घटना की रात, जगदीश का भाई रामबहादुर, उसकी पत्नी सरलादेवी, बेटी संध्या, शिखा और पौत्र ऋषि एक कमरे में सो रहे थे। मुरारी ने चुपके से घर में प्रवेश किया और कमरे को बाहर से बंद कर दिया। उसने फिर कमरे में मिट्टी का तेल छिड़का और आग लगा दी।
पांच लोगों को जिंदा जलाने वाले को फांसी होगी : जज बोले- इसने राक्षसी कृत्य किया...जीने का अधिकार नहीं
Aug 14, 2024 14:41
Aug 14, 2024 14:41
ये था मामला
18 जून, 2020 की मध्यरात्रि को घटित इस जघन्य अपराध ने पूरे इलाके को स्तब्ध कर दिया था। मामला कोतवाली थाना क्षेत्र के माधौनगर खरपरी गांव का है, जहां स्थानीय निवासी जगदीश का अपने ही गांव के मुरारी नाम के व्यक्ति से विवाद चल रहा था। इस विवाद ने एक भयानक मोड़ लिया जब मुरारी ने जगदीश के परिवार पर प्राणघातक हमला करने का निर्णय लिया।
घटना की रात, जगदीश का भाई रामबहादुर, उसकी पत्नी सरलादेवी, बेटी संध्या (उर्फ रोहिणी), शिखा और पौत्र ऋषि एक कमरे में सो रहे थे। मुरारी ने चुपके से घर में प्रवेश किया और कमरे को बाहर से बंद कर दिया। उसने फिर कमरे में मिट्टी का तेल छिड़का और आग लगा दी। जब परिवार के चीख-पुकार सुनकर गांववाले पहुंचे, तब तक मुरारी फरार हो चुका था।
इस भयानक आगजनी में ऋषि की मौत जिला अस्पताल में इलाज के दौरान हो गई, जबकि अन्य चार पीड़ितों ने सैफई मेडिकल कॉलेज में उपचार के दौरान दम तोड़ दिया। जगदीश ने तुरंत कोतवाली थाने में मुरारी के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कराई।
न्यायालय ने इन्हें दोषी ठहराया
पुलिस ने त्वरित कार्रवाई करते हुए जांच पूरी की और न्यायालय में आरोप पत्र दाखिल किया। मुकदमे की सुनवाई के दौरान, अभियोजन पक्ष ने मजबूत साक्ष्य प्रस्तुत किए। वादी, जांच अधिकारी, चिकित्सक और अन्य गवाहों ने न्यायालय में मुरारी के विरुद्ध गवाही दी। जिला सरकारी वकील (डीजीसी) की प्रभावी बहस के बाद, न्यायाधीश सुधीर कुमार ने मुरारी को दोषी ठहराया।
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