बहुजन समाज पार्टी (BSP) की प्रमुख मायावती ने सिलसिलेवार ट्वीट्स के जरिए राज्य सरकार पर तीखा हमला बोला। उन्होंने राज्य सरकार पर नारायण हरि साकार उर्फ भोले बाबा को संरक्षण देने का आरोप लगाया और कहा कि...
हाथरस सत्संग भगदड़ कांड : मायावती ने सिलसिलेवार किए कई ट्वीट, सरकार पर लगाया संरक्षण देने का आरोप
Oct 03, 2024 11:25
Oct 03, 2024 11:25
मायावती ने राज्य सरकार पर बोला हमला
बहुजन समाज पार्टी (BSP) की प्रमुख मायावती ने सिलसिलेवार ट्वीट्स के जरिए राज्य सरकार पर तीखा हमला बोला। उन्होंने राज्य सरकार पर नारायण हरि साकार उर्फ भोले बाबा को संरक्षण देने का आरोप लगाया और कहा कि सरकार इस तरह के लोगों को बचाने में लगी हुई है। मायावती ने कहा कि हाथरस में हुए सत्संग भगदड़ कांड में 121 निर्दोष लोगों की जान चली गई। जिनमें अधिकतर महिलाएं और बच्चे थे, लेकिन चार्जशीट में मुख्य आरोपी सूरजपाल सिंह उर्फ भोले बाबा का नाम शामिल नहीं किया गया है। यह स्पष्ट रूप से जनविरोधी राजनीति को दर्शाता है।
1. यूपी के हाथरस में 2 जुलाई को हुए सत्संग भगदड़ काण्ड में 121 लोगों जिनमें अधिकतर महिलाओं व बच्चों की मृत्यु के सम्बंध दाखिल चार्जशीट में सूरजपाल सिंह उर्फ भोले बाबा का नाम नहीं होना जनविरोधी राजनीति, जिससे साबित है कि ऐसे लोगों को राज्य सरकार का संरक्षण है, जो अनुचित। 1/2
— Mayawati (@Mayawati) October 3, 2024
सरकार पर गंभीर आरोप
मायावती ने सीधे तौर पर सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा कि इस तरह की घटनाएं तब तक नहीं रुक सकतीं, जब तक सरकार ऐसे लोगों को संरक्षण देना बंद नहीं करती। उनका कहना था कि अगर सरकार ने पहले से ही इस तरह के कार्यक्रमों पर नियंत्रण किया होता और सुरक्षा व्यवस्था की सही देखरेख की होती, तो यह हादसा टल सकता था।
2. मीडिया के अनुसार सिकन्दराराऊ की इस दर्दनाक घटना को लेकर 2,300 पेज की चार्जशीट में 11 सेवादारों को आरोपी बनाया गया है, किन्तु बाबा सूरजपाल के बारे में सरकार द्वारा पहले की तरह चुप्पी क्या उचित? ऐसे सरकारी रवैये से ऐसी घटनाओं को क्या आगे रोक पाना संभव? आमजन चिन्तित। 2/2
— Mayawati (@Mayawati) October 3, 2024
चार्जशीट पर मायावती की आपत्ति
मायावती ने इस चार्जशीट पर गंभीर सवाल उठाए हैं। उन्होंने कहा कि हाथरस की इस त्रासदी में 11 सेवादारों को आरोपी बनाया गया है, लेकिन जिस व्यक्ति के नेतृत्व में यह कार्यक्रम हुआ था। उस बाबा सूरजपाल का नाम क्यों नहीं शामिल किया गया? सरकार की चुप्पी क्या उचित है? इससे सरकार की मंशा पर सवाल उठता है।
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सत्संग भगदड़ घटना
हाथरस के सिकंदराराऊ इलाके में यह सत्संग कार्यक्रम हो रहा था, जिसमें हजारों की संख्या में लोग शामिल हुए थे। नारायण हरि साकार के नाम से प्रसिद्ध सूरज पाल उर्फ भोले बाबा द्वारा आयोजित इस कार्यक्रम में भीड़ अधिक हो जाने के कारण स्थिति बेकाबू हो गई। सुरक्षा प्रबंधों की कमी और भीड़ नियंत्रण में प्रशासन की असफलता के चलते भगदड़ मच गई। इस भगदड़ में 121 लोगों की जान चली गई, जबकि कई अन्य गंभीर रूप से घायल हो गए।
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राज्य प्रशासन ने मामले की जांच का आदेश दिया। जांच के तहत 2,300 पन्नों की एक विस्तृत चार्जशीट तैयार की गई, जिसमें 11 सेवादारों को आरोपी बनाया गया। लेकिन जिस व्यक्ति पर मुख्य रूप से इस कार्यक्रम की जिम्मेदारी थी, यानी बाबा सूरजपाल, उन्हें इस चार्जशीट में शामिल नहीं किया गया।
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