वाराणसी के उदय प्रताप कॉलेज में स्थित मजार को लेकर विवाद बढ़ता जा रहा है। हाल ही में कॉलेज के छात्रों ने मजार पर हनुमान चालीसा का पाठ करने की योजना बनाई थी...
बनारस यूपी कॉलेज में मस्जिद विवाद : पुलिस और विद्यार्थियों के बीच हुई झड़प, 9 छात्र हिरासत में लिए गए
Dec 04, 2024 01:27
Dec 04, 2024 01:27
पुलिस ने छात्रों को रोका
दरअसल, मंगलवार सुबह कॉलेज के मेन गेट पर छात्रों और पुलिस के बीच तनावपूर्ण स्थिति उत्पन्न हुई। छात्र हनुमान चालीसा का पाठ करने के लिए मजार की ओर बढ़ रहे थे, लेकिन पुलिस ने उन्हें रोक लिया। इससे पहले, छात्रों और प्रदर्शनकारियों ने कॉलेज परिसर में वक्फ बोर्ड का पुतला भी फूंका था, विरोध जताते हुए। छात्रों का आरोप था कि वक्फ बोर्ड का दावा गलत है और वे इसे बर्दाश्त नहीं करेंगे।
प्रिंसिपल ने की शांति व्यवस्था बनाए रखने की आपील
वहीं वरुणा जोन के डीसीपी चंद्रकांत मीणा ने इस बारे में जानकारी दी और बताया कि कॉलेज के प्रिंसिपल की ओर से शांति व्यवस्था बनाए रखने की शिकायत की गई थी, क्योंकि कई परीक्षाएं चल रही थीं। इसके चलते पुलिस को दखल देना पड़ा और स्थिति को शांत किया गया।
हनुमान चालिसा के पाठ को लेकर अड़े छात्र
गौरतलब है कि छात्रों का मुख्य उद्देश्य पास स्थित मजार के पास हनुमान चालीसा का पाठ करना था, जिसे लेकर वे अड़े हुए रहे। इस प्रदर्शन की सूचना मिलते ही पुलिस और PAC के करीब 300 जवान मौके पर पहुंचे और बैरिकेडिंग कर दी, लेकिन छात्रों ने बैरिकेडिंग तोड़कर मजार की ओर बढ़ने की कोशिश की। पुलिस ने उन्हें मजार से 50 मीटर पहले ही रोक लिया और छात्र वहीं पर बैठकर हनुमान चालीसा का पाठ करने लगे। कॉलेज में छात्रों की नाराजगी के कारण पुलिस ने 2 दिसंबर को कॉलेज में सुरक्षा बढ़ा दी थी। बीते दिन, छात्र कॉलेज आते-जाते दिखे, लेकिन विरोध प्रदर्शन की आशंका के कारण बड़े पैमाने पर पुलिस बल तैनात किया गया था।
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वक्फ बोर्ड ने भेजा था नोटिस
दरअसल, वक्फ बिल के संभावित संशोधन के दौरान, वक्फ बोर्ड ने 2018 में कॉलेज की भूमि को अपनी संपत्ति बताते हुए नोटिस जारी किया था। इस नोटिस में कहा गया कि यह भूमि सुन्नी वक्फ बोर्ड से जुड़ी हुई है और कॉलेज इसे अवैध रूप से नियंत्रित कर रहा है। इस कदम ने कॉलेज प्रशासन और छात्रों के बीच गंभीर विरोध उत्पन्न कर दिया।
जुमे के दिन कॉलेज पहुंचे 500 नमाजी
इसके अलावा, नवंबर 2024 में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के कॉलेज के 115वें स्थापना समारोह में आने के बाद यह विवाद फिर से तूल पकड़ने लगा। योगी ने इस अवसर पर कॉलेज को विश्वविद्यालय का दर्जा देने की घोषणा की थी, लेकिन इसके बाद वक्फ बोर्ड का पत्र वायरल हो गया जिसमें कॉलेज की भूमि पर उनका दावा किया गया था। इसके बाद, जुमे की नमाज के लिए कॉलेज में 500 से ज्यादा लोग इकट्ठा हो गए, जबकि आमतौर पर केवल 20 से 25 लोग ही नमाज अदा करने आते थे।
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