ग्रामीण क्षेत्रों में मार्ग प्रकाश के लिए लगाई गई स्ट्रीट लाइट भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ गई। इस सम्बंध में एक शिकायत जिलाधिकारी से शपथ पत्र के माध्यम से की गई है। शासन से अनुमन्य कम्पनियों की बजाय डुप्लीकेट कम्पनी की स्ट्रीट लाइट...
Mathura News : ग्रामीण क्षेत्रों में लगी स्ट्रीट लाइटों में भ्रष्टाचार, खुलासा होने पर प्रशासन में हड़कंप...
Dec 26, 2024 16:35
Dec 26, 2024 16:35
क्या है पूरा मामला
शिकायतकर्ता नन्द किशोर पाराशर ने अपनी ही ग्राम पंचायत किशनपुर ब्लॉक बलदेव का खुलासा किया है। उन्होंने जिलाधिकारी को उत्तर प्रदेश शासन से जारी शासनादेश और जिन घरों पर लगाई गई डुप्लीकेट लाइटों के साक्ष्य उपलब्ध कराए हैं। अधिवक्ता नन्द किशोर पाराशर का आरोप है कि पंचायत राज विभाग की सरपरस्ती में स्ट्रीट लाइट लगाने में बड़े स्तर पर भ्रष्टाचार हुआ है, जो जनपद की सभी ग्राम पंचायतों में मार्ग प्रकाश व्यवस्थाओं हेतु लगाई गई हैं। ऐसी डुप्लीकेसी की 52 लाइट गांव किशनुपर में लगी है, जिनमें कुछ बन्द हैं तो कुछ जलती बुझती रहती है। जबकि शासनादेश में यह स्प्ष्ट किया गया है कि जो अनुमन्य कम्पनी है, उनकी ही लाइट राज्य एवं केंद्र वित्त आयोग से प्राप्त धनराशि से लगाई जाए। जब लाइट ख़राब हो तो ग्राम पंचायत उन्हें ठीक कराए। साथ ही विधुत बिल देने की जिम्मेदारी भी ग्राम पंचायतों को सौंपी गई। उत्तर प्रदेश टाइम्स की टीम ने जब इस मामले में जिलाधिकारी से जानकारी की तो उन्होंने कहा कि ग्रामीण क्षेत्रों में प्रकाश व्यवस्था के लिए ग्राम पंचायत और सचिव की जिम्मेदारी होती है। यदि किसी स्तर पर मानकों को दरकिनार किया गया है तो जांच कराई जायेगी।
ये है शासनादेश
बताते चलें कि अपर मुख्य सचिव मनोज कुमार सिंह ने 24 अगस्त 2021 को प्रदेश के पंचायतों में राज्य वित्त आयोग से मार्ग प्रकाश हेतु स्ट्रीट लाइट लगाए जाने को आदेश पारित किया। जिसमें बजाज, सिस्का, ओरिएंट, विप्रो, फिलिप्स, हैवल्स, पैनासोनिक, सूर्या जैसी कम्पनी की ही लाइट लगाने को अनुमन्य की गई। उसके बाद शासनादेश का अनुपालन करते हुए उपनिदेशक पंचायत राज अभय कुमार शाही आगरा की ओर से 4 नवम्बर 2023 को सभी जिला पंचायत राज अधिकारियों को डुप्लीकेसी रोकने के लिये पत्र जारी किया और जियो टैगिंग कराने को कहा गया।
उच्चाधिकारियों से जांच की मांग
शासनादेश में स्ट्रीट लाइट की वॉट के अनुसार, दरों को भी निर्धारित किया गया। कितनी दूरी, ऊंचाई, उसमें लगने वाले पाइप की माप सब कुछ निर्धारित की गई। किन्तु, शिकायतकर्ता का आरोप है कि जो लाइट लगाई गई है, वह मानकों को अनदेखा करते हुए लगाई है। जिसकी उच्चाधिकारियों से जांच करानी चाहिए।
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