संपादक डॉ. दिग्विजय सिंह राठौर, संपादन मंडल में डॉ. सुनील कुमार, डॉ. श्याम कन्हैया और डॉ. लक्ष्मी मौर्य शामिल रहे। वीर बहादुर सिंह पूर्वांचल विश्वविद्यालय के 28वें दीक्षांत समारोह में प्रदेश की राज्यपाल एवं कुलाधिपति श्रीमती आनंदीबेन पटेल ने कक्षा 5 से 8 में पढ़ने वाले बच्चों को स्कूल बैग, फल, जियोमैट्री बॉक्स, महापुरुषों पर प्रकाशित पुस्तकें आदि प्रदान कीं। इसके साथ ही विश्वविद्यालय द्वारा गोद लिए गए कुकड़ीपुर, देवकली, सुल्तानपुर एवं जासोपुर गांव में आयोजित खेल प्रतियोगिता में प्रथम स्थान पाने वाले चार बच्चों को भी दीक्षांत समारोह में राज्यपाल के हाथों पुरस्कार मिला। इसी के साथ राजभवन से 100 पुस्तकें बच्चों के लिए भेंट की गईं।

टॉपर को मिला गोल्ड मेडल
विश्वविद्यालय के जनसंचार विभाग के एम.ए. जनसंचार विषय में सर्वोच्च अंक पाने वाले विद्यार्थी को अतुल माहेश्वरी स्वर्ण पदक दिया जाता है। वर्ष 2024 में एम.ए. जनसंचार विषय में सर्वोच्च अंक पाने पर संस्कार श्रीवास्तव को यह पदक मिला। पदक प्राप्त करते समय उनकी दादी भी उपस्थित रहीं। राज्यपाल ने उनकी दादी का जिक्र करते हुए कहा कि वह आज तक विश्वविद्यालय नहीं आई थीं। हमारी कोशिश भी यही है कि ऐसे लोगों को यहां बुलाया जाए। वीर बहादुर सिंह पूर्वांचल विश्वविद्यालय के 28वें दीक्षांत समारोह में प्रदेश की राज्यपाल एवं कुलाधिपति श्रीमती आनंदीबेन पटेल ने 95 मेधावियों को प्रथम प्रयास में अपने विषय में सर्वोच्च अंक प्राप्त करने पर 96 स्वर्ण पदक प्रदान किए। स्नातक स्तर पर 18 छात्राएं और 07 छात्र, तथा परास्नातक स्तर पर 36 छात्र और 35 छात्राओं को स्वर्ण पदक मिला। दीक्षांत समारोह में 508 शोधार्थियों को पीएच.डी. की उपाधि दी गई। इसमें 345 कला संकाय में, विज्ञान संकाय में 25, कृषि संकाय में 13, शिक्षा संकाय में 77, विधि संकाय में 05, इंजीनियरिंग संकाय में 10, वाणिज्य संकाय में 18, प्रबंध संकाय में 10, अनुप्रयुक्त समाज विज्ञान एवं मानविकी संकाय में 03 और औषधि संकाय में 02 शोधार्थियों को उपाधि मिली।

प्रतियोगिताएं की गईं आयोजित
वीर बहादुर सिंह पूर्वांचल विश्वविद्यालय के दीक्षांत समारोह में उत्तर प्रदेश की राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने विश्वविद्यालय द्वारा गोद लिए गए गांव में आयोजित की गई प्रतियोगिता के विजेताओं एवं आंगनबाड़ी की आपसी प्रतियोगिता में प्रथम आने वाले विद्यार्थियों को पुरस्कृत किया। विश्वविद्यालय द्वारा देवकली, कुकड़ीपुर, सुल्तानपुर, जासोपुर एवं जफरपुर गांव गोद लिए गए हैं, जिसमें भाषण, कहानी कथन, चित्रकला एवं दौड़ प्रतियोगिताएं आयोजित की गई थीं। यह प्रतियोगिताएं कक्षा 3 से लेकर 12 तक के विद्यार्थियों के बीच विविध वर्गों में विभाजित करके की गई थीं। इन प्रतियोगिताओं में 16 विद्यार्थियों ने प्रथम स्थान प्राप्त किया, जिन्हें राज्यपाल द्वारा पुरस्कृत किया गया। इसके साथ ही इन गांवों के आंगनबाड़ी केंद्रों में स्वच्छता प्रतियोगिता आयोजित की गई, जिसमें जासोपुर आंगनबाड़ी केंद्र प्रथम स्थान प्राप्त किया। प्रतियोगिताओं का संयोजन प्रो. राकेश कुमार यादव ने किया।

