आगरा पुलिस-प्रशासन के आला अधिकारियों की उस समय सांसें फूल गईं जब उन्हें जानकारी हुई कि एत्मादपुर तहसील के ग्राम रायपुर में किसान और महिलाएं अपनी समस्याओं को लेकर यमुना नदी में उतर गए हैं और उन्होंने जल समाधि की ठान ली है।
Agra News : जल समाधि लेने यमुना में उतरे किसान बोले-'खटखटा चुके हर दरवाजा नहीं मिला मुआवजा'
Feb 16, 2024 19:10
Feb 16, 2024 19:10
जब तक नहीं मिलेगा मुआवजा तब तक...
बताते चलें कि 2009 में आगरा विकास प्राधिकरण ने एत्मादपुर तहसील अंतर्गत रायपुर व रहनकला क्षेत्र के किसानों की बिना सहमति के नाम हटा दिए गए थे। मगर अभी तक किसानों को कोई मुआवजा नहीं दिया गया है। इसी समस्या को लेकर किसान व महिलाएं लगातार आन्दोलन कर रहे हैं। आज किसानों का एक बढ़ा जत्था यमुना नदी की तरफ हाथों में तख्तीयां लिए हुए पहुँचा, जहाँ उन्होंने आगरा विकास प्राधिकरण और आगरा प्रशासन के अधिकारियों के खिलाफ रोष व्यक्त करते हुए जमकर नारेबाजी की। किसानों में महिलाओं ने भी बड़ी संख्या में पहुँच कर अपना विरोध जताया। किसानों ने यमुना में पहुंच के क्षेत्र के किसानों ने अपनी मांगों को लेकर जलसमाधि की तैयारी कर ली। किसानों ने साफ शब्दों में कह दिया कि जब तक उनको अधिग्रहीत भूमि का चार गुना मुआवजा नहीं मिलेगा। तब तक प्रदर्शन चलता रहेगा।
अधिकारियों के हाथ पांव फूले
किसानों द्वारा जलसमाधि लेने की सूचना मिलते ही प्रशासनिक अधिकारियों के हाथ पांव फूल गए। घटना की जानकारी पर एत्मादपुर के रायपुर में ज्वाइंट मजिस्टेट और एसीपी मौके पर पहुंच गए। प्रशासनिक अधिकारियों द्वारा किसानों को समझाने के प्रयास किए जा रहे हैं। किसानों ने बताया कि वर्ष 2009 में विकास कार्य कराने को लेकर तहसील एत्मादपुर के मौजा रायपुर, मौजा रहनकलां में किसानों की भूमि अधिग्रहीत की गई थी। किसानों को चार गुना मुआवजा नहीं दिए जाने और जमीन भी वापस न करने पर आक्रोश है।
किसान पहुंचे तो नहीं मिलते अफसर
ग्रामीण नितेश कुमार ने बताया कि हमारी जमीन को चोरी से आगरा विकास प्राधिकरण में अपने नाम कर लिया। किसानों की अधिग्रहित जमीन की जानकारी देने की जहमत विकास प्राधिकरण और प्रशासन ने नहीं उठाई, हम पिछले 15 सालों से अपनी जमीन के मुआवजे की मांग कर रहे हैं। एक छोटे से अधिकारी से लेकर जिलाधिकारी और मंडलायुक्त के यहाँ हम दरवाजा खटखटा चुके हैं, लेकिन हमारी पुकार और हमारी मांग किसी अधिकारी ने नहीं सुनी।किसान नीतेश ने बताया कि इस दौरान किसी अधिकारी ने हमारी फाइल को आगे बढ़ने का काम किया तो उसे अधिकारी का ट्रांसफर कर दिया गया। अब तो हालात यहां हो गए हैं कि गाड़ियों को पता लग जाए कि एत्मादपुर क्षेत्र के ग्रामीण आए हैं तो कह दिया जाता है कि यहाँ पर अधिकारी नहीं हैं, यह सिलसिला 15 साल से चलता आ रहा है। किसानों का कहना था कि हमारी अनुमति के बगैर हमारी ही जमीन से खतौनी से हमारे नाम काट दिए गए हैं और हम इससे बेखबर रहे। आज हम घर से ठान कर आए हैं कि जब तक हमें अधिग्रहित जमीन का चार गुना मुआवजा नहीं मिल जाता तब तक यमुना में यूं ही खड़े रहेंगे और जल समाधि ले लेंगे।
वहीं इस संबंध में ज्वाइंट मजिस्ट्रेट का कहना है कि तहसील एत्मादपुर के मौजा रायपुर, मौजा रहनकलां में किसानों के जमीन का अधिग्रहण किया गया था उसके मुआवजा को लेकर किसान आंदोलनरत हैं, किसानों के मुआवजे को लेकर शासन विधि पूर्वक इसका निस्तारण करेगा। अभी यह मामला शासन में अंडर कंसीडरेशन है। किसानों से बातचीत का समाधान निकालने का प्रयास किया जा रहा है।
Also Read
29 Sep 2024 01:24 AM
महामंडलेश्वर हरिहरानंद जी महाराज ने कहा कि भगवान श्रीराम का जीवन चरित्र हमें अनुशासन, धर्म और पिता के लिए उनके त्याग को दर्शाता है। भगवान श्रीराम के जीवन का अनुशरण करने वाले का जीवन धन्य हो जाता है। और पढ़ें