केंद्र सरकार ने एक महत्वपूर्ण पहल के तहत आलू को समुद्र मार्ग से निर्यात करने की योजना बनाई है, जो उत्तर प्रदेश के आलू उत्पादक किसानों के लिए शुभ संकेत साबित होगी...
आगरा में आलू किसानों के लिए बड़ी खुशखबरी : समुद्र के जरिए किया जाएगा सब्जियों का निर्यात, अंतरराष्ट्रीय बाजार में मिलेगी पहचान
Dec 02, 2024 20:50
Dec 02, 2024 20:50
पूरे साल रहती है आलू की मांग
बता दें कि आलू एक ऐसी फसल है, जिसके बिना किसी भी सब्जी का निर्माण अधूरा होता है। यह पूरे साल उपलब्ध रहने वाली सब्जी है, जो अक्सर उचित कीमत पर मिल जाती है, हालांकि इसकी मांग अधिक होने के कारण इसके दाम में उतार-चढ़ाव आते रहते हैं। समुद्र के रास्ते आलू के निर्यात के सस्ते और सुगम तरीके से न केवल इन उतार-चढ़ावों को नियंत्रित किया जा सकेगा, बल्कि इस कदम से किसानों को अधिक स्थिरता और लाभ मिलेगा।
आलू किसानों के उठाए गए महत्वपूर्ण कदम
यूपी सरकार ने आलू किसानों के हित में हमेशा संवेदनशीलता दिखाई है। आलू की खेती से जुड़ी समस्याओं के समाधान के लिए योगी सरकार ने कई महत्वपूर्ण कदम उठाए हैं। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अपने कार्यकाल की शुरुआत में मंदी से प्रभावित आलू किसानों के लिए 'बाजार हस्तक्षेप योजना' लागू की थी, जो राज्य के इतिहास में पहली बार हुआ। इस योजना के तहत सरकार ने किसानों को सही दाम दिलवाने के लिए कदम उठाए गए थे। इसके बाद से लगातार आलू उत्पादक किसानों के हित में कई योजनाओं को लागू किया जा रहा है, जिसमें कृषि जलवायु के अनुकूल बीजों की उपलब्धता भी शामिल है।
आगरा में आलू किसानों के लिए सुविधा
आलू किसानों के लाभ के लिए कृषि उत्पादन क्षेत्र में कई योजनाओं की शुरुआत की गई है। केंद्र सरकार की मदद से आगरा में पेरू (लीमा) स्थित अंतरराष्ट्रीय आलू केंद्र (सीआईपी) का निर्माण हो रहा है, जिसकी लागत करीब 120 करोड़ रुपये है। इसके साथ ही हापुड़ और कुशीनगर में सेंटर ऑफ एक्सीलेंस फॉर पोटैटो खोलने का निर्देश दिया था। इन केंद्रों का उद्देश्य आलू किसानों को उच्च गुणवत्ता के बीज और बेहतर तकनीक से लाभ पहुंचाना है। इसके अलावा, सरकार ने कोल्डस्टोरेज की क्षमता बढ़ाने के लिए लाइसेंस जारी करने का भी काम शुरू किया है, ताकि आलू का सही भंडारण हो सके।
आगरा में स्थापित होगा सीआईपी केंद्र
गौरतलब है कि इन केंद्रों के खुलने से प्रदेश के आलू उत्पादक किसानों को बहुत लाभ मिलेगा। यूपी के अलावा बिहार, पश्चिम बंगाल और दक्षिण एशिया के अन्य आलू उत्पादक देशों को भी इन केंद्रों से लाभ होगा। आगरा में स्थापित होने वाला सीआईपी केंद्र इन राज्यों के किसानों को बेहतर क्वालिटी के आलू के बीज उपलब्ध कराएगा। इसके अलावा, किसानों को नई आलू किस्में और उन्नत उत्पादन तकनीक से मदद मिलेगी, जो उनके उत्पादन और आय में वृद्धि करेगी।
सबसे बड़ा आलू उत्पादक राज्य है यूपी
आलू उत्पादन के मामले में उत्तर प्रदेश देश में सबसे बड़ा उत्पादक राज्य है। हालांकि, प्रति हेक्टेयर उत्पादन के मामले में पश्चिमी बंगाल उत्तर प्रदेश से आगे है, जहां प्रति हेक्टेयर आलू उत्पादन 29.9 मिट्रिक टन है, जबकि उत्तर प्रदेश में यह 25.48 मिट्रिक टन है। लेकिन आलू से जुड़े शोध केंद्रों के खुलने से उत्तर प्रदेश में प्रति हेक्टेयर आलू उत्पादन बढ़ाने में मदद मिलेगी। यह बदलाव किसानों के लिए फायदेमंद साबित होगा, जिससे उनकी आय में भी बढ़ोतरी होगी।
यूपी के इन जिलों में होती है आलू की खेती
उत्तर प्रदेश में आलू की खेती कई प्रमुख जिलों में होती है। कन्नौज, फर्रुखाबाद, आगरा, फिरोजाबाद, मथुरा, अलीगढ़, मेरठ, बुलंदशहर, बरेली, लखनऊ और बाराबंकी जैसे जिले प्रमुख आलू उत्पादक जिले हैं। इन जिलों में आलू की खेती बड़े पैमाने पर होती है और यहां के किसानों को इन योजनाओं का सीधा लाभ मिलने की उम्मीद है।
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