आगरा में शिकायतकर्ता द्वारा पेश की गई भूमि कब्जे से संबंधित शिकायत में अधिकारियों की लापरवाही का मामला सामने आया है। न्यू आगरा के प्रभारी निरीक्षक पर एक्शन ने तूल पकड़ लिया है...
थाना प्रभारी पर एक्शन ने तूल पकड़ा : कमिश्नर ने दी प्रतिकूल प्रविष्टि, जानकार बोले- जिसे अधिकार नहीं, वो कैसे कर सकता है कार्रवाई
Nov 14, 2024 21:45
Nov 14, 2024 21:45
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यह है पूरा मामला
बता दें कि शिकायतकर्ता सुंदर सिंह निषाद ने अपनी शिकायत में आगरा के राजकीय सीलिंग भूमि पर कब्जे का आरोप लगाया गया था। उन्होंने बताया था कि बी.एन. गुप्ता ने मौजा जगनपुर मुस्तकिल के खसरा संख्या 131 और 122 पर अवैध कब्जा किया है, जिसे हटाने के लिए प्रशासन से मदद की मांग की गई थी। शिकायत के बाद, 6 अगस्त 2024 को प्रशासन और नगर निगम से संयुक्त आख्या प्राप्त हुई, जिसमें मामले पर कार्रवाई करने का आश्वासन दिया गया था।
शिकायतकर्ता ने लगाया आरोप
इसके बाद, शिकायतकर्ता ने आरोप लगाया कि अतुल गुप्ता द्वारा उनकी शिकायत पर दबाव बनाने के लिए उनके खिलाफ थाना न्यू आगरा में धारा 384 और 506 भा.द.वि. के तहत मामला दर्ज कराया गया। शिकायतकर्ता ने यह आरोप भी लगाया कि इस मामले में उच्चाधिकारियों से उचित कार्रवाई नहीं की जा रही थी। इसके लिए 26 अक्टूबर 2024 को एक बैठक का आयोजन किया गया, जिसमें अपर जिलाधिकारी (प्रशासन) और थाना न्यू आगरा के प्रभारी निरीक्षक को उपस्थित होने का निर्देश दिया गया था। निर्धारित समय पर शिकायतकर्ता और अपर जिलाधिकारी उपस्थित हुए, लेकिन संबंधित अधिकारी बिना पूर्व सूचना के अनुपस्थित रहे। इस पर प्रशासन ने अधिकारियों की लापरवाही को गंभीरता से लिया और कड़ी कार्रवाई की।
प्रतिकूल प्रविष्टि पर उठे सवाल
वहीं इस मामले में कमिश्नर आयुक्त ऋतु माहेश्वरी द्वारा प्रतिकूल प्रविष्टि दी गई है। जिसको लेकर सवाल उठाए जा रहे हैं। जानकारों का कहना है कि पुलिस रेगुलेशन यह स्पष्ट प्रावधान है कि जो भी पत्राचार होता है वह पुलिस अधीक्षक के माध्यम से ही होगा। आगरा में पुलिस आयुक्त मौजूद है, इसलिए सीधा पत्राचार नहीं हो सकता। यह एक अवैधानिक है।
यूपी के पूर्व डीजीपी ने क्या कहा
यूपी के पूर्व डीजीपी विक्रम सिंह का कहना है कि पुलिस रेगुलेशन में यह स्पष्ट प्रावधान है कि जो भी पत्राचार होता है वह पुलिस अधीक्षक के माध्यम से ही होगा। वर्तमान में आगरा में पुलिस आयुक्त हैं इसलिए सीधा पत्राचार का औचित्य ही नहीं है। यह एक अवैधानिक आदेश है। अत: औचित्यपूर्ण यह होगा कि थाना अध्यक्ष न्यू आगरा को इसको वापस कर देना चाहिए और निवेदन करना चाहिए जैसा कि पहले होता था कृपया आदेश पुलिस आयुक्त के माध्यम से प्रेषित किया जाए और उसकी प्रतिलिपि पुलिस आयुक्त को दिया जाए। कानून और पुलिस रेगुलेशन के जानकारी के अभाव में इस प्रकार के त्रुटिपूर्ण आदेश हो जाते हैं।
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