Uttar Pradesh Times Exclusive : खुलेआम रिश्वत ले रहा आगरा रेलवे डिवीजन का सेक्शन इंजीनियर, पीड़ित ने लगाए गंभीर आरोप

खुलेआम रिश्वत ले रहा आगरा रेलवे डिवीजन का सेक्शन इंजीनियर, पीड़ित ने लगाए गंभीर आरोप
UP Times | खुलेआम रिश्वत ले रहा आगरा रेलवे डिवीजन का सेक्शन इंजीनियर

Jan 05, 2024 18:09

आगरा रेल डिवीजन के सेक्शन इंजीनियर द्वारा रिश्वत लेने का मामला सामने आया है। अधिकारी ने पीड़ित से उसकी दुकान पर लगी सील हटवाने के नाम पर 25 हजार रुपये ले लिए। इसका वीडियो उत्तर प्रदेश टाइम्स के पास भी मौजूद है।

Jan 05, 2024 18:09

Short Highlights
  • आगरा रेलवे डिवीजन के सेक्शन इंजीनियर ने ली रिश्वत
  • 25 हजार रुपये लेते कैमरे पर कैद हुआ इंजीनियर
  • उत्तर प्रदेश टाइम्स के पास मौजूद है एक्सक्लूजिव वीडियो
Agra News (प्रदीप कुमार रावत): रेल में सफर करने के दौरान बर्थ देने के लिए टीटीई द्वारा सुविधा शुल्क के नाम पर रिश्वत ले लेना अब एक आम बात हो गई है। लेकिन यह स्थिति केवल टीटीई तक ही सीमित नहीं है। रेलवे के अन्य अधिकारी भी किस तरह गरीबों की मजबूरी का फायदा उठाते हैं, इसकी एक बानगी आपको दिखाते हैं। मामला आगरा रेल डिवीजन का है, जहां एक सेक्शन इंजीनियर ने एक गरीब की दुकान पर लगी रेलवे की सील हटवाने के नाम पर 25 हजार रुपये वसूल लिए।

जानिए क्या है पूरा मामला
दरअसल आगरा के बेलनगंज स्थित रेलवे ट्रैक के नीचे कई दुकान हैं जो रेलवे की परिधि में आती हैं। 1980 में रेलवे द्वारा हरचरण लाल नामक व्यक्ति को बेलनगंज में आर्च 31 आवंटित हुआ था। वह इसी दुकान से अपने परिवार का भरण पोषण कर रहे थे। इस बीच उसके भाई राजेंद्र ने आगरा मंडल कार्यालय में एक पत्र देकर अवगत कराया कि उसका भाई हरचरण लाल लापता हो गया है, जो बेलनगंज में 31 नंबर आर्च का किराएदार है। उसने अधिकारियों को भेजे पत्र में कहा कि परिवार में यह तय हुआ था कि यह दुकान समझौते के तहत मुझे (राजेंद्र कुमार) दे दी जाएगी। हालांकि यह दुकान राजेंद्र कुमार को तो मिली नहीं, लेकिन आगरा रेल डिवीजन कार्यालय द्वारा इस दुकान पर सील लगा दी गई। सील लगने के बाद पीड़ित हरचरण लाल आगरा रेल डिवीजन कार्यालय पहुंचा, जहां उसने अधिकारियों से इस बाबत जानकारी मांगी। इस पर रेलवे ने कहा कि उसके भाई द्वारा लापता होने की जानकारी दी गई थी।

7 साल से रेल कार्यालय के चक्कर लगा रहा पीड़ित
पीड़ित हरचरण लाल की 2016 से दुकान बंद है। वह अपनी दुकान वापस पाने के लिए लगातार आगरा मंडल कार्यालय का चक्कर लगा रहा है। पीड़ित का कहना है कि मेरे भाई राजेंद्र की फर्जी सूचना पर इन्होंने दुकान पर सील तो लगा दी, लेकिन मैं लगातार पिछले 6-7 सालों से डीआरएम कार्यालय के चक्कर लगा रहा हूं, फिर भी मेरी दुकान की सील नहीं खोली जा रही है।

रिश्वत लेते सेक्शन इंजीनियर का वीडियो मौजूद
पीड़ित हरचरण लाल के बेटे विकास गुप्ता ने आगरा रेल मंडल में कार्यरत सेक्शन इंजीनियर गिरिराज शरण पर भ्रष्टाचार के गंभीर आरोप लगाए हैं। विकास गुप्ता का कहना है कि गिरिराज शरण ने दुकान से सील हटवाने के एवज में 25 हजार रुपये मांगे। विकास गुप्ता और उसके पिता हरचरण लाल ने खुद 25 हजार रुपये सेक्शन इंजीनियर के हाख में दिए जिसका वीडियो उत्तर प्रदेश टाइम्स के पास भी मौजूद है।ट

आगरा रेल डिवीजन के PRO ने दिया जांच का आश्वासन
आगरा रेल मंडल का यह कोई पहला मामला नहीं है, जब रिश्वत लेने की बात सामने आई हो। यहां कई बार विजिलेंस की छापेमार कार्रवाई होती रही है। बावजूद इसके अधिकारी इतने लालची हैं कि रेलवे की साख और अपनी नौकरी की परवाह नहीं करते। इस संबंध में जब आगरा रेल डिवीजन की जनसंपर्क अधिकारी प्रशस्ति श्रीवास्तव से बात की गई तो उन्होंने कहा कि अगर ऐसा कोई मामला है तो निश्चित कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने कहा कि पीड़ित को न्याय तो दिया ही जाएगा, साथ ही संबंधित अधिकारी के खिलाफ विभागीय कार्रवाई भी की जाएगी। हालांकि पीआरओ ने कहा कि फिलहान सेक्शन इंजीनियर द्वारा रिश्वत लेने की कोई शिकायत नहीं आई है। उन्होंने उच्च अधिकारियों से मामले से अवगत कराने की भी बात कही है।

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