उत्तर प्रदेश के प्रमुख शहर आगरा में सरकारी महकमों में काम करने वाले कर्मचारियों और अधिकारियों को घूसखोरी की आदत ने जकड़ लिया है। ताज नगरी में जहां नगर निगम निरीक्षक खुलेआम रिश्वत...
आगरा में पकड़ा गया घूसखोर बाबू : मृतक आश्रित को नौकरी के लिए 5 लाख की डील, एंटी करप्शन टीम ने दबोचा
Mar 08, 2024 17:55
Mar 08, 2024 17:55
क्या है पूरा मामला
बताया जा रहा है कि शास्त्रीपुरम के रहने वाले अश्विन कुमार के पिता शिक्षक थें उनकी मृत्यु हो चुकी है। चार साल बाद अश्विन ने शिक्षा विभाग में मृतक आश्रित कोटे में नौकरी के लिए आवेदन किया था। तमाम कवायदों एवं प्रयास के बावजूद उसकी नौकरी नहीं लग पा रही थी। कुछ समय पहले वो डीआईओएस दफ्तर गया था। तब उसे शिक्षा विभाग का बाबू राम प्रकाश मिला था। आरोप है कि राम प्रकाश ने कहा कि साहब से बात हो गई है, नौकरी लग जाएगी, उसके लिए पांच लाख रुपये देने होंगे।
इससे पहले भी पकड़े गए हैं घूसखोर
मृतक आश्रित कोटे में नौकरी दिलवाने के नाम पर आरोपी ने बृहस्पतिवार को पीड़ित को रकम के साथ लॉयर्स कॉलोनी बुलाया था। इस दौरान भ्रष्टाचार निवारण संगठन की टीम ने घेराबंदी कर ली। आरोपी को रिश्वत लेते ही गिरफ्तार कर लिया। मामले में थाना सिकंदरा में मुकदमा दर्ज किया गया है। अब इस मामले में बाबू राम प्रकाश से एंटी करप्शन ब्यूरो की टीम कड़ाई के साथ पूछताछ करने में जुटी है। बताते चलें कि आगरा में यह कोई पहला मामला नहीं है, जब किसी सरकारी कर्मचारियों को रंगे हाथों रिश्वत लेते हुए दबोचा गया हो। आगरा में रिश्वत लेने के मामलों में बेतहाशा बढ़ोत्तरी देखने को मिल रही है। सरकारी कर्मचारी और अधिकारियों को उत्तर प्रदेश सरकार की जीरो टॉलरेंस नीति एवं एंटी करप्शन ब्यूरो का कोई खौफ नहीं है। यही कारण है कि पिछले कुछ समय से आगरा के सरकारी कर्मचारी रिश्वत लेते हुए दबोचे जा रहे हैं।
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