शिवालय दर्शन को ताजमहल पहुंचे परमहंस आचार्य : भगवा वस्त्र और धर्मदंड के साथ प्रवेश का उठाया मुद्दा, बोले- यह प्रेम का प्रतीक...

भगवा वस्त्र और धर्मदंड के साथ प्रवेश का उठाया मुद्दा, बोले- यह प्रेम का प्रतीक...
UPT | पीठाधीश्वर परमहंस आचार्य

Oct 26, 2024 19:45

आचार्य ने कहा कि यहां पर धर्म दंड लेकर शंकराचार्य भी आ चुके हैं, वह इसलिए यहां पर आए हैं, जिससे वह बाबा भोलेनाथ के दर्शन कर सकें। यह शिवालय है, इसलिए यह सातवां अजूबा और प्रेम की निशानी माना जाता है...

Oct 26, 2024 19:45

Short Highlights
  • शिवालय दर्शन को पहुंचे परमहंस आचार्य
  • भगवा वस्त्र और धर्मदंड के साथ प्रवेश का उठाया मुद्दा
  • आचार्य ने कहा शाहजहां का नाम लेना कलंक
Agra News :  पीठाधीश्वर परमहंस आचार्य, ताजमहल में बाबा भोलेनाथ के दर्शन करने पहुंचे। उन्होंने कहा कि ताजमहल इसलिए प्रेम की निशानी है क्योंकि, यह शिवालय है। आचार्य ने कहा कि यहां पर धर्म दंड लेकर शंकराचार्य भी आ चुके हैं, वह इसलिए यहां पर आए हैं, जिससे वह बाबा भोलेनाथ के दर्शन कर सकें। यह शिवालय है, इसलिए यह सातवां अजूबा और प्रेम की निशानी माना जाता है।

शाहजहां का नाम लेना पाप है- परमहंस आचार्य 
ताजमहल में प्रवेश करने से पहले पीठाधीश्वर परमहंस आचार्य ने मीडिया से बातचीत की। उन्होंने कहा कि यह ताज महल नहीं,  तेजोमहालय है। बाबा भोलेनाथ का शिवालय है। इसलिए यह प्रेम का प्रतीक और सातवां अजूबा है। उन्होंने कहा कि यहां पर शाहजहां का नाम लेना तो बहुत बड़ा कलंक है। शाहजहां ने अपनी बेटी जहांआरा से शादी की थी, उसका नाम लेना तो बहुत ही बड़ा पाप है। परमहंस आचार्य ने कहा कि जब पहले मैं यहां पर आया था, तो मेरे साथ जो व्यवहार हुआ था उसके लिए एएसआई पहले ही माफी मांग चुका है। आज मैं शिवालय में दर्शन के लिए आया हूं। 


लव जिहाद पर बोले परमहंस आचार्य 
वहीं एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि अगर कोई हिंदू लड़की किसी मुस्लिम से विवाह करती है या लव जिहाद में फंसती है तो जिंदा रहते हुए जहन्नुम में पहुंच जाती है। लेकिन अगर कोई मुस्लिम युवती धर्म वापसी करती है, सनातन धर्म को अपनाती है और किसी हिंदू लड़के से शादी करती है तो वह देवी बन जाती है। उसे जिंदा रहते हुए स्वर्ग मिल जाता है। 

ताजमहल में प्रवेश को लेकर दिया बयान
इस दौरान, पीठाधीश्वर परमहंस आचार्य ने ताजमहल में प्रवेश करने को लेकर कहा कि ताजमहल में टोपी पहनकर मुस्लिम जा सकते हैं, मौलाना जा सकते हैं तो केसरिया एवं भगवा वस्त्र पहनकर और धर्मदंड के साथ ताजमहल में प्रवेश क्यों नहीं कर सकते? उन्होंने कहा कि हम यहां पर कोई धरना प्रदर्शन या विरोध जताने नहीं आए, जिस प्रकार दूसरे लोग ताजमहल के दीदार के लिए आते हैं उसी प्रकार हम अपनी आस्था के अनुसार यहां पर पहुंचे हैं।

पुरातत्व विभाग और सुरक्षा एजेंसियों को कोई दिक्कत नहीं
उन्होंने कहा कि एएसआई के अधिकारियों ने कहा था कि आपके धर्मदंड में कोई सरिया या लोग की वस्तु नहीं है। लेकिन पुरातत्व विभाग और सुरक्षा एजेंसियों को इससे कोई दिक्कत नहीं है। उन्होंने बुलाया था इसलिए हम यहां पर अपने शिवालय के दर्शन करने के लिए पहुंचे हैं। 

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