Varanasi News : सावन के अंतिम सोमवार पर श्री काशी विश्वनाथ मंदिर में झूलनोत्सव कार्यक्रम, बाबा के पंचबदन प्रतिमा का किया श्रृंगार

सावन के अंतिम सोमवार पर श्री काशी विश्वनाथ मंदिर में झूलनोत्सव कार्यक्रम, बाबा के पंचबदन प्रतिमा का किया श्रृंगार
UPT | श्री काशी विश्वनाथ का रजत प्रतिमा ले जाते हुए।

Aug 20, 2024 02:18

काशी विश्वनाथ मंदिर के प्रांगण में विद्वान 11 अर्चकों, ट्रस्टी गण व अन्य गणमान्य नागरिकों की उपस्थिति में विधि विधान पूर्वक पंचबदन मूर्ति का पंचगव्य स्नान पूर्ण कराया...

Aug 20, 2024 02:18

Varanasi News : सावन के अंतिम सोमवार एवं पूर्णिमा के अवसर पर श्री काशी विश्वनाथ मंदिर में वर्षों पुरानी परंपरा निभाई जा रही है। बाबा श्री विश्वनाथ की पंचबदन प्रतिमा के पंचगव्य स्नान के साथ झूलनोत्सव कार्यक्रम की शुरूआत हुई। यह परंपरा 350 साल पुरानी है।



पंचबदन मूर्ति का पंचगव्य स्नान पूर्ण कराया
काशी विश्वनाथ मंदिर के प्रांगण में विद्वान 11 अर्चकों, ट्रस्टी गण व अन्य गणमान्य नागरिकों की उपस्थिति में विधि विधान पूर्वक पंचबदन मूर्ति का पंचगव्य स्नान पूर्ण कराया गया। इस दौरान शंख वादन और डमरू वादन भी हुआ जिससे वातावरण भक्तिमय हो गया। डमरू वादन तथा शंख की स्वरलहरी के साथ ही बाबा के प्रतिमा की आरती संपन्न की गयी I  

गणेश की प्रतिमा का फूलों से कराया सुंदर श्रृंगार
इसके उपरांत भगवान श्री विश्वनाथ, माता पार्वती तथा भगवान श्री गणेश की प्रतिमा का विविध प्रकार के फूलों से सुंदर श्रृंगार कराया गया। श्रृंगार के बाद मनमोहक स्वरुप में बाबा की प्रतिमा का भव्य झांकी दर्शन संत महात्मा, जनप्रतिनिधि, काशीवासी आदि सभी द्वारा बढ़ चढ़कर किया गया। सांयकाल 3 बजे पंचवदन चलप्रतिमा के समक्ष रुद्री पाठ का आयोजन किया गया। 

अभूतपूर्व उत्साह का प्रदर्शन
तत्पश्चात षोडशोपचार पूजन के पश्चात् पूर्ण श्रृंगार संपन्न कर पुनः दर्शन प्रारम्भ कराया गया। शोभायात्रा से पूर्व भारी संख्या में काशीवासी एवं अन्य श्रद्धालु उपस्थित हुए। उपस्थित श्रद्धालुओं द्वारा अभूतपूर्व उत्साह का प्रदर्शन किया गया। धाम में उत्सव उल्लास का ऐसा वातावरण बन गया जिससे यह पारंपरिक यात्रा काशी की स्मृतियों में सदा के लिए अविस्मरणीय हो कर अंकित हो गयी। सभी उत्साही काशीवासी एवम श्री काशी विश्वनाथ महादेव के भक्त इस आयोजन उत्सव में सोल्लास सम्मिलित हुए।

पुष्पवर्षा कर शोभायात्रा का किया स्वागत
तत्पश्चात काशीवासी और श्रद्धालु गण बाबा की पंचबदन प्रतिमा को पालकी पर विराजमान करके डमरू वादन एवं शंख ध्वनि के साथ उत्सवपूर्वक गर्भगृह में ले गए और पूर्ववर्ती परंपरा के अंतर्गत बाबा को मां पार्वती जी और भगवान श्री गणेश जी के साथ झूले पर विराजमान कराया गया। यात्रा में पालकी काशीवासियों द्वारा ही उठायी गयी तथा उपस्थित श्रद्धालुओं द्वारा पुष्पवर्षा कर शोभायात्रा का स्वागत किया गया। यह काशीवासियों की अपनी परंपरा है जिसमे काशीवासियों ने आज अभूतपूर्व उत्साह से प्रतिभाग किया। बहुत से लोग भक्ति के रंग में सराबोर हो कर उत्सव के दौरान नाचने लगे। 

मंदिर गर्भ गृह में झूला उत्सव रात तक चलने तथा काशी वासियों के अपार उत्साह को देखते हुए काशी द्वार से प्रवेश की समयावधि भी बढ़ाई गयी। देश भर के श्रद्धालुओं एवं काशीवासियों ने अपने बाबा के मनमोहक श्रृंगार का दर्शन भाव-विभोर हो कर किया। इस प्रकार आज काशी द्वार भी लंबे समय तक खुला रहा जिससे अधिक से अधिक काशीवासी महादेव के झूला श्रृंगार का दर्शन कर सके। आयोजन में बड़ी संख्या में काशीवासी, न्यास के विद्वान सदस्य गण सहित पूर्व में शोभायात्रा में सम्मिलित रहने वाले लोकपति तिवारी जी एवं परिवार के अन्य सदस्य भी सम्मिलित रहे।

Also Read

 महाकुंभ से पहले मिलेगी सेवा, पर्यटकों को मिलेंगे सस्ते कमरे

6 Oct 2024 03:50 PM

वाराणसी बनारस में बजट फ्रेंडली होटल की सुविधा जल्द : महाकुंभ से पहले मिलेगी सेवा, पर्यटकों को मिलेंगे सस्ते कमरे

वाराणसी में पर्यटकों की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है। ऐसे में जल्द ही बनारस में बजट फ्रेंडली होटल और गेस्ट हाउस खुलने जा रहे हैं। ये होटल देव दीपावली और महाकुंभ से पहले यात्रियों के लिए उपलब्ध होंगे। और पढ़ें