आगरा में खुशियों का नया दौर शुरू होने जा रहा है। ककुआ और भांडई में विकसित की जा रही नई टाउनशिप के माध्यम से नए साल पर निवासियों को अपने सपनों का घर मिलने की उम्मीद है...
आगरा की नई टाउनशिप: नए साल पर घर का तोहफा, दिसंबर में होगी भव्य लॉन्चिंग
Sep 30, 2024 14:27
Sep 30, 2024 14:27
हरित क्षेत्र से हाईवे फैसिलिटी जोन तक
आगरा विकास प्राधिकरण (एडीए) के अनुसार, यह नई टाउनशिप मुख्यमंत्री शहरी विस्तारीकरण योजना के अंतर्गत ग्वालियर हाईवे-44 पर 138 हेक्टेयर भूमि पर विकसित की जा रही है। इस परियोजना में आवासीय और व्यावसायिक दोनों जरूरतों को ध्यान में रखते हुए भूखंडों का विकास किया जाएगा, जिसकी कुल लागत लगभग 1,100 करोड़ रुपये होगी।
लॉन्चिंग से पहले की तैयारियां
इस टाउनशिप का पंजीकरण रियल एस्टेट रेगुलेटरी अथॉरिटी (रेरा) में कराया जाएगा, जिससे संभावित निवासियों को सुरक्षित और पारदर्शी तरीके से प्लॉट्स बुक करने की सुविधा मिलेगी। एडीए के उपाध्यक्ष एम अरुन्मौली ने बताया कि नए साल में लोगों को टाउनशिप में नए घर उपलब्ध कराने का लक्ष्य है। सभी आवश्यक तैयारियां पूरी हो चुकी हैं, और शासन से 242 करोड़ रुपये की अतिरिक्त राशि भी प्राप्त हो चुकी है, जिससे टाउनशिप में लगभग 20,000 की आबादी बस सकेगी।
विशेषताएं और सुविधाएं
नई टाउनशिप को यूपी टाउनशिप नीति-2023 के अनुसार विकसित किया जा रहा है। इसमें आवासीय भूखंडों के अलावा सामुदायिक सुविधाएं, पार्क, खेल के मैदान, रिक्रिएशनल एरिया, और हरित क्षेत्र शामिल होंगे। यह टाउनशिप आगरा-ग्वालियर और आगरा बाईपास एनएच 44 के जंक्शन पर स्थित है, जिससे ताजमहल, रेलवे स्टेशन, एयरपोर्ट और आगरा-लखनऊ एक्सप्रेस-वे जैसे प्रमुख स्थानों तक पहुंचना आसान होगा।
निवासियों के लिए नए अवसर
इस टाउनशिप के माध्यम से आगरा के निवासियों को सस्ती आवासीय योजनाओं का लाभ मिलेगा, जिससे वे बेहतर जीवनशैली का आनंद ले सकेंगे। इस योजना का उद्देश्य न केवल आवास उपलब्ध कराना है, बल्कि समाज में सामुदायिक भावना और समृद्धि को भी बढ़ावा देना है। आगरा की यह नई टाउनशिप नए साल पर एक नई शुरुआत का प्रतीक बनकर उभरेगी, जहां लोग अपने सपनों का घर बना सकेंगे।
टाउनशिप में निम्नलिखित प्रकार के भूखंड उपलब्ध होंगे:
- ग्रुप हाउसिंग: 900 से 1450 वर्ग फीट में, कुल 2,335 भूखंड।
- एचआईजी भूखंड: 301 से 500 वर्ग मीटर में, कुल 163 भूखंड।
- एमआईजी भूखंड: 90 से 300 वर्ग मीटर में, कुल 892 भूखंड।
- एलआईजी भूखंड: 41 से 50 वर्ग मीटर में, कुल 455 भूखंड।
- ईडब्ल्यूएस भूखंड: 30 से 40 वर्ग मीटर में, कुल 242 भूखंड।
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