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Agra News : गरीब के चेहरे पर लौटी मुस्कान, दिवाली पर 4.5 लाख रुपये खोने से टूट गया था पीड़ित...
Oct 30, 2024 11:48
Oct 30, 2024 11:48
ये है पूरा मामला
पुलिस ने इस प्रकरण में बगैर देरी किए टीमों को गठित कर 4:50 लाख रुपयों की तलाश में पुलिसकर्मियों को लगा दिया। एसीपी लोहा मंडी मयंक तिवारी ने बताया कि बड़ा जगदीशपुर के रहने वाले विजय कुमार लोहे की चेन बनाने के कारखाने में काम करते हैं। उनके तीन बेटे हैं। पीड़ित ने पुलिस को बताया कि एक दिन पहले उसने गांव में अंगूठी एवं बिचपुरी में स्थिति अपनी जमीन को बेचा था। जिससे उन्हें 4:50 लाख रुपये प्राप्त हुए थे। पैसों से उन्हें अपने सभी बच्चों के अलग-अलग कमरे बनवाने थे। इतनी मोटी रकम कहीं चोरी ना हो जाए, बच्चों ने उन पैसों को जयपुर हाउस स्थित बैंक में जमा करने के लिए कहा था। पीड़ित विजय कुमार सोमवार को करीब 4 बजे पैसों को पॉलीथिन में लपेटकर बैंक जा रहे थे। इसी दरमियान लोहामंडी चौराहे के पास जेब में रखी पॉलिथीन किसी तरह गिर गई।
सदमे में था परिवार
इतने बड़े त्यौहार और भीड़भाड़ में जिंदगीभर की कमाई खोने से पीड़ित के पैरों तले जमीन खिसक गई। पूरा परिवार इन पैसों के खोने के चलते सदमे में आ गया। विजय कुमार और उनकी पत्नी अपने स्तर पर पैसों को खोजते रहे, लेकिन उन्हें निराशा ही मिली। जब हर जगह निराशा हाथ लगी तो वह मंगलवार को सुबह लोहा मंडी थाना पहुंचे और एसीपी मयंक तिवारी को अपनी पीड़ा के बारे में जानकारी दी। एसीपी मयंक तिवारी ने बगैर देरी किए एसएचओ रोहित कुमार, दरोगा पतंजलि कुमार, अर्पित कुमार बीट पुलिस अधिकारी विशाल और निर्दोष की टीम बनाकर सीसीटीवी कैमरे चेक कराने के साथ पूरे मामले के पटाक्षेप करने के निर्देश दिए।
रंग लाई एसीपी की सक्रियता
एसीपी मयंक तिवारी ने मामले का खुलासा करते हुए बताया कि पूरे प्रकरण का खुलासा करने के लिए 40 से अधिक सीसीटीवी फुटेज चेक कराए गए थे। इसमें नौबस्ता चौराहे के पास पॉलिथीन उठाते हुए 8 से 10 साल के दो बच्चे दिखाई दिए। सीसीटीवी फुटेज की मदद से पुलिस दोनों बच्चों मोहम्मद इकबाल और इमरान के घर पहुंच गई। मोहम्मद इकबाल कारवान गली में रहता है, जबकि इमरान बिल्लोचपुरा में रहता है। पुलिस ने दोनों ही बच्चों से बातचीत की। बच्चों के परिजनों ने बताया कि बच्चों द्वारा लाई गई इतनी मोटी रकम को देखकर वह भयभीत हो गए थे। दोनों के परिजनों ने रुपयों से भरी पॉलिथीन पुलिस को सौंप दी। एसीपी मयंक तिवारी और थाना प्रभारी लोहा मंडी ने पीड़ित को रुपये सौंप दिए।
तीसरी आंख ने बताया रास्ता
बताते चलें कि यह पहला अवसर नहीं है, जब तीसरी आंख से किसी केस को पुलिस ने सुलझाया हो। दर्जनों ऐसी क्राइम मिस्ट्री है, जिनको सॉल्व करने में तीसरी आंख का अहम रोल रहा है। आज एक गरीब की जिंदगीभर की गाढ़ी कमाई को भी इस तीसरी नजर ने बचा लिया। इसमें एसीपी मयंक की सक्रियता को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता।
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