सूबे की राजधानी लखनऊ में आगरा के अरशद ने अपने पिता के साथ मिलकर मां और चार बहनों की हत्या कर लखनऊ से लेकर आगरा तक कोहराम मचा दिया था। लखनऊ के साथ-साथ आगरा पुलिस भी इस मामले की जांच में जुटी है। बचपन से...
Agra News : लखनऊ के सामूहिक हत्याकांड में जुड़ने लगी कड़ी, ऐसे खुल रहे पिता पुत्र के राज...
Jan 04, 2025 13:08
Jan 04, 2025 13:08
बेबुनियाद हैं अरशद के आरोप
बताते चलें कि आगरा के अरशद ने अपनी बहनों और मां की हत्या के बाद एक वीडियो बनाकर उसे वायरल किया था। उसमें उसने अपने पड़ोसियों पर गंभीर आरोप लगाए थे। यही नहीं, उसने अपने मकान को मंदिर बनाने के लिए दान में देने की बात भी कही थी। यह सब धर्म परिवर्तन की आड़ में आरोप लगाकर किया गया था। लखनऊ के साथ-साथ आगरा पुलिस ने अरशद के आरोपों की गहनता के साथ छानबीन की है। अभी तक अरशद के सभी आरोप बेबुनियाद बताए जा रहे हैं। इस्लाम नगर के लोग अरशद के बयान से इत्तेफाक नहीं रखते, लोगों का साफ तौर पर कहना है कि अरशद के सभी आरोप सफेद झूठ का पुलिंदा हैं।
बेटियों के नाम कर दी वसीयत
पुलिस तफ्तीश में सामने आया है कि हत्यारोपी मोहम्मद बदर ने अपना मकान अपनी चारों बेटियों के नाम कर दिया था। बस्ती वाले सच बोल रहे थे। बस्ती में मिली जानकारी के बाद ट्रांस यमुना थाना पुलिस तहसील एत्मादपुर गई थी। मोहम्मद बदर की वसीयत मिल गईं। माना जा रहा है कि इसी वसीयत की जानकारी के बाद बेटे अरशद ने मां और बहनों की बेरहमी से हत्या कर दी थी। यही कारण है कि सामूहिक हत्याकांड के बाद अरशद ने दूसरा रूप देने के लिए सोची समझी साजिश के तहत वीडियो बनाकर सोशल मीडिया पर वायरल कर दिया।
बेरहमी से पीटता था अरशद
पुलिस तफ्तीश में सामने आया है कि इस्लामनगर के लोगों ने कई लोगों के नाम बताए हैं, जिनके पास बदर जाया करता था। अब पुलिस उनसे संपर्क करने का प्रयास कर रही है। निरीक्षक ट्रांस यमुना भानु प्रताप सिंह ने बताया कि लखनऊ में अरशद ने अपनी मां और चार बहनों की बेरहमी से हत्या की थी। लखनऊ में जघन्य हत्याकांड के बाद से ही पुलिस इस्लाम नगर में छानबीन करने में जुटी है। पुलिस की तफ्तीश में सामने आया है कि मोहम्मद बदर खुद अपने बेटे अरशद से परेशान था, ऐसा बस्ती के लोगों का कहना है। अरशद अपने पिता को बहनों की तरह ही बुरी तरफ पीटा करता था। कई बार बेरहमी से भी पीटा था। अरशद द्वारा बेरहमी से पीटने के बाद मोहम्मद बदर ने 50 गज जमीन पर बना अपना मकान चारों बेटियों के नाम कर दिया था। तहसील में इसकी वसीयत भी करायी गई थी।
तहसील में पुराने रिकार्ड खंगाले
पुलिस की टीम तहसील एत्मादपुर पहुंची। पुराने रिकार्ड खंगाले गए। वसीयत की प्रमाणित प्रति निकलवाई गई। 24 फरवरी 2024 को मोहम्मद बदर ने वसीयत की थी। वसीयत में पड़ोसी अलीम और अपनी पत्नी आस्मा को गवाह बनाया था। वसीयत उसने अपनी बेटी रहीमीन, अल्शिफा, अक्सा और आलिया के नाम किया था। चारों बेटियों की उम्र करीब 19, 17, 14 और 08 वर्ष थी।
एक प्रति लखनऊ पुलिस को दी
इंस्पेक्टर ट्रांस यमुना भानु प्रताप सिंह ने उत्तर प्रदेश टाइम्स को बताया कि वसीयत की प्रति लखनऊ से आई पुलिस टीम को भी दी गई है। बस्ती वाले अब भी यही बोल रहे हैं कि वसीयत की जानकारी बदर के बेटे अरशद को नहीं थी। उसे इसकी जानकारी हत्याकांड से चंद दिनों पहले ही हुई थी। उम्मीद की जा रही है कि बदर के मिलने के बाद कई राज खुलेंगे।
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