पूरे देश में गुरुवार से शारदीय नवरात्र शुरू हो गया है। इसमें देवी के नौ रूपों के नौ दिनों तक पूजा करने का विधान है। इसके तहत वाराणसी में हिमालय राज की पुत्री शैलपुत्री के दर्शन पूजन करने के लिए भीड़ उमड़ी। रात्रि एक बजे...
Varanasi News : नवरात्र के पहले दिन माता शैलपुत्री के दर्शन के उमड़े भक्त, सुरक्षा में प्रशासन तैनात...
Oct 03, 2024 12:39
Oct 03, 2024 12:39
जानें किस दिन होगी किस स्वरूप की पूजा
महादेव की नगरी काशी में शक्ति उपासना का महापर्व शारदीय नवरात्र तीन से 12 अक्टूबर तक चलेगा। इसमें देवी के अलग-अलग रूप पहली शैलपुत्री, दूसरी ब्रह्मचारिणी, तीसरी चंद्रघंटा, चौथी कूष्मांडा, पांचवी स्कंध माता, छठी कात्यायिनी, सातवीं कालरात्रि, आठवीं महागौरी और नौवीं सिद्धिदात्री की पूजा होती है।
पहले दिन भक्तों को साक्षात दर्शन देती हैं माता
काशी के जैतपुरा क्षेत्र में शक्तिपीठ मां शैलपुत्री विराजमान हैं। शारदीय नवरात्र के पहले दिन भक्तों को साक्षात दर्शन देती हैं। मां शैलपुत्री के मंदिर में नवरात्र के पहले दिन आस्था का सैलाब उमड़ा हुआ है। मंदिर के सेवादार के अनुसार, राजा शैलराज के यहां पर माता शैलपुत्री का जन्म हुआ था। उनके जन्म के समय नारद जी वहां पर पहुंचे थे। उन्होंनें कहा था कि यह पुत्री बहुत गुणवान है और भगवान शिव के प्रति आस्था रखने वाली होगी। मंदिर में पिता राजा शैलराज शिवलिंग के रूप में विराजामन, जबकि उसी गर्भगृह में माता शैलपुत्री
ऊपर के स्थान में विराजमान है।
ये है मंदिर की मान्यता
पहले दिन माता शैलपुत्री, माता पर्वती व दुर्गा के नौ रूप का दर्शन देती हैं। जो भक्त नवरात्र के पहले दिन मां का दर्शन कर लेते हैं, उसे आदि शक्ति के सभी रूपों का दर्शन मिल जाता है। मंगला आरती के बाद मंदिर का पट खोल दिया गया। इसके बाद भक्तों के दर्शन का सिलसिला जारी हो गया। माता के दर्शन के लिए दूरदराज से लोग आते हैं। कई किलोमीटर लंबी लाइन लगी है। माता को भक्त लाल फूल, चुनरी व नारियल का प्रसाद चढ़ाते हैं। सुहागिन यहां पर सुहाग के सामान भी चढ़ाती हैं। धार्मिक मान्यताओं की मानें तो किसी के दांपत्य जीवन में परेशानी है तो यहां पर दर्शन करने से उसकी सारी परेशानी दूर हो जाती है।
महिलाओं की सुरक्षा के विशेष इंतजाम
एसीपी गौरव ने बताया कि जैतपुर थाना क्षेत्र में शैलपुत्री माता शक्तिपीठ के रूप में स्थापित है। यहां नवरात्र में काफी संख्या में लोग दर्शन करने के लिए आते हैं, जिसके लिए अतिरिक्त बेरिकेडिंग की गई है। महिलाओं की सुरक्षा के लिए विशेष टीम तैनात की गई है, जिसमें महिलाओं को शामिल किया गया है। सुरक्षा की दृष्टि से मंदिर परिसर के आसपास सीसीटीवी भी इंस्टॉल किए गए हैं।
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