आगरा पुलिस ने साइबर ठगी करने वाले एक गैंग का पर्दाफाश किया है। ये ठग बंद बीमा पॉलिसी के धारकों को फोन कर उन्हें अपने झांसे में लेते थे। पॉलिसी चालू कराने के नाम पर पैसे वापस करने का लालच देते थे
बंद बीमा पॉलिसी पर कमीशन देने का झांसा : फर्जी सिम कार्ड खरीदकर करते थे वारदात, 5 करोड़ का चूना लगाने वाले साइबर ठग धराए
Sep 28, 2024 13:42
Sep 28, 2024 13:42
- फर्जी सिम कार्ड खरीदकर करते थे वारदात
- 6 साइबर ठगों को पुलिस ने पकड़ा
- दरोगा को लगाया था 90 लाख का चूना
आसानी से मिल जाता है लोगों का डाटा
पकड़े गए 6 आरोपियों ने से तीन नोएडा स्थित ब्रोकर इंश्योरेंस कंपनी में काम करते थे। उन्होंने यहां मिली ट्रेनिंग और स्किल का इस्तेमाल धोखाधड़ी करने के लिए किया। तीनों ने अपने अन्य साथियों को यही गुर सिखाए और काम में शामिल कर लिया। आरोपियों ने बताया कि किसी का भी डाटा बाजार में सस्ते दामों में मिल जाता है। उन्होंने तीन से सात रुपये में हर ग्राहक का डाटा खरीदा है।
ऐसे लगाते थे लोगों को चूना
आरोपियों ने बताया कि वह ऐसे लोगों से संपर्क करते थे, जिनकी बीमा पॉलिसी बंद हो गई है। आरोपी फोन कर ग्राहक को बीमा पूरा करने का फायदा बताते और फिर कुछ कमीशन लेकर बीमा चालू कराने का दावा करते। लोगों को झांसे में लेने के लिए उन्हें 50 फीसदी रकम तुरंत वापस दिलाने का वादा भी करते। बीमा की रकम ज्यादा होने पर कमीशन बढ़ा भी देते थे। ऐसा करके वह लोगों को झांसे मे लेते थे और उन्हें कम से कम 1 लाख रुपये तक ठग लेते थे।
Zero Tolerance Against Fraudsters -
— UP POLICE (@Uppolice) September 27, 2024
लैप्स पॉलिसी का डाटा रिन्यूवल कराने के नाम पर ठगी करने वाले 06 अभियुक्तों को @agrapolice द्वारा गिरफ्तार कर उनके कब्जे से ₹04 लाख नकद, 01 चार पहिया वाहन व 10 मोबाइल फोन बरामद किए गए हैं।
किसी अनजान से खाते की व्यक्तिगत जानकारी साझा न करें।… pic.twitter.com/k8McR804UV
दरोगा को लगाया 90 लाख का चूना
आरोपियों ने अब तक सैंकड़ों लोगों को इस तरह अपने झांसे में लेकर ठगी का शिकार बनाया है। अब तक उन्होंने लोगों से करीब 5 करोड़ की ठगी की है। मामले का खुलासा करते हुए एसीपी ने बताया कि पंजाब में एक रिटायर दरोगा से इन लोगों ने 90 लाख रुपये की ठगी की है। आरोपियों ने ठगी के पैसे से कई संपत्तियां भी खरीदी हैं। वहीं कुछ आरोपियों पर काफी कर्ज था, उन्होंने अपनी कर्ज की रकम चुका दी है।
गरीबों के खाते में ट्रांसफर करते थे रकम
जिन लोगों के पुलिस ने पकड़ा है, उनसे से दो के जन सुविधा केंद्र हैं। वह लोगों को झांसे में लेने के बाद रकम को ऑनलाइन दूसरों के खाते में ट्रांसफर कराते थे। ये खाते उन गरीबों के होते थे, जो जन सुविधा केंद्र में आते थे। आरोपियो ने बताया कि नोएडा में फर्जी आईडी पर सिम कार्ड आसानी से मिल जाता है। इन्हीं सिम कार्ड का इस्तेमाल पर ठगी के लिए करते थे। बैंक खाते और बीमा धारकों की जानकारी भी उन्हें आसानी से मिल जाती थी।
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