आगरा में मेट्रो का निर्माण बना मुसीबत : अंडरग्राउंड टनल की खुदाई से घरों में दरारें, लोगों ने ली होटल में शरण

अंडरग्राउंड टनल की खुदाई से घरों में दरारें, लोगों ने ली होटल में शरण
UPT | आगरा मेट्रो अंडरग्राउंड टनल

Sep 22, 2024 14:19

आगरा में तेजी से मेट्रो का काम चल रहा है, जिससे शहर के विकास को पंख लगने की उम्मीद है। मेट्रो परियोजना शहरवासियों के लिए एक बड़ी राहत साबित हो सकती है, लेकिन इसके निर्माण कार्य ने मोती कटरा के तार की गली...

Sep 22, 2024 14:19

Agra News : आगरा में तेजी से मेट्रो का काम चल रहा है, जिससे शहर के विकास को पंख लगने की उम्मीद है। मेट्रो परियोजना शहरवासियों के लिए एक बड़ी राहत साबित हो सकती है, लेकिन इसके निर्माण कार्य ने मोती कटरा के तार की गली में रहने वाले आधा दर्जन से अधिक परिवारों के लिए मुसीबत खड़ी कर दी है। मेट्रो की अंडरग्राउंड टनल की खुदाई के चलते इन परिवारों के घरों में गंभीर दरारें आ गई हैं और मकान गिरने के कगार पर हैं। इस भयावह स्थिति में कई परिवारों को अपने घर छोड़कर होटल में शरण लेनी पड़ी है, जबकि बाकी बचे लोग डर के साए में जी रहे हैं।

अंडरग्राउंड टनल से मकानों में आई दरारें
उत्तर प्रदेश मेट्रो रेल कॉरपोरेशन (UPMRC) आगरा शहर में मेट्रो निर्माण कार्य कर रहा है। मेट्रो के 6 स्टेशन पहले ही बनकर तैयार हो चुके हैं और उन पर मेट्रो दौड़ रही है। लेकिन अन्य रूटों पर अभी भी स्टेशन और अंडरग्राउंड टनल बनाने का काम जारी है। मनकामेश्वर स्टेशन से एसएन मेडिकल कॉलेज और आगरा कॉलेज को जोड़ने वाली अंडरग्राउंड टनल की खुदाई भी इसी परियोजना का हिस्सा है, जो मोती कटरा के तार की गली से होकर गुजर रही है। इस टनल की खुदाई के लिए भारी मशीनों का उपयोग किया जा रहा है, जिससे कंपन उत्पन्न हो रहा है। कंपन के चलते आधा दर्जन मकानों की बुनियाद कमजोर हो गई है और दीवारों में दरारें आ गई हैं। हालांकि, मेट्रो के इंजीनियरों ने इन मकानों को अस्थायी रूप से लोहे की रॉड का सपोर्ट देकर गिरने से रोकने की कोशिश की है, लेकिन लोग अभी भी भयभीत हैं कि कब उनका घर धराशाई हो जाए।

मकानों के गिरने का खतरा
तार की गली में रहने लोगों का कहना है कि उनके मकान में कई जगह बड़ी दरारें आ गई हैं, जिसके कारण उन्हें पिछले तीन-चार दिनों से होटल में शरण लेनी पड़ी है। कंपन और दरारों की वजह से उनके मकान भी गिरने के कगार पर हैं। ऐसे में इन परिवारों की चिंताएं बढ़ गई हैं क्योंकि अगर उनके मकान गिरते हैं, तो उन्हें सड़क पर आना पड़ेगा।

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मेट्रो अधिकारियों ने नहीं दिया कोई ठोस आश्वासन 
रेखा यादव और अन्य प्रभावित लोगों ने मेट्रो अधिकारियों से इस संबंध में कई बार बात की और अनुरोध किया कि उन्हें लिखित में आश्वासन दिया जाए कि अगर उनके मकान गिर जाएं, तो मेट्रो विभाग उनकी मरम्मत कराएगा या नए मकान बनवाएगा। लेकिन मेट्रो अधिकारियों ने इस मांग को अनसुना कर दिया और कोई ठोस आश्वासन नहीं दिया। इससे प्रभावित परिवारों की परेशानियां और बढ़ गई हैं। उनके मकानों में दरारें लगातार बढ़ रही हैं और वे बेघर होने के डर से रातों की नींद खो बैठे हैं। अब इन परिवारों की उम्मीदें शासन और प्रशासन से हैं कि वे इस मामले में हस्तक्षेप करें और उनकी सुरक्षा सुनिश्चित करें।

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