एक तरफ जहां केंद्र एवं राज्य सरकार है शिशुओं की मृत्यु दर को कम करने के प्रयास में जुड़ी हुई है, तो वहीं स्वास्थ्य विभाग के कर्मचारी सरकार की योजनाओं को...
Agra News : एक तरफ जहां केंद्र एवं राज्य सरकार है शिशुओं की मृत्यु दर को कम करने के प्रयास में जुड़ी हुई है, तो वहीं स्वास्थ्य विभाग के कर्मचारी सरकार की योजनाओं को पलीता लगाने का काम कर रहे हैं। आगरा के स्वास्थ्य विभाग ने शर्मसार कर दिया है। जी हां, जिले में स्वास्थ्य सेवाओं को लेकर सवाल खड़े होते रहे हैं, एक बार फिर ऐसा ही मामला सामने आया है जिसके चलते स्वास्थ्य महकमे की किरकिरी कर दी है। फतेहपुर सीकरी में शुक्रवार की सुबह सीएचसी पर प्रसव पीड़ा होने पर सीएचसी पहुंची एक प्रसूता को खून की कमी कहकर टरका दिया गया। बड़ी बात यह थी कि सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पर उस प्रसूता को एंबुलेंस तक नहीं मिली, परिजन उसे मोटरसाइकिल पर बिठाकर प्राइवेट अस्पताल ले जा रहे थे तभी रास्ते में हाईवे पर महिला का प्रसव हो गया।
खून की कमी बता कर भरतपुर भेज दिया
फतेहपुर सीकरी की वाटर वर्क्स कॉलोनी निवासी ताजुद्दीन की 27 वर्षीय पत्नी रुखसाना गर्भवती थी। शुक्रवार सुबह 4:30 बजे प्रसव पीड़ा होने पर ताजुद्दीन अपनी पत्नी को लेकर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पहुंचा। वहां मौजूद स्वास्थ्य कर्मियों ने प्रसूता को देखकर बगैर जांच किए खून की कमी बता कर आगरा या फिर भरतपुर ले जाने की सलाह दे दी और काफी आग्रह करने पर भी उसे भर्ती नहीं किया गया। आलम यह था कि जब परिजन प्रसूता को ले जाने लगे तो सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पर एक एंबुलेंस तक नहीं मिली।
प्रसूता को टेंपो से लेकर लेकर आए घर
पत्नी की तबीयत बिगड़ता देख ताजुद्दीन अपनी पत्नी को बाइक पर बैठाकर नगर के उप स्वास्थ्य केंद्र ले जा रहा था, तो रास्ते में हाईवे पर ही महिला को अत्यधिक प्रसव पीड़ा होने पर प्रसव हो गया। उसके पश्चात सब- सेंटर पर कोई भी नहीं मिलने पर सेंटर की एएनएम मंजू रानी के घर से लेकर आए और मौके पर ही नाल कटवाया गया। परिजन प्रसूता को नवजात के साथ टेंपो से लेकर घर लेकर आए। मौके पर एएनएम ने भी अपनी फीस के लिए 1200 रुपये ले लिए।
इस संबंध में सीएचसी पर तैनात स्वास्थ्य कर्मी ने बताया कि हीमोग्लोबिन कम होने के चलते हाई रिस्क प्रेगनेंसी थी। इसी कारण आगरा रेफर किया गया था तो वही परिजनों का कहना है कि जब जांच ही नहीं की गई, तो खून की कमी कहां से हुई। जबकि पिछली रिपोर्ट में हीमोग्लोबिन 9.0 है। सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र के अधीक्षक डॉ.राज कमल का कहना है कि मामले की जांच पर कार्रवाई की जाएगी।
वही इस संबंध में जब उत्तर प्रदेश टाइम्स ने मुख्य चिकित्साधिकारी डॉक्टर अरुण श्रीवास्तव से बात की तो उन्होंने बताया कि लापरवाही तो हुई है, सीएससी केंद्र के कर्मचारियों को इस तरह प्रसूता को नहीं भेजना चाहिए था, प्रसूता के लिए एंबुलेंस की सेवा उपलब्ध करानी चाहिए थी। इसके साथ ही जिस एएनएम ने पीड़ित का प्रसव कराया उसको वहां से हटाकर फतेहाबाद ट्रांसफर कर दिया गया है। सीएमओ ने बताया कि सीएचसी को लेकर एक कमेठी गठित कर दी गई है जो कि तीन दिन में रिपोर्ट पेश करेगी। रिपोर्ट के आधार पर कर्मचारियों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।