बदलता उत्तर प्रदेश : वाराणसी में बनने वाला देश का पहला सिग्नेचर ब्रिज, 2028 तक बनकर होगा तैयार

वाराणसी में बनने वाला देश का पहला सिग्नेचर ब्रिज, 2028 तक बनकर होगा तैयार
UPT | सिग्नेचर ब्रिज

Aug 10, 2024 01:07

वाराणसी में गंगा नदी पर मालवीय पुल से 50 मीटर की दूरी पर बनने वाला सिग्नेचर ब्रिज देश का पहला ऐसा पुल होगा, जिसमें छह लेन की सड़क और चार लेन का रेलवे ट्रैक एक साथ बनाया जाएगा।

Aug 10, 2024 01:07

Varanasi News : वाराणसी में गंगा नदी पर मालवीय पुल से 50 मीटर की दूरी पर बनने वाला सिग्नेचर ब्रिज देश का पहला ऐसा पुल होगा, जिसमें छह लेन की सड़क और चार लेन का रेलवे ट्रैक एक साथ बनाया जाएगा। इस अनोखे पुल की लंबाई लगभग एक किलोमीटर होगी और इसका निर्माण 2028 तक पूरा हो जाने की योजना है। 2500 करोड़ रुपये की लागत से बनने वाला यह सिग्नेचर ब्रिज वाराणसी के साथ ही चंदौली, मिर्जापुर, सोनभद्र और बिहार के क्षेत्रों को भी जोड़ेगा।

मालवीय पुल, जिसका निर्माण 1887 में ब्रिटिश शासन के दौरान हुआ था, अब अपनी उम्र पूरी कर चुका है। वर्तमान में इस पुल पर भारी वाहनों और बसों का आवागमन प्रतिबंधित है, जिसके चलते नए सिग्नेचर ब्रिज का निर्माण प्रस्तावित किया गया है। रेलवे अधिकारियों ने बताया कि इस पुल का निर्माण प्रस्तावित है, और परियोजना की विस्तृत परियोजना रिपोर्ट (डीपीआर) को अंतिम रूप दे दिया गया है। इस ब्रिज के निर्माण के लिए आवश्यक कागजी कार्यवाहियों को पूरा करते हुए केंद्र सरकार ने भी अपनी मंजूरी दे दी है, और अब रेलवे अधिकारियों को बजट का इंतजार है।

सिग्नेचर ब्रिज की विशेषताएं
गंगा नदी पर बनने वाला यह सिग्नेचर ब्रिज अपनी तरह का पहला ब्रिज होगा, जिसमें छह लेन की सड़क और चार लेन का रेलवे ट्रैक एक ही संरचना के अंतर्गत बनेगा। यह ब्रिज गंगा के ऊपर 1074 मीटर लंबा होगा और इसमें 08 पिलर गंगा नदी में बनाए जाएंगे। इस पुल के निर्माण से न केवल वाराणसी के आवागमन में सुधार होगा, बल्कि इससे ट्रेनें भी 90 से 100 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से चल सकेंगी। वर्तमान में, मालवीय पुल पर ट्रेनें 40 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से चलती हैं, जबकि मालगाड़ियों की रफ्तार और भी धीमी होती है। नए पुल के निर्माण के बाद, रेलवे की संचालन क्षमता में भी वृद्धि होगी, जिससे यात्रियों को तेज और सुविधाजनक यात्रा का अनुभव होगा।

निर्माण में सहमति और सहयोग
सिग्नेचर ब्रिज के निर्माण को लेकर पिछले महीने कमिश्नरी सभागार में एक महत्वपूर्ण बैठक आयोजित की गई थी। इस बैठक में वाराणसी के कमिश्नर कौशल राज शर्मा, उत्तर रेलवे के अधिकारियों, नगर निगम, जलकल विभाग, बिजली विभाग, वाराणसी विकास प्राधिकरण (वीडीए), पीडब्ल्यूडी, कमिश्नरेट पुलिस और अन्य विभागों के प्रमुख अधिकारी शामिल हुए थे। बैठक में यह निर्णय लिया गया कि सभी संबंधित विभाग आपसी समन्वय के जरिये इस पुल के निर्माण में सहयोग करेंगे, ताकि यह महत्वपूर्ण परियोजना समय पर पूरी हो सके।

सड़कें और चौराहे होंगे चौड़े
सिग्नेचर ब्रिज के साथ ही, इसके दोनों तरफ की सड़कों की चौड़ाई भी बढ़ाई जाएगी। योजना के अनुसार, पड़ाव चौराहे को 200 मीटर तक चौड़ा किया जाएगा, ताकि यहां यातायात की सुगमता बनी रहे। इसके अलावा, रामनगर-टेंगरा मोड़ मार्ग और पड़ाव-पीडीडीयूनगर मार्ग को भी फोरलेन बनाया जाएगा, जिससे क्षेत्र में यातायात व्यवस्था और बेहतर हो सके।

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