आगरा सहित पूरे उत्तर भारत में कड़ाके की ठंड और घने कोहरे का असर परिवहन पर दिखने लगा है। रेलवे में कोहरे से ट्रेनों की रफ्तार धीमी हो गई है और ट्रैक फ्रैक्चर की निगरानी हेतु कर्मचारियों की तैनाती रात में की जा रही है।
Agra News : आगरा सहित पूरे उत्तर भारत में कड़ाके की ठंड के साथ कोहरा भी बढ़ता दिखाई दे रहा है। सर्दी शुरू होने के साथ ही रेलवे एवं परिवहन विभाग के परिचालन पर इसका प्रभाव पड़ता हुआ दिखाई दे रहा है। रेलवे में जहां कोहरे के चलते ट्रेनों की रफ़्तार पर ब्रेक लगा है तो वहीं ट्रेक के होने वाले फ्रैक्चर को देखते हुए कर्मचारियों की रात में तैनाती की गई है। उधर, यूपी रोडवेज ने भी बढ़ती सर्दी के बाद अपनी बसों को चुस्त और दुरुस्त करना शुरू कर दिया है। बसों की टूटी, चटकी एवं शीशा रहित खिड़कियों को दुरुस्त कराने के दिशा निर्देश क्षेत्रीय प्रबंधक में अधीनस्थों को दिए हैं।
सुरक्षा के लिहाज से रेल डिवीजन में रेलवे ट्रैक की गस्त बढ़ाई
आगरा रेल डिवीज़न में सर्दी का सितम दिखाई देने लगा है, बढ़ती सर्दी के चलते रेलवे भी अपने यात्रियों की सुरक्षा दृष्टिगत कई कवायदें करता हुआ दिखाई दे रहा है। यात्री ट्रेनों एवं मालगाड़ियों की सुरक्षा के लिहाज से रेल डिवीजन में रेलवे ट्रैक की सुरक्षा के लिए गस्त बढ़ा दी गई है, रेलवे ट्रैक की निगरानी के लिए पेट्रोलिंग को बढ़ाया गया है। पेट्रोलिंग में ऐसे कर्मचारियों को तैनात किया गया है जो डेडीकेशन के साथ अपने कार्य को शत प्रतिशत पूरा करें, क्योंकि अगर किसी कर्मचारी ने छोटी सी भी लापरवाही बरती तो अंजाम गंभीर हो सकता है। इसलिए रेलवे ने ऐसे कर्मचारियों को चुना है जो कर्तव्य निष्ठा के साथ अपनी ड्यूटी को निभाते हों।
15 नवंबर से 15 फरवरी तक विंटर रिलेटेड नाइट पेट्रोलिंग की जा रही
सर्दियों में होने वाले रेल हादसों एवं सुरक्षा को लेकर जब यूपी टाइम्स ने पीआरओ प्रशस्ति श्रीवास्तव से बात की तो उन्होंने बताया कि आगरा रेल डिवीजन द्वारा सर्दियों में होने वाले फ्रैक्चर से होने वाले हादसों के मद्देनज़र 15 नवंबर से लेकर 15 फरवरी तक विंटर रिलेटेड नाइट पेट्रोलिंग की जा रही है। रात 11:00 से लेकर सुबह 7:00 तक लगातार करीब 150 कर्मचारियों को नाईट पेट्रोलिंग की जिम्मेदारी दी गई है। उन्होंने बताया कि इस विशेष पेट्रोलिंग में कर्मचारी दो-दो किलोमीटर पर रेलवे ट्रैक पर होने वाले फ्रैक्चर या किसी डिफेक्ट को रिपोर्ट करते हैं और उसे फिर दुरुस्त किया जाता है। पीआरओ प्रशस्ति श्रीवास्तव ने बताया कि अगर कहीं रेलवे ट्रैक पर कोई क्रैक या डेमेज मिलता है तो उसको सही करने के लिए 30 मिनट से लेकर एक घंटे तक का उस ट्रैक पर होल्ट लिया जाता है और उसे दुरुस्त किया जाता है।
अभी बसों का स्थगन शुरू नहीं किया गया
आगरा क्षेत्र में जिस तरीके का फाग दिखाई देता है अभी उसे लिहाज से आगरा रेल डिवीजन में कोहरा नहीं दिखाई दे रहा।
घने कोहरे को लेकर प्रशस्ति श्रीवास्तव ने बताया कि आगरा क्षेत्र में जिस तरीके का फाग दिखाई देता है अभी उसे लिहाज से आगरा रेल डिवीजन में कोहरा नहीं दिखाई दे रहा। अभी डिवीज़न में ट्रेनों की पंक्चुअलिटी करीब 90% है। उधर, ट्रेनों के बाद सबसे बड़ा आवागमन का माध्यम रोडवेज है, ट्रेनों के बाद सबसे अधिक भरोसा रोडवेज बसों पर जताया जाता है। यात्री प्राइवेट बसों की अपेक्षा सरकारी बसों में सफर करना पसंद करते हैं। इसी के मद्देनज़र सर्दी एवं कोहरे को लेकर उत्तर प्रदेश परिवहन विभाग ने भी कमर कस ली है। आरएम बीपी अग्रवाल ने बताया कि अभी बसों का स्थगन शुरू नहीं किया गया है, अभी सर्दियों के चलते यात्री भी बसों में कम यात्रा करते हुए दिखाई दे रहे हैं। कोहरा बढ़ने के चलते रात्रि बस सेवा में कमी लाई जाएगी। इसके साथ ही रात में चलते वाली बसों का स्थगन कर उन बसों को दिन में संचालित किया जाएगा।
लोगों को सर्दी से बचाने के विशेष इंतजाम किए गए हैं
क्षेत्रीय प्रबंधक बीपी अग्रवाल ने यूपी टाइम्स को बताया कि रोडवेज की बसों में यात्रा करने वाले लोगों को सर्दी से बचाने के विशेष इंतजाम किए गए हैं। जहां फाग के मद्देनज़र सभी बसों पर आगे - पीछे बड़े आकार के रिफ्लेक्टिंग साइनेज लगाए जा रहे हैं, जिससे सड़क पर यह पहचान हो सके कि वाहन चल रहा है। तो वहीं खिड़कियों के दरवाजे को चाक चौबंद कराया जा रहा है। आगरा पर क्षेत्र की सभी बसों में शीशे दुरुस्त कराए जा रहे हैं, जिससे बसों के चलते समय यात्रियों को हवा ना लगे। यही नहीं बैक लाइट, इंडिकेटर आदि को भी दुरुस्त कराने के दिशा निर्देश दिए गए हैं।