दिल्ली एनसीआर समेत समूचा उत्तर भारत प्रदूषण से जूझ रहा है, लेकिन आगरा मेट्रो इस समस्या को हल करने की दिशा में काम कर रही है। हालांकि, मेट्रो निर्माण के दौरान धूल के कारण प्रदूषण में वृद्धि हो रही है, फिर भी यूपीएमआरसी इस पर प्रभावी नियंत्रण बनाए हुए है।
प्रदूषण नियंत्रण के लिए प्रभावी कदम : निर्माण स्थलों से धूल हटाने को आगरा मेट्रो कर रही एंटी स्मॉग गन व वॉटर टैंकर का प्रयोग
Nov 21, 2024 13:45
Nov 21, 2024 13:45
कई उन्नत तकनीकों का भी इस्तेमाल किया जा रहा
आगरा मेट्रो परियोजना के तहत पर्यावरण संरक्षण के लिए कई उन्नत तकनीकों का भी इस्तेमाल किया जा रहा है, जैसे कि मेट्रो ट्रेनों में रीजेनरेटिव ब्रेकिंग प्रणाली, एचवीएसी प्रणाली और जल संरक्षण के लिए पिट्स की व्यवस्था। इन प्रयासों से प्रदूषण पर नियंत्रण पाया जा रहा है और शहर की वायु गुणवत्ता में सुधार हो रहा है। यूपीएमआरसी के प्रबंध निदेशक सुशील कुमार ने भी कहा कि मेट्रो सार्वजनिक परिवहन के अन्य साधनों की तुलना में पर्यावरण के लिए सबसे उपयुक्त है, क्योंकि यह शून्य कार्बन उत्सर्जन के साथ कार्य करती है।
आगरा में प्रदूषण के स्तर और वायु गुणवत्ता में और भी सुधार होगा
इन सभी कदमों से उम्मीद जताई जा रही है कि आगरा में प्रदूषण का स्तर और वायु गुणवत्ता में भविष्य में और भी सुधार होगा। उत्तर प्रदेश मेट्रो रेल कॉर्पोरेशन लिमिटेड (यूपीएमआरसी) के प्रबंध निदेशक सुशील कुमार ने कहा कि, ‘अन्य सार्वजनिक परिवहन के साधनों की तुलना में मेट्रो पर्यावरण की सबसे अच्छी मित्र है क्योंकि मेट्रो प्रणाली ज़ीरो कार्बन एमिशन के साथ संचालित होती है।
ब्रेकिंग के माध्यम से ऊर्जा सृजित एवं संरक्षित करने के लिए मेट्रो ट्रेनों एवं लिफ़्ट्स में रीजेनरेटिव ब्रेकिंग प्रणाली का प्रयोग, मेट्रो ट्रेनों में एयर कंडीशनिंग सिस्टम को नियंत्रित करने के लिए एचवीएसी प्रणाली का प्रयोग, जल संरक्षण के लिए वायडक्ट के नीचे पिट्स की व्यवस्था तथा संपूर्ण मेट्रो सिस्टम में 100 प्रतिशत एलईडी लाइटिंग आदि कदम, पर्यावरण संरक्षण की दिशा में मेट्रो के प्रयासों के कुछ उत्कृष्ट उदाहरण हैं। हम भविष्य में भी इसी प्रतिबद्धता के साथ पर्यावरण के प्रति अपने दायित्व का निर्वहन करते रहेंगे।
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