काशी के ऐतिहासिक घाटों में एक और नया पक्का घाट जुड़ने जा रहा है जो न केवल धार्मिक आस्था बल्कि पर्यटन और रोजगार के लिहाज से भी महत्वपूर्ण साबित होगा। यह नया घाट "नमो घाट" के नाम से जाना जाएगा...
पर्यटकों को लुभा रहा नमो घाट : उपराष्ट्रपति जगदीप करेंगे उद्घाटन, विश्वस्तरीय सुविधाओं से सजा नया घाट
Nov 14, 2024 14:36
Nov 14, 2024 14:36
यह हैं नमो घाट की विशेषताएं
नमो घाट का सबसे बड़ा आकर्षण इसका "नमस्ते स्कल्प्चर" है जो 75 फीट ऊंचा है और भारतीय संस्कृति का प्रतीक बन चुका है। यह स्कल्प्चर काशी के सूर्योपासना के महत्व को दर्शाता है और घाट का प्रमुख आकर्षण बन चुका है। इस घाट पर जल, थल और नभ से जुड़ने वाली दुनिया की पहली सुविधाएं भी मौजूद हैं। यहां हेलीकॉप्टर भी उतारा जा सकता है और भविष्य में यह घाट हेलीकॉप्टर टूरिज्म और वाटर एडवेंचर स्पोर्ट्स के लिए तैयार हो रहा है। नमो घाट में पर्यटकों के लिए कई आकर्षक सुविधाएं हैं, जिनमें फ्लोटिंग सीएनजी स्टेशन, ओपन एयर थिएटर, योग स्थल, वाटर स्पोर्ट्स, चिल्ड्रन प्ले एरिया, और कैफेटेरिया शामिल हैं।
विशेष सुविधाएं और योजनाएं से किया है निर्माण
नमो घाट का निर्माण दिव्यांगजन और बुजुर्गों के लिए विशेष रूप से अनुकूल बनाया गया है, जहां रैंप की व्यवस्था है, ताकि वे आसानी से घाट तक पहुंच सकें। इसके अलावा यहां फूड कोर्ट, लाइब्रेरी, लाउंज, और मल्टीपर्पस प्लेटफॉर्म भी हैं, जहां विभिन्न सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित किए जा सकते हैं। इसके अलावा घाट पर एक विशेष बाथिंग कुंड और चेंजिंग रूम भी बनाए गए हैं, जहां पर्यटक आराम से नहा सकते हैं। घाट के किनारे हरियाली के लिए पौधरोपण भी किया गया है, ताकि पर्यावरण को बनाए रखा जा सके और मिट्टी का कटाव रोका जा सके।
फ्लोटिंग सीएनजी स्टेशन भी बनाया
नमो घाट से पर्यटक गंगा आरती और श्री काशी विश्वनाथ धाम का दर्शन बोट से कर सकते हैं। घाट पर सीएनजी से चलने वाली नाव के लिए देश का पहला फ्लोटिंग सीएनजी स्टेशन भी बनाया गया है, जो गंगा को प्रदूषण मुक्त करने में मदद करेगा। यहां से क्रूज की सुविधा भी उपलब्ध होगी। जिससे पर्यटक आसपास के शहरों का भ्रमण भी कर सकेंगे। इस घाट का पुनर्निर्माण दो चरणों में किया गया है। फेज वन में बने नमस्ते स्कल्प्चर की ऊंचाई करीब 25 फीट और छोटे की 15 फीट है, जबकि फेज टू में मेटल से बना नमस्ते स्कल्प्चर 75 फीट ऊंचा है। घाट की सीढ़ियों और रैंप की विशेष डिजाइन की गई है, ताकि यहां आने वाले लोग आसानी से गंगा में आस्था की डुबकी लगा सकें।
बाढ़ में भी रहेगा सुरक्षित
नमो घाट का निर्माण पूरी तरह से मेक इन इंडिया और वोकल फॉर लोकल के सिद्धांतों पर आधारित है और यहां पर बनाई गई सुविधाओं में स्थानीय कारीगरों और उत्पादों का उपयोग किया गया है। मंडलायुक्त कौशल राज शर्मा ने बताया कि इस घाट के पुनर्विकास में गेबियन और रेटेशन वाल का इस्तेमाल किया गया है, जिससे यह बाढ़ के दौरान भी सुरक्षित रहेगा। कौशल राज शर्मा ने बताया कि भविष्य में इस घाट पर वाटर एडवेंचर स्पोर्ट्स, हेली टूरिज्म और योग अभ्यास जैसी गतिविधियों की भी योजना है, जो काशी के पर्यटन को एक नई दिशा देंगे। नमो घाट में फिजिकल फिटनेस और स्वास्थ्य को बढ़ावा देने के लिए मॉर्निंग वॉक और योग करने की भी सुविधा होगी।
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