22 साल पहले खो गया था बबलू शर्मा। जीआरपी ने गूगल मैप का इस्तेमाल कर परिवार से मिलवाया। पुलिस ने गूगल मैप और सी-प्लान ऐप का उपयोग करते हुए बबलू के गांव पता लगाया।
तकनीक के कमाल से मिला खोया लाल : 22 साल बाद पुलिस घर लेकर पहुंची तो रो पड़ी मां, गूगल मैप ने ऐसे मिलाया...
Oct 03, 2024 13:13
Oct 03, 2024 13:13
गूगल मैप की मदद से मिला गांव
जीआरपी निरीक्षक मुस्कान टीम के रिपुदमन सिंह ने बताया कि उन्होंने सी-प्लान ऐप और गूगल मैप का इस्तेमाल कर गांव का नाम ढूंढने का प्रयास किया। खोज के दौरान तीन जिलों- बिजनौर, बागपत और बुलंदशहर में धनौरा नामक गांव मिले, लेकिन किसी गांव में बबलू के परिवार के बारे में जानकारी नहीं मिली। माता-पिता के नाम भी किसी से मेल नहीं खाए। इसके बाद पुलिस ने बबलू से गहन पूछताछ की, जिसमें उसने बताया कि वह ट्रेन से दिल्ली गया था। पुलिस ने गूगल मैप और सी-प्लान ऐप का उपयोग करते हुए फिर से बबलू के गांव की तलाश शुरू की। मुस्कान टीम ने सुराग पाया कि बबलू का गांव चोला रेलवे स्टेशन के पास स्थित धनौरा नामक स्थान पर है। इसके बाद पुलिस ने वहां संपर्क किया और बबलू की तस्वीर गांव में भेजी गई। जब तस्वीर गांव में पहुंची, तो परिवार ने तुरंत उसे पहचान लिया। इसके बाद, पुलिस ने बबलू के परिवार से संपर्क किया और आखिरकार उसे 22 साल बाद अपने परिवार से मिलवा दिया।
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2002 में लापता हो गया था बबलू शर्मा
22 साल पहले 2002 में बबलू शर्मा घर से लापता हो गया था। तब वह केवल 4 साल का था। मात्र 4 साल की उम्र में घर से बाहर निकलने के बाद वह फिर कभी अपने घर वापस नहीं पहुंच सका। तब से उसका परिवार उसकी तलाश में लगा रहा, लेकिन उसे कोई सुराग नहीं मिला। इधर, बबलू दिल्ली के एक बाल सुधार गृह में काम करने लगा, लेकिन उसकी इच्छा हमेशा अपने परिवार से मिलने की थी।
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मार्च 2024 प्रयास बाल गृह में काउंसलिंग
मार्च 2024 में, दिल्ली के प्रयास बाल गृह में पुलिस बच्चों की काउंसलिंग कर रही थी। इसी दौरान, सफाई कर्मचारी बबलू शर्मा ने पुलिस से संपर्क किया और अपने खोए हुए परिवार के बारे में जानकारी दी। बबलू ने पुलिस को बताया कि वह जून 2002 में घर से निकला था और तब से अपने परिवार से बिछड़ा हुआ है। उसने अपने पिता का नाम सुखदेव और मां का नाम अंगूरी देवी बताया। साथ ही, उसने गांव का नाम धनौरा बताया, लेकिन उसे जिले का सही पता याद नहीं था।
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