आगरा में ठगों की कोई कमी नहीं है, लेकिन जब कोई अपना परिचित ही ठगी करवा दे तो इसे आप क्या कहेंगे...। यही नहीं, वह भी ऐसे व्यक्तियों को ठगी का शिकार बनाया है, जो शारीरिक रूप से दिव्यांग है। आगरा के...
Agra News : गांव के परिचित ने दिव्यांग भाई-बहन की जमीन बेच दी, पढ़िये कैसे रची साजिश...
Jul 18, 2024 02:07
Jul 18, 2024 02:07
गांव वालों ने दी जानकारी
दिव्यांग भाई बहन की दिव्यांगता का एक जानकार ने ऐसा फायदा उठाया कि उनके पैरों तले जमीन खिसक गई। सरकारी योजना का लाभ दिलाने और दिव्यांगता सर्टिफिकेट बनवाने के नाम पर दिव्यांग भाई-बहन को तहसील ले गया और फिर धोखे से उनकी 30 बीघा जमीन को किसी और के नाम बैनामा कराके बेच दिया। इसमें सब रजिस्ट्रार बाह के बयान नहीं दिए गए और कोई प्रतिफल भी नहीं दिया गया। दिव्यांग भाई-बहन को गांव वालों से पता चला कि उनकी जमीन बिक चुकी है। यह जानकर वह सकते में आ गए। उन्होंने अब जिला मुख्यालय पहुंचकर जिला प्रशासन से न्याय की गुहार लगाई है।
ये है पूरा मामला
पूरा मामला बाह थाना क्षेत्र से जुड़ा हुआ है। बाह तहसील के मौजा मानिकपुरा में पप्पू पचौरी अपने परिवार के साथ रहते हैं। उनकी बहन भी उनके साथ ही रहती हैं। पप्पू पचौरी मूंक बधिर है और मानसिक रूप से भी उसका संतुलन ठीक नहीं है। उनकी बहन भी बोलने में असमर्थ है। पीड़ित के पास काफी जमीन है। पीड़ितों की दिव्यांगता का लाभ उनके परिचित गांव के ही रहने वाले संजू पचौरी ने उठाया। पेंशन, राशन कार्ड एवं दिव्यांगता का कार्ड बनवाने के नाम पर उन्हें बाह तहसील ले गया। कई कागजों पर उसने साइन और अंगूठा लगवा लिया और उन्हें इंतजार करने को कहा। आरोपी संजू पचौरी ने उनसे कहा कि सर्टिफिकेट बनवाने की फॉर्मेलिटी की जा रही है, इसलिए समय लग रहा है। कुछ देर बाद ही संजू पचौरी ने पीड़ित की जमीन सीधे संतोष शर्मा के नाम करा दी।
गांव के परिचित ने ही दिया धोखा
पीड़ित परिवार के रिश्तेदार ने बताया कि संजू पचौरी गांव का ही रहने वाला है और पीड़ित भाई-बहन का परिचित भी है। उन्होंने बताया कि दोनों दिव्यांग भाई बहन के पास काफी जमीन है, लेकिन दिव्यांग होने के कारण वे देखरेख नहीं कर पाते हैं। गांव के जानकर संजू ने उनसे कहा कि आप दिव्यांग हैं, आपका दिव्यांगता प्रमाण पत्र बनवा देता हूं, जिससे आपको अन्य सरकारी योजनाओं का लाभ भी मिल जाएगा। पीड़ित सच्चा और ईमानदार व्यक्ति है। वह संजू की बातों में आ गया और बहन के साथ-साथ अपना प्रमाण पत्र बनवाने के लिए उसने हामी भर दी। बस इसी का उसने फायदा उठाया और गाटा संख्या 1235 रकबा 1.098, गाटा 1211 रकबा 1.565 बैनामा करा दिया।
उच्च स्तरीय जांच करने का भरोसा
पीड़ित भाई बहन अपने भांजे के साथ जिला मुख्यालय पहुंचे। वहां उन्होंने पूरी घटना से अवगत कराया और जिलाधिकारी के नाम ज्ञापन सौंप कर न्याय दिलाने और आरोपियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने की मांग की। प्रशासनिक अधिकारी ने उन्हें इस मामले की उच्च स्तरीय जांच करने का आश्वासन दिया है।
निष्पक्ष जांच हुई तो कई नपेंगे
पीड़ित के रिश्तेदार का कहना है कि अगर इस मामले में निष्पक्ष जांच हो तो कई लोग इस मामले में फंस जाएंगे। बैनामा करवाने से लेकर बैनामा करने वाले अधिकारी भी इसमें नपेंगे, क्योंकि बैनामा करने के दौरान बेचने वाले और खरीदने वाले दोनों की रजामंदी की जानकारी दी जाती है। लेकिन, इस मामले में ऐसा नहीं किया गया है। अब हमें न्याय चाहिए, ताकि दिव्यांग भाई बहन को उनकी जमीन पुनः वापस मिल सके।
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