आगरा और आसपास की जनपदों में किसी समय गौरैया चिड़िया की एक अच्छी खासी संख्या थी, लेकिन आज गौरैया पक्षी अपनी प्रजाति को बचाने के लिए जूझ रहा...
Agra News : पक्षियों की घटती संख्या पर पर्यावरणविदों का मंथन, गौरैया को बचाने की अपील
Nov 10, 2024 21:00
Nov 10, 2024 21:00
आगरा में पर्यावरणविदों की गोष्ठी
गोष्ठी में पर्यावरणीय संकट और बढ़ते कंक्रीटीकरण, टाइल्स, मल्टी स्टोरीड भवनों और मोबाइल टावरों की बढ़ती संख्या के कारण पक्षियों के जीवन पर पड़ रहे प्रतिकूल प्रभावों पर आक्रोश और चिंता जताई गई। लोक स्वर के अध्यक्ष राजीव गुप्ता ने गौरैया पक्षी की घटती संख्या पर गहरी चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि मानव व्यवहार अब स्वार्थी और नृशंस हो चुका है, जिसके परिणामस्वरूप पक्षियों के लिए जीवन कठिन हो गया है। उन्होंने कहा कि आगरा शहर में अनियोजित विकास के कारण इस स्थिति का सामना करना पड़ रहा है।
गौरैया की घटती संख्या पर चिंता
गोष्ठी में उपस्थित डॉ. देवाशीष भट्टाचार्य ने चेतावनी दी कि यदि संतुलित विकास नहीं हुआ, तो इसका खामियाजा सभी को भुगतना पड़ेगा। वहीं, डॉ. मुकुल पांडे ने इस बात पर प्रकाश डाला कि रिहायशी क्षेत्रों के विस्तार और झाड़ियों तथा क़रील टाइप के पेड़-पौधों के खत्म होने से पक्षियों के लिए अनुकूल वातावरण नष्ट हो गया है। उन्होंने लोगों से पक्षियों की सुरक्षा के लिए प्रयास करने की अपील की।
पक्षियों के लिए अनुकूल वातावरण की कमी
रिवर कनेक्ट कैंपेन के ब्रज खंडेलवाल ने यमुना किनारे के शोर और बंदरों के उत्पात का हवाला देते हुए बताया कि इन कारणों से न केवल गौरैया, बल्कि तोते, मैना, कौए और अन्य पक्षी भी लुप्त हो रहे हैं। उन्होंने कहा कि दस साल पहले यमुना आरती स्थल पर पक्षियों का जमावड़ा रहता था, लेकिन अब यह दृश्य पूरी तरह से बदल चुका है।
यमुना किनारे शोर और बंदरों का असर
गोष्ठी में चतुर्भुज तिवारी, शशिकांत उपाध्याय, शाहतोश गौतम, निधि पाठक, पद्मिनी अय्यर, समर्थ गुप्ता, उपदेश कुमार, राकेश गुप्ता, दीपक जैन, और गोस्वामी नंदन श्रोत्रिय ने भी अपने विचार व्यक्त किए। सभी ने मिलकर पक्षियों को संरक्षित करने के लिए कदम उठाने की आवश्यकता पर जोर दिया।
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