उत्तर प्रदेश में बेसिक शिक्षा विभाग में फर्जी शिक्षकों और जाली अभिलेखों के माध्यम से नौकरी हासिल करने के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं। ताजा मामला मैनपुरी से सामने आया है...
शिक्षा विभाग में फर्जीवाड़ा : 15 साल से नौकरी कर रहा शिक्षक बर्खास्त, जाली दस्तावेजों के आधार पर नियुक्ति का आरोप
Oct 01, 2024 14:40
Oct 01, 2024 14:40
6 महीने पहले शिकायत दर्ज
जानकारी के अनुसार, हिरदेश कुमार के खिलाफ 6 महीने पहले फर्जी दस्तावेजों के आधार पर नौकरी पाने की शिकायत दर्ज की गई थी। जांच में यह खुलासा हुआ कि उनका इंटरमीडिएट का अंक पत्र नकली है। बीएसए ने जांच के निष्कर्षों के आधार पर एक रिपोर्ट जिला समिति को भेजी, जिसके बाद जिलाधिकारी अंजनी कुमार सिंह ने कार्रवाई के निर्देश दिए। 28 सितंबर को जिला चयन समिति की बैठक में प्राचार्य डाइट राम मोहन शर्मा, बीएसए दीपिका गुप्ता और अन्य सदस्यों ने हिरदेश कुमार को बर्खास्त करने का फैसला लिया। बीएसए दीपिका गुप्ता ने बताया कि इस शिक्षक की सेवा समाप्त करने का आदेश जारी कर दिया गया है।
वेतन रिकवरी के निर्देश
बता दें कि शिक्षक की नियुक्ति 11 फरवरी 2009 को विशिष्ट बीटीसी 2007 के अंतर्गत की गई थी। इस मामले में बीएसए ने पुष्टि की है कि फर्जी दस्तावेजों के आधार पर नौकरी पाने वाले शिक्षक की 15 साल की सेवा के दौरान प्राप्त वेतन की रिकवरी की जाएगी। इसके अलावा, खंड शिक्षा अधिकारी को उनके खिलाफ एफआईआर दर्ज करने के निर्देश भी दिए गए हैं।
समिति की बैठक 28 सितंबर को आयोजित की गई
जिला चयन समिति की बैठक 28 सितंबर को आयोजित की गई, जिसमें प्राचार्य डायट मनमोहन शर्मा, बीएसए दीपिका गुप्ता, राजकीय बालिका इंटर कॉलेज मैनपुरी की प्रधानाचार्य सुमन यादव, डीएम द्वारा नामित सदस्य डॉ. सरोज यादव और राजकीय बालिका इंटर कॉलेज की शिक्षिका कुसमा देवी शामिल थीं। इस बैठक में शिक्षक को बर्खास्त करने का निर्णय लिया गया। बीएसए दीपिका गुप्ता ने चयन समिति के आदेश के आधार पर हृदेश कुमार को सेवा से बर्खास्त करने का आदेश जारी किया।
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