सनातन धर्म के पाॅच प्राण है - गौ, गंगा, गीता, गायत्री और गोविन्द। इनमें से गौ महत्वपूर्ण है। इसीलिए तो सनातनधर्मी गौमाता को सर्वाधिक महत्व देते हुए प्रथम ग्रास गौ के लिए निकालते हैं।
Varanasi News : शंकराचार्य अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती ने कहा-सनातन धर्म के पांच प्राणों में से एक हैं गौमाता
Apr 12, 2024 00:52
Apr 12, 2024 00:52
स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद कहा कि सनातनधर्मी अनुकरणशील होता है। हमारे पूर्व पुरुष जिस मार्ग पर चले हैं उसी मार्ग पर चलकर वह स्वयं को गौरवान्वित अनुभव करता है। उन्होंने कहा कि संसार की ओर आगे बढ़ाने वाले लौकिक विद्या के अध्ययन से व्यक्ति का सर्वविध अभ्युदय नहीं होता। अध्यात्म की विद्या ही व्यक्ति को जीवन के चरम लक्ष्य तक पहुंचा सकती है। इसलिए यदि अध्ययन करना ही हो तो ब्रह्मविद्या का अध्ययन करना चाहिए।
शंकराचार्य महाराज के मीडिया प्रभारी सजंय पांडेय ने बताया कि सांध्यकालीन पूजन के दौरान ही कृष्ण कुमार तिवारी ने श्रीराम चन्द्र कृपालु भज मन, दरबार हजारों देखे हैं, लेकिन ऐसा कोई दरबार नहीं आदि भजनों की मनोहारी प्रस्तुति दी। सांध्यकालीन पूजन के बाद परमधर्माधीश जगदगुरु शंकराचार्य जी महाराज के समक्ष आयोजित काव्य संध्या में काशी के प्रसिद्ध कवि सुशांत कुमार शर्मा ने जटायु खंड काव्य के अंशों का पाठ किया। राम कितना रुचिर है चरित आपका। ज्यो गगन पर उषा की सुघर अल्पना। कवि शुभम त्रिपाठी ने किस पर बाण चलाऊ लक्ष्मण। हे राम विराजे अंतस में। आदि रचनाएं प्रस्तुत कर उपस्थित भक्त समुदाय को मंत्रमुग्ध कर दिया।
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