अपनी ताजमहल के लिए दुनिया भर में प्रसिद्ध है, पेठा के लिए भी एक विशेष पहचान रखता है। लेकिन पिछले कुछ सालों से पेठा उद्योग के व्यापारी खुद को ठगा महसूस कर रहे हैं। 2024 में भी वे उम्मीद लगाए बैठे थे...
पेठा उद्योग को सरकारी मदद का इंतजार : उद्यमियों की उम्मीदें 2024 में भी रह गई अधूरी
Jan 01, 2025 19:49
Jan 01, 2025 19:49
सरकारी कर और नीतियां उद्योग को नुकसान पहुंचा रही हैं
आगरा के पेठा उद्योग से जुड़े संगठन के अध्यक्ष राजेश अग्रवाल का कहना है कि पहले तो सरकारी करों की वजह से उद्योग में समस्याएं थीं, लेकिन अब एक नई समस्या सामने आई है। उनका आरोप है कि दक्षिणांचल विद्युत वितरण निगम (DVVNL) 50 साल पुराने बिजली के बिलों को नए मालिकों को भेज रहा है, जो उनके अनुसार पेठा उद्यमियों का शोषण है।
ताज ट्रिपोजियम जोन के बाद मुश्किलें बढ़ी
राजेश अग्रवाल के अनुसार ताज ट्रिपोजियम जोन बनने के बाद से पेठा कोयले की भट्ठियों पर नहीं पकाया जा सकता था, जिसके कारण गैस के माध्यम से पेठा बनाने का काम शुरू हुआ। हालांकि सरकार ने इस बदलाव के दौरान LPG सब्सिडी देने का वादा किया था, जो अब तक पूरा नहीं हुआ। इस कारण पेठा उद्योग के व्यापारियों को भारी नुकसान हो रहा है।
पूर्व मुख्यमंत्री मुलायम सिंह यादव की घोषणा और उसका असर
राजेश अग्रवाल ने बताया कि पूर्व मुख्यमंत्री मुलायम सिंह यादव ने एक बार पेठा उद्योग को कर मुक्त करने की घोषणा की थी, लेकिन उनके कार्यकाल के बाद यह मामला अधर में लटक गया। अब वे फिर से योगी सरकार से यही मांग कर रहे हैं कि पेठा उद्योग को कर मुक्त किया जाए, ताकि इस उद्योग की समृद्धि हो सके और इसके साथ जुड़े लाखों लोग लाभान्वित हो सकें। जब उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने पेठा उद्योग को "वन डिस्ट्रिक्ट, वन प्रोडक्ट" योजना में शामिल करने की घोषणा की थी, तब से लेकर अब तक इस पर कोई प्रगति नहीं हुई है। प्रशासनिक अधिकारियों की लापरवाही और उदासीनता के कारण इस घोषणा को पूरा नहीं किया गया।
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