सोलह श्रृंगार कर दुल्हन सी सजी थी सीता स्वरूपा तुलसी जी। लाल चुनरी ओढो तुलसी माता और श्रीराम स्वरूप दूल्हा बने शालिग्राम। सतरंगी फूलों से सजे जनमाने से एक तरफ सिर पर पगड़ी सजाए...
जनकपुरी महोत्सव : सिया रामचंद्र के संग पड़ने लगी भांवरिया...
Sep 30, 2024 13:13
Sep 30, 2024 13:13
जनक सुनयना ने किया कन्यादान
तुलसी-सालिगराम विवाह को पूरे विधान के साथ सम्पन्न कराया गया। सतरंगी पुष्पों से जनमासे में सर्वप्रथम पंचदेवों के साथ मां तुलसी व भगवान विष्णु का पूजन किया गया। इसके उपरान्त 11 पंड़ितों द्वारा विधि विधान से विवाह की सभी रीति रिवाज के साथ तुलसी सालिगराम का विवाह सम्पन्न हुआ। फेरों के समय मिथिला की सखियों ने खूब बधाईयां व विवाह के मंगल गीत गाए। राजा जनक व रानी सुनयना संग श्रीजनकपुरी महोत्सव आयोजन समिति के पदाधिकारियों व सदस्यों ने भी बढ़-चढ़ कर कन्यादान लिया। स्वर्ण, परिधान, बर्तन सहित कई उपहार भेंट किए। विवाह में राम लीला कमेटी के पुरोहित देव प्रकाश प्रचेता, राहुल पवार, दीपक पुण्डीर, संजय अग्रवाल, मनोज उपाध्याय, लिली गोयल आदि मौजूद रहे।
कौशल्या ने सीता को दी सुहाग पिटारी
आगरा। सिर पर पगड़ी बांधे बारातियों संग राजा दशरथ, रानी कौशल्या (संतोष शर्मा, ललिता शर्मा) भी अपने परिवार संग तुलसी सालिगराम विवाह में शामिल हुए। रानी कौशल्या ने तुलसी जी के लिए सुहाग पिटारी, साड़ी लहंगा, चुनरी उपहार में दिए।
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