उत्तर प्रदेश के बड़े शहरों में मौजूद प्राधिकरण पब्लिक के हित में कई योजनाएं तैयार करते हैं, लेकिन अपनी पुरानी प्रॉपर्टी को रीडिवेलप नहीं कर पाए थे, क्योंकि इसके लिए कोई पॉलिसी नहीं थी। खासतौर पर 50 साल या उससे भी ज्यादा पुरानी कमर्शियल और रेजिडेंशियल इमारतों का डेवलेपमेंट नहीं हो पा रहा था।
प्राधिकरण की पुरानी-जर्जर इमारतों का होगा रिडेवलपेमेंट : VDA ने शासन को भेजा प्रस्ताव, इस पॉलिसी से पब्लिक को होगा बड़ा फायदा
Dec 19, 2024 19:55
Dec 19, 2024 19:55
- इमारतों को फिर से डेवलप करने के लिए ड्राफ्ट तैयार
- नई पॉलिसी से शहरों में पुनर्विकास
- शासन स्तर पर पॉलिसी को जल्द मंजूरी मिलने की उम्मीद
पुरानी इमारतों का रीडिवेलपमेंट प्लान
वाराणसी विकास प्राधिकरण के वीसी पुलकित गर्ग ने बताया कि उत्तर प्रदेश में कई पुरानी और जीर्ण-शीर्ण सार्वजनिक और निजी आवासीय तथा कमर्शियल इमारतें मौजूद हैं, जिनका रीडिवेलपमेंट बेहद जरूरी है। इन इमारतों को कई साल पहले प्राधिकरण द्वारा निर्मित किया गया था, लेकिन ये इमारतें अब छोटी हो गई हैं या इनका फ्लोर एरिया कम है। इनका रीडिवेलपमेंट करने का कोई प्लान नहीं था, और अब तक कोई पॉलिसी न होने के कारण इनकी मरम्मत भी नहीं की जा सकती थी। इसी वजह से, विकास प्राधिकरण ने शासन को एक ड्राफ्ट भेजा है, ताकि इन इमारतों की मरम्मत की जा सके और रीडिवेलपमेंट संभव हो सके।
पुनर्विकास ही एक मात्र समाधान
पुलकित गर्ग ने कहा कि जब पुरानी इमारतों की मरम्मत के लिए कोई विशेष योजना नहीं थी, तो इनका पुनर्विकास ही एकमात्र समाधान था। इस उद्देश्य से, वाराणसी विकास प्राधिकरण ने उत्तर प्रदेश ड्राफ्ट रीडिवेलपमेंट पॉलिसी 2024 तैयार कर शासन को भेजा था, और इस पॉलिसी का प्रस्तुतीकरण शासन स्तर पर भी किया गया। उत्तर प्रदेश शासन ने पुनर्विकास की आवश्यकता को ध्यान में रखते हुए प्रदेश में एक नई पुनर्विकास पॉलिसी तैयार करने के लिए सचिव, आवास एवं शहरी नियोजन की अध्यक्षता में एक समिति का गठन किया है। इस समिति की पहली बैठक 6 दिसंबर को हो चुकी है।
नई पॉलिसी से शहरों में पुनर्विकास
नई उत्तर प्रदेश पुनर्विकास पॉलिसी के तहत शहरों में मूलभूत और सार्वजनिक सुविधाओं के साथ-साथ निम्न आय वर्ग के लिए आवासीय सुविधाएं उपलब्ध कराई जा सकेंगी। रीडिवेलपमेंट के माध्यम से न केवल बेहतर और एडवांस सुविधाएं प्रदान की जाएंगी, बल्कि नए व्यवसायिक विकल्प भी विकसित किए जा सकेंगे। इससे शहर का स्वरूप भी उच्च स्तर का होगा। यह पॉलिसी सरकारी विभागों के साथ-साथ सोसाइटी और बिल्डर्स के माध्यम से भी पुनर्विकास की प्रक्रिया को संभव बनाएगी, विशेष रूप से जॉइंट भू-स्वामित्व वाली संपत्तियों के लिए। पुनर्विकास के दौरान वहां रहने वालों के लिए वैकल्पिक व्यवस्था भी की जाएगी और कई अन्य प्रोत्साहन योजनाएं लागू की जाएंगी। शासन स्तर पर इस पॉलिसी को बहुत जल्द मंजूरी मिलने की उम्मीद है।