समाजवादी पार्टी के महासचिव और राज्यसभा सांसद प्रोफेसर राम गोपाल यादव ने हाल ही में देश के मुख्य न्यायाधीश (CJI) जस्टिस डी. वाई. चंद्रचूड़ को लेकर एक विवादित बयान दिया जिससे विवाद शुरू हुआ लेकिन बाद में उन्होंने ...
रामगोपाल यादव के बयान पर विवाद : चीफ जस्टिस के लिए अपशब्दों के इस्तेमाल का आरोप, सपा महासचिव बोले- मैंने ऐसा नहीं कहा, जांच हो
Oct 21, 2024 17:38
Oct 21, 2024 17:38
उपचुनाव पर यादव का दावा
राम गोपाल यादव ने उपचुनाव के संबंध में कहा कि समाजवादी पार्टी (सपा) की जीत एकतरफा होगी। उन्होंने बसपा के चुनाव लड़ने पर भी कहा कि इसका कोई खास प्रभाव नहीं पड़ेगा। उन्होंने भाजपा पर कटाक्ष करते हुए कहा कि भाजपा को अपनी जमानत बचाने के लिए इंतजाम करना चाहिए क्योंकि पार्टी ने पहले लोकसभा चुनावों में उत्तर प्रदेश की सभी 80 सीटों पर दावा किया था जो पूरा नहीं हुआ। जब उनसे मिल्कीपुर विधानसभा में उपचुनाव की घोषणा न होने के बारे में सवाल पूछा गया तो यादव ने स्पष्ट किया कि यह कानून के तहत नहीं हो सकता और इसमें कोई साजिश नहीं है। इस दौरान यादव ने अपनी पार्टी की स्थिति को मजबूत बताते हुए कहा कि सपा का उपचुनाव में दबदबा रहेगा।
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जस्टिस डी. वाई. चंद्रचूड़ पर विवादित टिप्पणी
मीडिया ने जब उनसे मुख्य न्यायाधीश जस्टिस डी. वाई. चंद्रचूड़ के बाबरी मस्जिद और राम मंदिर विवाद पर दिए गए बयान के बारे में पूछा तो यादव ने एक विवादित प्रतिक्रिया दी। उन्होंने कहा कि जब आप भूतों को ज़िंदा करते हो और मुर्दों को उठाते हो तो वे भूत बन जाते हैं और जस्टिस के पीछे पड़ जाते हैं। उनकी यह टिप्पणी न्यायपालिका के प्रति असम्मानजनक मानी गई। जिससे विवाद बढ़ गया। इसके साथ ही यादव ने मीडिया द्वारा पूछे गए सवालों पर नाराजगी जाहिर करते हुए अपशब्दों का इस्तेमाल किया। जिससे उनकी छवि पर भी सवाल उठने लगे।
CJI का बयान
कुछ दिनों पहले सीजेआई जस्टिस डी. वाई. चंद्रचूड़ ने पुणे में आयोजित एक कार्यक्रम में बाबरी मस्जिद और राम जन्मभूमि विवाद को लेकर अपने अनुभव साझा किए थे। उन्होंने कहा था कि जब यह मामला तीन महीने तक उनके सामने था तो उन्होंने ईश्वर से इसका समाधान खोजने की प्रार्थना की थी। उनका यह बयान धार्मिक आस्था और न्यायपालिका के बीच तालमेल पर आधारित था लेकिन इस पर राम गोपाल यादव की विवादास्पद टिप्पणी ने नई बहस छेड़ दी।
राम गोपाल यादव ने दी सफाई
जब विवाद बढ़ा तो राम गोपाल यादव ने अपने बयान पर सफाई दी और कहा कि उनके बयान को गलत संदर्भ में पेश किया गया है। उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर पोस्ट कर लिखा कि वह करहल विधानसभा उपचुनाव के लिए सपा प्रत्याशी तेजप्रताप सिंह के नामांकन के दौरान मैनपुरी में मौजूद थे। जहां सैकड़ों मीडियाकर्मी उनसे विभिन्न सवाल पूछ रहे थे। उन्होंने कहा कि कुछ शरारती तत्वों ने उनके बयान को तोड़-मरोड़कर पेश किया और सीजेआई का नाम उसमें जोड़ दिया। यादव ने आगे कहा कि उनसे न तो CJI से संबंधित कोई सवाल पूछा गया और न ही उन्होंने इस पर कोई टिप्पणी की। उन्होंने इस कथित फर्जीवाड़े की जांच की मांग की है और मैनपुरी के डीएम और एसएसपी से इसकी जांच कराने का अनुरोध किया है।
आज करहल विधान सभा के लिए होने वाले उप चुनाव के लिए समाजवादी पार्टी के प्रत्याशी तेजप्रताप सिंह का नामांकन था । मैं भी मैनपुरी में था । सैकड़ों इलेक्ट्रॉनिक मीडिया के लोग थे । अधिकतर करहल, मिल्कीपुर और बहराइच के बारे में प्रश्न पूछ रहे थे । बहराइच के बारे कुछ लोगों की…
— Prof. Ram Gopal Yadav (@proframgopalya1) October 21, 2024
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