राज्यपाल ने वितरित किए किट
वीर बहादुर सिंह पूर्वांचल विश्वविद्यालय के दीक्षांत समारोह में राज्यपाल आनंदीबेन पटेल के निर्देश के क्रम में 300 आंगनबाड़ी केंद्रों को किट वितरित किया गया। दीक्षांत समारोह में मंच पर 10 आंगनबाड़ी कार्यकत्रियों को राज्यपाल के हाथों किट प्राप्त हुआ। पूर्वांचल विश्वविद्यालय द्वारा 100 आंगनबाड़ी केंद्रों, गाजीपुर प्रशासन द्वारा 100 और जौनपुर जिला प्रशासन द्वारा 100 आंगनबाड़ी केंद्रों को उपलब्ध कराए गए किट को सौंपा गया। जौनपुर के जिलाधिकारी दिनेश चंद्र और गाजीपुर के सीडीओ संतोष कुमार वैश्य को स्वच्छता और सुरक्षा से संबंधित किट देकर सम्मानित किया गया। साथ ही निर्देश दिया गया कि आंगनबाड़ी केंद्रों पर इसकी व्यवस्था की जाए। दीक्षांत समारोह में प्रदेश की राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने आईपैड का बटन दबाकर 2023-24 की स्नातक और स्नातकोत्तर की 85,595 डिग्रियों को डिजीलॉकर में अपलोड किया। इसमें स्नातक में 69,276 और परास्नातक में 16,319 विद्यार्थियों की डिग्रियां डिजीलॉकर में अपलोड की गईं। इससे डिजीटल डिग्री आसानी से मिल जाएगी। वीर बहादुर सिंह पूर्वांचल विश्वविद्यालय के हैलीपैड पर राज्यपाल सुबह पहुंचीं। इस दौरान विश्वविद्यालय की कुलपति प्रो. वंदना सिंह, जिलाधिकारी डॉ. दिनेश चंद्र, पुलिस अधीक्षक डॉ. अजय पाल शर्मा, रजिस्ट्रार महेंद्र कुमार, समेत कई अधिकारियों ने पुष्प भेंट किया।

राज्यपाल ने किया पत्रिका का विमोचन
विश्वविद्यालय के 28वें दीक्षांत समारोह में विश्वविद्यालय की वार्षिक पत्रिका "गतिमान" एवं तीन शिक्षकों की पुस्तकों का लोकार्पण प्रदेश की राज्यपाल आनंदीबेन ने किया। विश्वविद्यालय की वार्षिक पत्रिका के प्रधान संपादक प्रोफेसर मनोज मिश्र, संपादक डॉ. दिग्विजय सिंह राठौर एवं संपादन मंडल में डॉ. सुनील कुमार, डॉ. श्याम कन्हैया और डॉ. लक्ष्मी प्रसाद मौर्य शामिल हैं। इसके साथ ही प्रोफेसर मनोज मिश्र की पुस्तक "स्वतंत्रता संघर्ष में जौनपुर", डॉ. श्याम कन्हैया की पुस्तक "रिवर्स ऑफ इंडिया" एवं प्रोफेसर अजय द्विवेदी की पुस्तक "इंडियाज ग्रोइंग रोल इन द जी-20" का लोकार्पण किया गया।

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