अंडरवर्ल्ड डॉन दाऊद इब्राहिम की मुंबई स्थित एक प्रॉपर्टी को फिरोजाबाद के कारोबारी हेमंत जैन ने 2001 में आयकर विभाग की नीलामी में खरीदी थी...
फिरोजाबाद के हेमंत ने खरीदी डॉन दाऊद इब्राहिम की दुकान : 23 साल बाद मिली रजिस्ट्री, कब्जे के लिए संघर्ष जारी
Jan 01, 2025 18:39
Jan 01, 2025 18:39
इतने में खरीदी थी दुकान
दरअसल, हेमंत जैन ने 2001 में आयकर विभाग द्वारा आयोजित नीलामी में इस दुकान को दो लाख रुपये में खरीदी थी। इसके लिए उन्होंने 20 सितंबर 2001 को एक लाख रुपये और 28 सितंबर 2001 को एक लाख रुपये जमा किए थे। लेकिन खरीदारी के बावजूद उन्हें दुकान पर कब्जा नहीं मिला। उन्होंने आयकर विभाग के अधिकारियों से बार-बार आग्रह किया, लेकिन मामला ठंडे बस्ते में चला गया। इसके बाद हेमंत जैन ने प्रधानमंत्री कार्यालय और उच्च अधिकारियों को कई पत्र लिखे, जिनका समय-समय पर जवाब भी मिलता रहा, लेकिन रजिस्ट्री का मामला सुलझा नहीं पाया।
इस कारण रजिस्ट्री में हुई देरी
हेमंत जैन का कहना है कि दुकान की रजिस्ट्री न होने का मुख्य कारण आयकर विभाग के पास से मूल पत्रावली का गायब हो जाना था। इसके बाद विभाग ने उसकी खोज शुरू की और हेमंत जैन ने प्रधानमंत्री कार्यालय और अन्य उच्च अधिकारियों को कई पत्र लिखे। इसके साथ ही उन्होंने मुंबई में एक न्यायालय में मुकदमा दायर किया। उनका कहना था कि जब उन्होंने संपत्ति नीलामी में खरीदी है तो उसकी रजिस्ट्री उनके नाम पर होनी चाहिए। न्यायालय के निर्देश पर दिसंबर 2024 में सभी आवश्यक शुल्क और स्टांप ड्यूटी का भुगतान करने के बाद रजिस्ट्री पूरी हुई।
क्यों खरीदी दाऊद की जमीन
हेमंत जैन की ओर से दाऊद इब्राहिम की संपत्ति को खरीदने का मुख्य उद्देश्य दाऊद के वर्चस्व को खत्म करना था, हालांकि उनके पास मुंबई में कोई व्यापारिक संपत्ति नहीं थी। उन्होंने एक अखबार में यह खबर पढ़ी थी कि दाऊद की संपत्तियां बिक रही हैं और कोई खरीदार नहीं मिल रहा है। इसके बाद उन्होंने फिरोजाबाद से मुंबई जाकर आयकर विभाग से संपर्क किया और नीलामी में भाग लिया। अब, 23 साल बाद रजिस्ट्री के बाद भी, वह अपनी खरीदी हुई दुकान पर कब्जा लेने के लिए संघर्ष कर रहे हैं।
दुकान पर दाऊद के गुर्गों का कब्जा
हेमंत जैन ने बताया कि अब भी दुकान में अन्य लोगों का कब्जा है, जो सालों से वहां कारोबार चला रहे हैं। उनका आरोप है कि दुकान पर कब्जा करने वाले लोग दाऊद के गुर्गे हैं, जो किसी मशीन का उपयोग करके व्यापार कर रहे हैं। हेमंत जैन का कहना है कि उन्होंने बार-बार पुलिस और प्रशासन से इस कब्जे को हटाने के लिए सहायता मांगी है, लेकिन अभी तक कोई कार्रवाई नहीं की गई है। उनका कहना है कि इस संपत्ति को खरीदकर उन्होंने दाऊद इब्राहिम के प्रभाव को खत्म करने की कोशिश की थी।
आयकर विभाग से लगाई गुहार
अब हेमंत जैन पुलिस और आयकर विभाग से मांग कर रहे हैं कि उन्हें इस संपत्ति पर असली कब्जा दिलाया जाए। 23 साल के संघर्ष के बाद, रजिस्ट्री तो पूरी हो गई है, लेकिन दुकान पर कब्जा पाने की समस्या अभी भी बरकरार है। हेमंत जैन का कहना है कि इस मामले में उनके द्वारा उठाए गए कदम और संघर्ष की वजह से उन्हें उम्मीद है कि अब वे जल्दी ही अपनी संपत्ति का वास्तविक अधिकार हासिल कर सकेंगे।
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